शुक्रवार, जून 09, 2017

सुषमा बोली, पाकिस्तान से निपटने में सरकार की नीति में कोई बदलाव नही

नई दिल्ली।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों में ऊहापोह एवं असमंजस के आरोपों को सोमवार को सिरे से खारिज कर दिया और साफ किया कि कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की मुलाकात की कोई योजना नहीं है।
भारत ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) नहीं ले जा सकता और इस विषय को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने पर जोर दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सारे मुद्दों को भारत वार्ता के जरिए सुलझाना चाहता है। साथ ही, यह भी स्पष्ट रूप से कहना चाहता है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पेरिस समझौते से अमेरिका के हट जाने का भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सुषमा ने यहां पत्रकारों से कहा, "भारत ने किसी तरह के निजी हित के चलते पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए। हम जलवायु संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध हैं । अमेरिका द्वारा अपने एच-1बी वीजा नियमों में प्रस्तावित बदलाव के चलते भारतीय पेशेवरों पर पडऩे वाले प्रभाव को लेकर सुषमा ने कहा कि भारत इस संबंध में अमेरिकी संसद और ट्रंप प्रशासन के संपर्क में है। सरकार के तीन साल पूरे होने पर सुषमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान से निपटने में सरकार की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को आईसीजे नहीं ले जा सकता। कश्मीर मुद्दे का हल सिर्फ द्विपक्षीय रूप से ही हो सकता है। वह पाकिस्तान के कानून अधिकारी की उस कथित टिप्पणी पर जवाब दे रही थी, जिसमें कहा गया था कि इस्लामाबाद कश्मीर मुद्दे को आईसीजे ले जाएगा।
मंत्री ने कहा, हम पाकिस्तान के साथ सारे मुद्दों का द्विपक्षीय हल चाहते हैं लेकिन वार्ता और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।
सुषमा स्वराज ने कहा कि पिछले 3 साल में विदेशों में फंसे 80 हजार भारतीयों को सफलतापूर्वक स्वदेश लाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 37.5 फीसदी की वृद्धि हुई है। सुषमा स्वराज ने कहा कि चीन-पाक आर्थिक गलियारा संप्रभुता का मुद्दा है, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, समझौते का सवाल नहीं है। सरकार ने पासपोर्ट सेवाओं में भी सुधार किया है और विस्तार भी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि तीन साल के दौरान पश्चिम एशिया के देशों से भारत के रिश्ते अच्छे हुए हैं और प्रधानमंत्री द्वारा बनाए गए अच्छे रिश्ते महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के दौरान वह किसी थर्ड पार्टी का सहयोग नहीं लेंगे।


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