मंगलवार, अप्रैल 18, 2017

बेसहारा लोगों को नई दिशा देने में जुटी 'पहल'

'कोशिश हमारी साथ आपका'

 

चेयरमैन दीपक अग्रवाल के योग्य एवं सक्षम नेतृत्व में 2005 से  अपनी स्थापना के बाद से ही लगातार अथक प्रयास कर सामाजिक परिवर्तन के लिए बिना सरकारी सहायता के महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।

 'पहल' परिवार का एक उद्देश्य यह भी: हमारी युवा पीढ़ी अपने संस्कारों के प्रति जागरूक हो।


व्यस्त दिनचर्या से कुछ पल निकाल कर कुछ परिवारों को साथ लेकर एक 'पहल' की गई। जैसे-जैसे परिवारों का समूह बढ़ता गया, तो विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर परस्पर विचार-विमर्श से निष्कर्ष निकला कि समाज की सबसे छोटी किन्तु सबसे अहम इकाई परिवार है और परिवार किसी ना किसी समस्या को लेकर कभी ना कभी परेशान हुआ है। यह जरूरत महसूस की गई कि समस्याओं को दूर कैसे किया जाए
ऐसे शुरूआत हुई सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए इन्हीं परिवारों द्वारा प्रयास किए जाने की। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आई सामाजिक संस्था 'पहल' एक परिवार के रूप में नित्य नये सोपान पार कर रही है। 'पहल' ने वर्ष 2005 में अपनी स्थापना के बाद से ही लगातार अथक प्रयास कर सामाजिक परिवर्तन के लिए बिना सरकारी सहायता के महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।
गत एक दशक के दौरान 'पहल' ने सामाजिक बदलाव लाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जन-जागरूकता के प्रयास किए। 'पहल' ने वंचित वर्ग के साथ-साथ उपेक्षित वृद्धों का हाथ थामकर तेजी से दरकती सामाजिक व्यवस्था की बुनियाद को मजबूती प्रदान कर एक नई उम्मीद जगाई है। इसके अतिरिक्त 'पहल' ने अनेकता में एकता एवं आपसी भाईचारे की भावना के लिए विभन्न समुदायों के बीच एक मजबूत पुल बनाने के प्रयास किए। 'पहल' ने बेसहारा, जरूरतमंद लोगों की सहायता कर उनमें जीवन जीने का नया उत्साह उत्पन्न किया।
 'पहल' परिवार चेयरमैन दीपक अग्रवाल के योग्य एवं सक्षम नेतृत्व में समाज में पनपती छोटी-छोटी समस्याओं  का समाधान करने के उद्देश्य से सतत प्रयासरत है। ताकि वंचित वर्ग, बेसहारा वृद्ध जनों, महिलाओं और बच्चों में आत्मनिर्भरता, आत्मसम्मान और राष्ट्र प्रेम से जीवन व्यतीत करने की भावना जाग्रत हो।
'पहल' द्वारा एक दशक पूर्व प्रारम्भ की गई असहाय लोगों की मदद करने की प्रक्रिया आज भी अनवरत जारी है। संस्था की एक पहल से गरीब बच्चेे शिक्षित होकर जीवन पथ पर अग्रसर है, विधवा महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं, और उपेक्षा के  शिकार असहाय वृद्ध जनों में जीने की नई लालसा जागी है। इनकी खुशी ही 'पहल' परिवार द्वारा अर्जित की गई सर्वोच्च उपलब्धि है।  'पहल' परिवार अपने सूत्र वाक्य 'कोशिश हमारी साथ आपका' को सार्थक करते हुए बहुत-से चेहरों पर एक नई मुस्कान लाने में सफल रहा है। एक जागरूक एवं स्वस्थ समाज के निर्माण में सहयोग देने के इच्छुक सदस्यों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। वर्ष 2006 में शुरूआत करने वाला 'पहल' परिवार धीरे-धीरे वटवृक्ष का आकार ले रहा है।
'पहल' परिवार का एक उद्देश्य यह भी है कि हमारी युवा पीढ़ी अपने संस्कारों के प्रति जागरूक हो। आज के युवा बड़े बुजुर्गों के प्रति कत्र्तव्य एवं संस्कार भूलते जा रहे हैं। जन्मदिन या विवाह की वर्षगांठ पर चरण स्पर्श की जगह 'हाय' 'हैलो' ने ली है। युवाओं को अपने संस्कारों के प्रति जागरूक करने के लिए कोशिश हमारी है और साथ आपका चाहिए।
'पहल' परिवार किसी भी सदस्य के परिवारजन के जन्मदिन या विवाह की वर्षगांठ पर उनके घर हवन करने की परंपरा प्रारम्भ करना चाहता है। जिसमें हवन सामग्री, फल-फूल इत्यादि, 'पहल' परिवार की ओर से उपहार स्वरूप भेंट की जाएगी। आप से अनुग्रह है कि आप अपनी इच्छानुसार जन्मदिन या वैवाहिक वर्षगांठ पर 'पहल' परिवार द्वारा हवन करवाकर परिवार जनों को लाभांवित करवाएं।

0 टिप्पणियाँ :

एक टिप्पणी भेजें