दिल्ली का स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का नाम दुनिया के सबसे विस्तृत मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में 2005 में दर्ज हुआ। यह खूबसूरत मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ ही, बहुत ही सुंदर, आकर्षक और आर्किटेक्चर के शानदार उदाहरणों में से एक है। यह मंदिर 10,000 साल पुरानी भारतीय संस्कृति को बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत करता है। मंदिर में भारतीय शिल्पकला, परंपराओं और प्राचीन मान्यताओं को बहुत ही अच्छे तरीके से दर्शाया गया है इस मंदिर की खासियत यह भी है कि इसमें स्टील, इस्पात या कंकरीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर के मिश्रण से बनाया गया है। पांच साल में ही बन गया था यह विशाल मंदिर- स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर का निर्माण कार्य एचडीएच प्रमुख बोचासन के स्वामी महाराज श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) और 11,000 कारीगरों और हजारों बीएपीएस स्वयं ंसेवकों के द्वारा लगभग पांच साल में पूरा किया गया था। इस विशाल मंदिर परिसर का उद्घाटन 6 नवंबर, 2005 को किया गया था। अक्षरधाम मंदिर भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और आध्यात्मिकता का नमूना है। हर साल लाखों पर्यटक यहां दर्शन के लिए आते हैं। अभिषेक में प्रयोग किया जाता है 151 नदियों का जल – मंदिर में किया जाने वाला नीलकंठ वर्णी नाम का अभिषेक बहुत ही प्रसिद्ध है। इससे विश्व शांति के साथ-साथ परिवार और मित्रों के सुख की प्रार्थनाएं भी की जाती हैं। इस अभिषेक के लिए भारत की 151 पवित्र नदियों, झीलों और तालाबों के पानी का उपयोग किया जाता है। जिसकी वजह से ये यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
हाल ही में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अक्षरधाम मंदिर का दौरा किया। मंदिर में पुजारियों ने दोनों नेताओं का स्वागत माला पहनाकर किया और उनकी कलाइयों पर कलावा बांधा। दोनों नेताओं ने मंदिर में फूल चढ़ाए और साथ में तस्वीरें भी खिंचवाई।
हाल ही में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अक्षरधाम मंदिर का दौरा किया। मंदिर में पुजारियों ने दोनों नेताओं का स्वागत माला पहनाकर किया और उनकी कलाइयों पर कलावा बांधा। दोनों नेताओं ने मंदिर में फूल चढ़ाए और साथ में तस्वीरें भी खिंचवाई।
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