आपने गली-मोहल्लों में झगड़ते हुए लोगों को देखा ही होगा। झगडऩे वाले दो लोगों के अलावा धीरे-धीरे आसपास भीड़ जमा होती जाती है और हर कोई जानना चाहता है कि क्या हुआ? इस क्या हुआ के पीछे अधिकतर कैसे सुलझाएं यह विवाद निहितार्थ नहीं होता। पिछले कुछ दिनों से कॉमेडियन कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर के साथ ही उनकी पूरी टीम के बीच हुए विवाद में भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
अगर इस पूरी घटना को देखें तो यह किसी फिल्मी कहानी जैसा है जिसमें एक छोटे शहर का लड़का अपने दोस्तों के साथ मिलकर कुछ करता है, हिट हो जाता है और फिर उसके सर पर शोहरत का नशा चढऩे लगता है। इस नशे में वह अपने दोस्तों के साथ बदसलूकी करता है और फिर अचानक बुरी तरह अकेला पड़ जाता है। इसी अकेलेपन में उसे अपनी गलती का अहसास होता है और फिर सब दोस्त साथ आ जाते हैं। लेकिन कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर समेत उनकी पूरी टीम के बीच हुए इस झगड़े के पीछे क्या सब इतना ही फिल्मी है? क्या यह झगड़ा 'एक म्यान में दो तलवारÓ का है? जो शख्स अपने सफर की शुरुआत से हर दोस्त को साथ जोड़ता आया है, वह अचानक फिल्मों का बिगड़ा हुआ नवाब कैसे बन गया?
यूं तो सितारों के बीच होने वाले झगड़ों में पाठकों की हमेशा रुचि रहती है, लेकिन कपिल शर्मा के अपनी टीम के साथ हुए इस विवाद में लोगों की सिर्फ मजे लेने की मंशा नहीं दिख रही। लोग अक्सर ऐसे विवादों के बारे में पढ़ते हैं और आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन हर सप्ताहांत पर हंसी का डोज लेकर आने वाली इस टीम के बीच हुए झगड़े में ऐसा नहीं लग रहा। शायद इसका सबसे बड़ा कारण है। कपिल शर्मा को एक घबराए हुए लड़के से लेकर एक सुपरहिट शो के कॉन्फिडेंट होस्ट में तब्दील होने के सफर को लोगों ने अपनी आंखों से देखा है।
अमृतसर का कपिल पुंज, अपनी मां का उपनाम चुनकर पुंज से कपिल शर्मा बन गया। साल 2007 के द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में यूं तो कई स्टैंडप कॉमेडियन आए लेकिन कपिल शर्मा ने मिडिल क्लास जोक्स और आम लोगों के दिल में उठने वाले सवालों को अपनी कॉमेडी में कुछ ऐसा जोड़ा कि वह लोगों का चहेता बन गया। द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज के इस सीजन का विजेता भी कपिल रहा, लेकिन पूरे शो में लोगों को हंसाने वाला यह पंजाबी लड़का स्टेज पर फूट-फूट कर रो रहा था। कपिल के कॉलेज के दोस्त चंदन प्रभाकर भी इस शो में कपिल के साथ थे और चंदन इस शो के रनरअप रहे थे। चंदन प्रभाकर ने इस मंच पर अपनी इस उपलब्धि के लिए कपिल को ही सारा क्रेडिट दिया। चंदन ने इस मौके पर बताया था कि कैसे वह इस शो में आने से भी डर रहे थे और खुद कपिल ने उन्हें अपने साथ चलने को कहा। इस शो से जुड़ी रहीं और स्टैंडअप कमेडियन के तौर पर जानी जाने वाली कुछ लड़कियों में से एक सुगंधा मिश्रा भी इसी शो के आगे के सीजन में एक प्रतिभागी बनकर आईं। कपिल शर्मा, सुगंधा मिश्रा, चंदन प्रभाकर, राजीव ठाकुर... यह सभी एक दूसरे के दोस्त हैं और अक्सर कई मौकों पर यह एक-दूसरे का साथ देते हुए नजर आए हैं। इस एक ही कॉमेडी शो से निकले यह कई सारे लोग कॉमेडी जैसी एक ही विधा में अपनी किस्मत आजमा रहे थे और किस्मत ने हमेशा कपिल का साथ दिया।
इसके बाद कॉमेडी सर्कस में भी इन सभी कॉमेडियनों को आपने देखा लेकिन कपिल शर्मा ने अपनी कॉमेडी के अंदाज से कॉमेडी सर्कस के 6 सीजनों को जीता। इतने सालों में कपिल के हाथों सिर्फ जीत लगी थी। कपिल के इस पूरे सफर को लोगों ने टीवी पर देखा है। वर्ष 2013 में कपिल शर्मा ने अपने प्रोडक्शन हाउस के तहत अपना पहला शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल शुरू किया।
इसके जरिए एक बार फिर कपिल ने लोगों को अपनी कॉमेडी की आदत लगा दी। इस सारे सफर में लोगों ने देखा कि कपिल ने उसका साथ देने वालों या कहें अपने साथियों का हाथ कभी नहीं छोड़ा। चाहे अपने पहले कॉमेडी शो के जज रहे पूर्व क्रिकेटर और पॉलिटीशियन नवजोत सिंह सिद्धू हों या फिर अपने पिंड के दोस्त चंदन, राजीव या सुगंधा हों। कपिल हमेशा अपने लोगों के साथ दिखे। कपिल शर्मा की यही वह छवि थी जिसने उन्हें एक कॉमेडियन से स्टार बना दिया।
कपिल के जमीन से आसमान तक उडऩे के इस पूरे सफर को लोगों ने देखा है और यही कारण है कि उनके बिगड़ते रवैये ने उन लोगों को आहत भी किया है, जिन्होंने कभी कपिल के लिए अपनी शाबाशियां दी थीं।
सुनील ग्रोवर को कॉमेडी और व्यंग के बादशाह जसपाल भट्टी ने खोजा था। सुनील उन दिनों कॉलेज में ही थे। उस यंग सुनील ग्रोवर को आप जसपाल भट्टी के कॉमेडी सीरियल फुल टेंशन में देख चुके हैं। सुनील ग्रोवर कला के धनी रहे हैं लेकिन शायद किस्मत के नहीं। चाहे साइलेंट कॉमेडी (गुटर गूं) हो या फिर सिर्फ रेडियो पर अपनी आवाज से लोगों को अपना फैन बनाना हो (रेडियो मिर्ची के शो हंसी के फव्वारे के सुड बनकर) सुनील हिट तो रहे, लेकिन कभी यह नाम लोगों की जुबान पर ऐसा नहीं चढ़ा, जैसा 2013 में आए कपिल शर्मा के शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल में गुत्थी बन कर चढ़ा। सुनील ने गुत्थी को घर-घर तक पहुंचा दिया और खुद कपिल के शो में जैसे गुत्थी के आगे सब गैरजरूरी से लगने लगे। इसी शो से यह दो दिग्गज साथ जुड़ गए और आगे जो हुआ उसके हम सब साक्षी हैं।
इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए अगर आज की स्थिति की बात करें तो साफ है कि कपिल शर्मा के साथ अभी तक जुड़े अधिकतर विवाद उनके छोटे पर्दे से बड़े पर्दे पर जाने के बाद के ही किस्से हैं। जैसे 15 करोड़ के टैक्स का दिखावा हो या फिर अपने शो के सेट पर सितारों को घंटों इंतजार कराने के वाकये हों। यूं तो सुनील ग्रोवर भी कई फिल्मों का हिस्सा रहे हैं लेकिन यह फिल्में सुनील को एक चेहरा नहीं बना पाए। शायद यही कारण है कि सुनील के पास इस जमीनी सच्चाई से जुड़े रहने की कई वजहें थीं। कपिल शर्मा को टीवी से मिली शौहरत ने कभी उतना घमंडी नहीं होने दिया, जितना फिल्मी दुनिया में कदम रखने के बाद कपिल शर्मा हो गए। लेकिन अहम की इस लड़ाई में हर वह दर्शक खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है जिसने कपिल को दिलाई इस शोहरत में अपनी हिस्सेदारी दी है।
इस फिल्मी कहानी में वैसे तो सब कुछ हो चुका है बस अब देखना बाकी है कि आखिर में नशे में डूबा यह लड़का अपने दोस्तों को फिर से साथ ला पाता है या नहीं। कहानी के इस मोड़ पर कई दर्शक निराश जरूर हैं। लेकिन पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त....।
अगर इस पूरी घटना को देखें तो यह किसी फिल्मी कहानी जैसा है जिसमें एक छोटे शहर का लड़का अपने दोस्तों के साथ मिलकर कुछ करता है, हिट हो जाता है और फिर उसके सर पर शोहरत का नशा चढऩे लगता है। इस नशे में वह अपने दोस्तों के साथ बदसलूकी करता है और फिर अचानक बुरी तरह अकेला पड़ जाता है। इसी अकेलेपन में उसे अपनी गलती का अहसास होता है और फिर सब दोस्त साथ आ जाते हैं। लेकिन कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर समेत उनकी पूरी टीम के बीच हुए इस झगड़े के पीछे क्या सब इतना ही फिल्मी है? क्या यह झगड़ा 'एक म्यान में दो तलवारÓ का है? जो शख्स अपने सफर की शुरुआत से हर दोस्त को साथ जोड़ता आया है, वह अचानक फिल्मों का बिगड़ा हुआ नवाब कैसे बन गया?
यूं तो सितारों के बीच होने वाले झगड़ों में पाठकों की हमेशा रुचि रहती है, लेकिन कपिल शर्मा के अपनी टीम के साथ हुए इस विवाद में लोगों की सिर्फ मजे लेने की मंशा नहीं दिख रही। लोग अक्सर ऐसे विवादों के बारे में पढ़ते हैं और आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन हर सप्ताहांत पर हंसी का डोज लेकर आने वाली इस टीम के बीच हुए झगड़े में ऐसा नहीं लग रहा। शायद इसका सबसे बड़ा कारण है। कपिल शर्मा को एक घबराए हुए लड़के से लेकर एक सुपरहिट शो के कॉन्फिडेंट होस्ट में तब्दील होने के सफर को लोगों ने अपनी आंखों से देखा है।
अमृतसर का कपिल पुंज, अपनी मां का उपनाम चुनकर पुंज से कपिल शर्मा बन गया। साल 2007 के द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में यूं तो कई स्टैंडप कॉमेडियन आए लेकिन कपिल शर्मा ने मिडिल क्लास जोक्स और आम लोगों के दिल में उठने वाले सवालों को अपनी कॉमेडी में कुछ ऐसा जोड़ा कि वह लोगों का चहेता बन गया। द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज के इस सीजन का विजेता भी कपिल रहा, लेकिन पूरे शो में लोगों को हंसाने वाला यह पंजाबी लड़का स्टेज पर फूट-फूट कर रो रहा था। कपिल के कॉलेज के दोस्त चंदन प्रभाकर भी इस शो में कपिल के साथ थे और चंदन इस शो के रनरअप रहे थे। चंदन प्रभाकर ने इस मंच पर अपनी इस उपलब्धि के लिए कपिल को ही सारा क्रेडिट दिया। चंदन ने इस मौके पर बताया था कि कैसे वह इस शो में आने से भी डर रहे थे और खुद कपिल ने उन्हें अपने साथ चलने को कहा। इस शो से जुड़ी रहीं और स्टैंडअप कमेडियन के तौर पर जानी जाने वाली कुछ लड़कियों में से एक सुगंधा मिश्रा भी इसी शो के आगे के सीजन में एक प्रतिभागी बनकर आईं। कपिल शर्मा, सुगंधा मिश्रा, चंदन प्रभाकर, राजीव ठाकुर... यह सभी एक दूसरे के दोस्त हैं और अक्सर कई मौकों पर यह एक-दूसरे का साथ देते हुए नजर आए हैं। इस एक ही कॉमेडी शो से निकले यह कई सारे लोग कॉमेडी जैसी एक ही विधा में अपनी किस्मत आजमा रहे थे और किस्मत ने हमेशा कपिल का साथ दिया।
इसके बाद कॉमेडी सर्कस में भी इन सभी कॉमेडियनों को आपने देखा लेकिन कपिल शर्मा ने अपनी कॉमेडी के अंदाज से कॉमेडी सर्कस के 6 सीजनों को जीता। इतने सालों में कपिल के हाथों सिर्फ जीत लगी थी। कपिल के इस पूरे सफर को लोगों ने टीवी पर देखा है। वर्ष 2013 में कपिल शर्मा ने अपने प्रोडक्शन हाउस के तहत अपना पहला शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल शुरू किया।
इसके जरिए एक बार फिर कपिल ने लोगों को अपनी कॉमेडी की आदत लगा दी। इस सारे सफर में लोगों ने देखा कि कपिल ने उसका साथ देने वालों या कहें अपने साथियों का हाथ कभी नहीं छोड़ा। चाहे अपने पहले कॉमेडी शो के जज रहे पूर्व क्रिकेटर और पॉलिटीशियन नवजोत सिंह सिद्धू हों या फिर अपने पिंड के दोस्त चंदन, राजीव या सुगंधा हों। कपिल हमेशा अपने लोगों के साथ दिखे। कपिल शर्मा की यही वह छवि थी जिसने उन्हें एक कॉमेडियन से स्टार बना दिया।
कपिल के जमीन से आसमान तक उडऩे के इस पूरे सफर को लोगों ने देखा है और यही कारण है कि उनके बिगड़ते रवैये ने उन लोगों को आहत भी किया है, जिन्होंने कभी कपिल के लिए अपनी शाबाशियां दी थीं।
सुनील ग्रोवर को कॉमेडी और व्यंग के बादशाह जसपाल भट्टी ने खोजा था। सुनील उन दिनों कॉलेज में ही थे। उस यंग सुनील ग्रोवर को आप जसपाल भट्टी के कॉमेडी सीरियल फुल टेंशन में देख चुके हैं। सुनील ग्रोवर कला के धनी रहे हैं लेकिन शायद किस्मत के नहीं। चाहे साइलेंट कॉमेडी (गुटर गूं) हो या फिर सिर्फ रेडियो पर अपनी आवाज से लोगों को अपना फैन बनाना हो (रेडियो मिर्ची के शो हंसी के फव्वारे के सुड बनकर) सुनील हिट तो रहे, लेकिन कभी यह नाम लोगों की जुबान पर ऐसा नहीं चढ़ा, जैसा 2013 में आए कपिल शर्मा के शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल में गुत्थी बन कर चढ़ा। सुनील ने गुत्थी को घर-घर तक पहुंचा दिया और खुद कपिल के शो में जैसे गुत्थी के आगे सब गैरजरूरी से लगने लगे। इसी शो से यह दो दिग्गज साथ जुड़ गए और आगे जो हुआ उसके हम सब साक्षी हैं।
इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए अगर आज की स्थिति की बात करें तो साफ है कि कपिल शर्मा के साथ अभी तक जुड़े अधिकतर विवाद उनके छोटे पर्दे से बड़े पर्दे पर जाने के बाद के ही किस्से हैं। जैसे 15 करोड़ के टैक्स का दिखावा हो या फिर अपने शो के सेट पर सितारों को घंटों इंतजार कराने के वाकये हों। यूं तो सुनील ग्रोवर भी कई फिल्मों का हिस्सा रहे हैं लेकिन यह फिल्में सुनील को एक चेहरा नहीं बना पाए। शायद यही कारण है कि सुनील के पास इस जमीनी सच्चाई से जुड़े रहने की कई वजहें थीं। कपिल शर्मा को टीवी से मिली शौहरत ने कभी उतना घमंडी नहीं होने दिया, जितना फिल्मी दुनिया में कदम रखने के बाद कपिल शर्मा हो गए। लेकिन अहम की इस लड़ाई में हर वह दर्शक खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है जिसने कपिल को दिलाई इस शोहरत में अपनी हिस्सेदारी दी है।
इस फिल्मी कहानी में वैसे तो सब कुछ हो चुका है बस अब देखना बाकी है कि आखिर में नशे में डूबा यह लड़का अपने दोस्तों को फिर से साथ ला पाता है या नहीं। कहानी के इस मोड़ पर कई दर्शक निराश जरूर हैं। लेकिन पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त....।
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