शनिवार, अप्रैल 29, 2017

ट्रिपल तलाक के खिलाफ हैं बॉलीवुड के 'नवाब'

अज़ान पर बोले- जितनी कम आवाज हो उतना ही अच्छा है

एजेंसियां
नई दिल्ली। 

बॉलीवुड के 'नवाब' यानि सैफ अली खान ने ट्रिपल तलाक और सोनू निगम के अज़ान लाउडस्पीकर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखी है।
ट्रिपल तलाक पर अपनी बात रखते हुए सैफ ने कहा कि वे इस प्रथा से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अमृता सिंह से निकाह किया था और कानूनी तौर पर उन्हें तलाक भी दिया था।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने करीना से भारत सरकार के प्रावधानों के तहत ही शादी की थी। सैफ ने ट्रिपल तलाक के बारे में कहा कि हां मैंने निकाह किया था, मेरे ऊपर मेरे बच्चों की जिम्मेदारियां थीं। मैं ट्रिपल तलाक की प्रथा को नहीं मानता और इसीलिए मैंने भी ऐसे तलाक नहीं लिया था। मैंने बाकायदा कानूनन तलाक लिया था।  सैफ ने दुनिया भर में इस्लाम के लिए बढ़ते डर के बारे में भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, मुझे अपनी पहचान के कारण कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन दुनिया भर में इस्लाम के लिए नफरत और डर है, जो चिंताजनक है। मुसलमान को ऐसा लगता है कि उसे जबरन सताया जाएगा, उसके साथ भेदभाव किया जाएगा। मुस्लिम और यहूदी जैसी कोई बात नहीं होती है। लोग मुसलमान का एक चित्र खींच देते हैं और कहते हैं कि मुसलमान ऐसा करते हैं, वैसा करते हैं। सभी लोग की अलग पहचान होती है और जब हमें मुस्लिम कहकर पुकारा जाता है तो ये बहुत भयानक होता है।
सैफ अली खान ने सोनू निगम के अज़ान लाउडस्पीकर विवाद पर भी अपनी राय दी। इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में सैफ अली खान ने सोनू निगम के ट्वीट पर कमेंट करते हुए कहा है, कि बतौर अल्पसंख्यक दुनिया में आपको लोगों को अपनी मौजूदगी का एहसास कराना पड़ता है, लोगों को अपनी मौजूदगी की स्वीकार करवानी पड़ती है।
सैफ ने कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि जितनी कम आवाज हो उतना ही अच्छा है, लेकिन मैं ये भी समझता हूं कि अजान के दौरान आवाज को तेज करने से एक तरह से असुरक्षा की भावना से पैदा होती है।
सैफ अली खान के मुताबिक एक अल्पसंख्यक होने के नाते आप चाहते हैं कि दूसरे लोग आपकी मौजूदगी का एहसास करें यहीं नहीं वे आपकी उपस्थिति को स्वीकार भी करें।
सैफ ने कहा कि अगर इस हालत में कोई भी अजान की आवाज को कम करने को कहता है तो इससे कुछ लोगों का उग्र हो जाना स्वभाविक है। हालांकि, उन्होंने ये भी माना कि सोनू निगम की शिकायत करने का तरीका गलत था।

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