नई दिल्ली।
चुनाव आयोग ने अनंतनाग लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को 25 मई तक टालने का फैसला किया है। चुनाव आयोग का कहना है जम्मू कश्मीर सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार चुनाव के लिए राज्य में कानून व्यवस्था अनुकूल नहीं है। आपको बता दें कि पहले यहां उपचुनाव 12 अप्रैल को होना था।
चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य प्रशासन को आशंका है कि चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए बदमाशों की ओर से ''हिंसक प्रयास'' किए जा सकते हैं। इस अधिसूचना में श्रीनगर में हुए उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा का भी जिक्र किया गया।
चुनाव आयोग ने एक जून तक अनंतनाग में चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद जताई है। इतना लंबा वक्त इस बात को ध्यान में रखते हुए दिया गया है कि वहां कुछ मतदान केन्द्रों में दोबारा मतदान हो सकते हैं। अनंतनाग सीट महबूबा मुफ्ती के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद लोक सभा से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है।
श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं और मतदान का प्रतिशत भी बेहद कम रहने के कारण चुनाव आयोग उन मतदान केन्द्रों मे दोबारा चुनाव कराने के संबंध में शीघ्र हर कोई निर्णय सकता है। श्रीनगर में चुनावों के दौरान हुई हिंसा के बाद सुरक्षाबलों को भीड़ को काबू में करने के लिए गोलियां चलानी पड़ी जिसमें आठ लोंगों की जानें चली गईं।
राज्य में हुए उपचुनाव में हिंसा के कारण कुछ केन्द्रों में पुनर्मतदान और अनंतनाग में होने वाले उपचुनाव को स्थगित करने के संबंध में पार्टियों की राय जानने के लिए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा तथा विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक की जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्षी नेता आपस में उलझ गए।
बैठक के दौरान नेशनल कांफ्रेन्स के नेताओं ने पीडीपी के प्रतिनिधि वजीद उर रहमान के बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवार मुफ्ती तस्सादक ने अनंतनाग चुनाव को स्थगित करने की मांग को दोहराया था।
बैठक में मौजूद सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे लेकिन मतों में भिन्नता होने के कारण उनके बीच वाक युद्ध चलता रहा। इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कहा कि कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास जगाने की दशकों की मेहनत को भाजपा सरकार ने पलट कर रख दिया है। उन्होंने राज्य की पीडीपी भाजपा सरकार के पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाया।
चुनाव आयोग ने अनंतनाग लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को 25 मई तक टालने का फैसला किया है। चुनाव आयोग का कहना है जम्मू कश्मीर सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार चुनाव के लिए राज्य में कानून व्यवस्था अनुकूल नहीं है। आपको बता दें कि पहले यहां उपचुनाव 12 अप्रैल को होना था।
चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य प्रशासन को आशंका है कि चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए बदमाशों की ओर से ''हिंसक प्रयास'' किए जा सकते हैं। इस अधिसूचना में श्रीनगर में हुए उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा का भी जिक्र किया गया।
चुनाव आयोग ने एक जून तक अनंतनाग में चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद जताई है। इतना लंबा वक्त इस बात को ध्यान में रखते हुए दिया गया है कि वहां कुछ मतदान केन्द्रों में दोबारा मतदान हो सकते हैं। अनंतनाग सीट महबूबा मुफ्ती के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद लोक सभा से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है।
श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं और मतदान का प्रतिशत भी बेहद कम रहने के कारण चुनाव आयोग उन मतदान केन्द्रों मे दोबारा चुनाव कराने के संबंध में शीघ्र हर कोई निर्णय सकता है। श्रीनगर में चुनावों के दौरान हुई हिंसा के बाद सुरक्षाबलों को भीड़ को काबू में करने के लिए गोलियां चलानी पड़ी जिसमें आठ लोंगों की जानें चली गईं।
राज्य में हुए उपचुनाव में हिंसा के कारण कुछ केन्द्रों में पुनर्मतदान और अनंतनाग में होने वाले उपचुनाव को स्थगित करने के संबंध में पार्टियों की राय जानने के लिए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा तथा विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक की जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्षी नेता आपस में उलझ गए।
बैठक के दौरान नेशनल कांफ्रेन्स के नेताओं ने पीडीपी के प्रतिनिधि वजीद उर रहमान के बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवार मुफ्ती तस्सादक ने अनंतनाग चुनाव को स्थगित करने की मांग को दोहराया था।
बैठक में मौजूद सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे लेकिन मतों में भिन्नता होने के कारण उनके बीच वाक युद्ध चलता रहा। इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कहा कि कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास जगाने की दशकों की मेहनत को भाजपा सरकार ने पलट कर रख दिया है। उन्होंने राज्य की पीडीपी भाजपा सरकार के पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाया।
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