गुरुवार, अप्रैल 06, 2017

"एक देश, एक टेक्स"

राज्यसभा में जीएसटी बिल पास

1 जुलाई से जीएसटी लागू होने का रास्ता हुआ साफ, राज्य सभा ने बिना संशोधन के पारित किए चारों विधेयक

कोई एक व्यक्ति इसका क्रेडिट नहीं ले सकता, सभी सरकारों के सहयोग से जीएसटी लागू : जेटली

दीपाक्षर टाइम्स संवादाता
नई दिल्ली।
तमाम अड़चनों के बाद आखिरकार वीरवार को राज्यसभा में जीएसटी बिल पास हो गया है। संसद की ऊपरी सदन में बिना कोई संशोधन इस विधेयक को सर्वस मति से पारित कर दिया गया है। केंद्र सरकार के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने इस कदम ऐतिहासिक बताया। मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक सुधार की दिशा में ये एक बेहतरीन कदम है।
राज्यसभा में बिल पास होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार को उ मीद है कि 1 जुलाई से देशभर में जीएसटी कानून लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा।
हालांकि इससे पहले राज्यसभा में बुधवार को जीएसटी पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कई सवाल खड़े किए थे। शर्मा ने सवाल खड़े किए थे कि जीएसटी के दूरगामी परिणाम क्या होंगे और इससे क्या नफा-नुकसान होगा, इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा था कि जो नियम लोकसभा से पारित हुए हैं, उसमें गुड्स पर टैक्स को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है।
दरअसल सरकार ने राज्यसभा में जीएसटी बिल को मनी बिल के रूप में पेश किया था। बुधवार को चर्चा में शामिल होने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था। पार्टी सांसदों को दो दिन तक चर्चा के दौरान मौजूद रहने का फरमान जारी किया गया था। बता दें, जीएसटी से जुड़े अहम विधेयक लोकसभा से पारित हो चुके हैं।
राज्यसभा के बाद राज्यों की विधानसभा से जीएसटी बिल को मंजूरी दिलानी होगी। सरकार के लिए ये बड़ी चुनौती है। हालांकि सभी राज्यों से बिल पर चर्चा हो चुकी है। ऐसे में सरकार को उ मीद है कि राज्य विधानसभाओं से बिल को अनुमति मिल जाएगी। दरअसल जीएसटी लागू होने की समय सीमा 15 सितंबर है। लेकिन सरकार 1 जुलाई को इसे हर हाल में लागू करना चाहती है।
देश में एक जुलाई से ऐतिहासिक गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) का रास्ता साफ करते हुए राज्य सभा ने वीरवार को चार विधेयकों को बिना किसी संशोधन के अपनी मंजूरी दे दी। सेंट्रल जीएसटी बिल 2017, केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी बिल 2017, एकीकृत जीएसी बिल 2017 और जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) विधेयक 2017 को राज्य सभा ने चर्चा के बाद लोक सभा को वापस लौटा दिए।
लोक सभा ने इन विधेयकों को 29 मार्च को पारित कर दिया था। अब सभी राज्यों को स्टेट जीएसटी विधेयक अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित कराना होगा इसके बाद ही नया जीएसटी कानून लागू किया जा सकेगा।
आठ घंटे चली लंबी परिचर्चा के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब देते हुए यह स्पष्ट किया कि जीएसटी लागू होने से मुद्रास्फीति नहीं बढ़ेगी, जैसा कि कुछ वर्गों द्वारा आशंका जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे पूरे देश में एक समान टैक्स व्यवस्था की शुरुआत होगी।
जीएसटी रेट पर 18-19 मई को जीएसटी काउंसिल चर्चा करेगी। जेटली ने कहा कि एक बार नई व्यवस्था लागू हो जाए उसके बाद विभिन्न विभागों द्वारा कारोबारियों को परेशान करने की समस्या स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। पूरे देश में एक वस्तु या सेवा के लिए एक जैसा टैक्स होगा।
केंद्र और राज्यों की भागीदारी से बनी शक्तिशाली जीएसटी काउंसिल ने चार स्तरीय टैक्स ढांचा का सुझाव दिया है, जो 5,12, 18 और 28 प्रतिशत है। सबसे ऊंचे कर स्तर पर लग्जरी और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों पर उपकर लगाने का भी प्रस्ताव है। इससे जीएसटी लागू होने से राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई पहले पांच साल के लिए करने के लिए राशि जुटाई जाएगी।
जेटली ने कहा कि सभी सरकारों के सहयोग से जीएसटी लागू होने जा रहा है और कोई एक व्यक्ति इसका क्रेडिट नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सभी की संयुक्त संपत्ति है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से केंद्र, राज्यों, उद्योग और व्यापार सभी को फायदा होगा।



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