जाधव को भारत का जासूस बताकर पाकिस्तान ने सुनाई मौत की सजा
कुलभूषण सुधीर जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल |
नई दिल्ली।
संसद में मंगलवार को भारतीय नागरिक कुलभूषण सुधीर जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाए जाने का मुद्दा गूंजा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के मुद्दे पर राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव को कल फांसी की सजा सुनाई गई, लेकिन उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। फांसी को सुनियोजित हत्या माना जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुलभूषण जाधव को बचाने का सरकार पूरा प्रयास करेगी। हम फांसी की सजा की निंदा करते हैं। उधर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने लोकसभा में कहा कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी होती है, तो यह मोदी सरकार की कमजोरी होगी।
विदेश मंत्री से पहले कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा दिए जाने की हमारी सरकार निंदा करती है। कुलभूषण के साथ न्याय होगा। जाधव को बचाने का सरकार पूरा प्रयास करेगी। कुलभूषण के जासूस होने का सवाल ही नहीं। जाधव के पास भारत का वैध पासपोर्ट है। वैध पासपोर्ट के साथ वह जासूस कैसे हो सकता है?
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने लोकसभा में कहा कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी होती है, तो हम उसे सोचा समझा मर्डर कहेंगे। अगर जाधव को बचाया नहीं गया, तो यह सरकार की कमजोरी होगी। सरकार को कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए। उन्हें बचाने के हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।
जाधव के मुद्दे पर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस जाधव पर हल्की राजनीति कर रही है। जाधव के साथ हम सब खड़े हुए हैं। सभी लोगों को मिलकर जाधव को बचाना चाहिए।
लोकसभा में जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के मुद्दे पर ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत एक बनाना अदालत है, जहां किसी नियम का पालन नहीं किया जाता। किसी को भी बिना सबूतों के किसी को भी सजा सुना दी जाती है। भारत सरकार को इस मुद्दे पर दबाव बनाना चाहिए, ताकि जाधव को सुरक्षित वापस लाया जा सके।
भारत ने सोमवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को बुलाया और जाधव को मौत की सजा देने के लिए पाकिस्तानी सैन्य अदालत के खिलाफ एक डिमार्च जारी किया। इधर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग को अदालत में जाधव की सुनवाई के बारे में भी सूचित नहीं किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल ईरान से जाधव का अपहरण किया गया था और उनकी उपस्थिति पाकिस्तानी अधिकारियों ने कभी भी स्पष्ट नहीं की थी।
एक अधिकारी ने कहा, जाधव के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत नहीं था, ऐसे में सबूतों की अनुपस्थिति में उन्हें फांसी की सजा सुनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों ने खुद साक्ष्यों की पर्याप्तता के बारे में संदेह किया था।
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को जवाब तलब करने के बाद डिमार्शे जारी करते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव को जिस जासूसी के आरोप में बिना किसी पुख्ता सबूत के फांसी की सज़ा सुनाई गई है वह हास्यास्पद है। विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में लिखे डिमार्शे में कहा कि अगर बिना किसी कानून और न्यायिक प्रक्रिया के भारतीय नागरिक को फांसी की सज़ा दी जाती है तो भारत की जनता और यहां की सरकार इसे सुनियोजित हत्या मानेगी।
पाकिस्तान ने सोमवार को कहा था कि कुलभूषण जाधव को इस्लामाबाद के खिलाफ युद्ध छेडऩे और जासूस के आरोप में फांसी की सज़ा दी गई है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई सेंटर- द इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेंशस (आईएसपीआर) ने कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल में यह सज़ा सुनाई गई जिसकी पुष्टि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने किया। आईएसपीआर ने कहा कि जाधव ने मजिस्ट्रेट के सामने यह माना है कि उसे भारत की खुफिया एजेंसी रॉ की तरफ से इस्लामाबाद के खिलाफ योजना बनाने, जासूस करने और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेडऩे और वहां अस्थिरता फैलाने का काम दिया गया था।
बता दें कि जाधव को 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान के माशकेल में पकड़ा गया था। सैन्य अदालत में उनके खिलाफ पाकिस्तान आर्मी एक्ट और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत केस चला।
दूसरी तरफ देश के आम लोगों में पाकिस्तान को लेकर गुस्सा भड़क उठा है। सोमवार शाम से ही सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक यह गुस्सा देखने को मिल रहा है। ट्विटर पर कुलभूषण का नाम टॉप ट्रेंड्स में शामिल है, तो वहीं फेसबुक पर भी लोग इसे लेकर लगातार पोस्ट डाल रहे हैं।
उधर नागपुर में लोग पाकिस्तान के इस कदम का विरोध करते हुए सड़कों पर आ गए। उन्होंने 'पाकिस्तान मुर्दाबादÓ के नारे लगाए और उसका पुतला भी फूंका। कुछ लोग जाधव की तस्वीर भी हाथ में लिए हुए थे।
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