एजेंसियां
नई दिल्ली।
पाकिस्तान और चीन के बीच रिश्ते अच्छे रहे हैं, लेकिन इसमें और मजबूती लाने का काम अब गधे करेंगे। अब आप सोच में पड़ गए होंगे कि अब भला गधे दो देशों के बीच रिश्तों में मजबूत कैसे ला सकते हैं। तो चलिए आपकी इस जिज्ञासा को शांत कर ही देते हैं।
दरअसल, गधों की खाल का चीन में काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसे देखते हुए पाकिस्तान ने फैसला लिया है कि वो अपने यहां के गधों को चीन में बेचेगा, जिससे वो काफी मुनाफा कमा सकता है। गधे की खाल से निकलने वाली जिलेटिन का इस्तेमाल कई तरह की महंगी दवाओं को बनाने में किया जाता है।
पाकिस्तान द्वारा चीन को गधे निर्यात किए जाने की इस योजना को 'खैबर पख्तूख्वा चाइना सस्टेनेबल डंकी डेवलेपमेंट प्रोग्राम' नाम दिया गया है। इसका मकसद चीन को गधे निर्यात करना और चीन में गधों की ब्रीडिंग के लिए मदद मुहैया करना है। खबरों के मुताबिक, एक गधे की खाल से पाकिस्तान को 18 से 20 हजार रुपये मिलेंगे। इस हिसाब से पाकिस्तान को इस सौदे से काफी मुनाफा होगा। मालूम हो कि खैबर पख्तूख्वा में बड़ी तादाद में गधे पाए जाते हैं।
चीन को होने वाले निर्यात में कोई कमी ना आए इसके लिए इसके लिए गधों की आबादी में इजाफा किया जाएगा। इस योजना के द्वारा गधे पालने वाले समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। 1990 के दशक में चीन में एक करोड़ 10 लाख गधे थे। अब ये आबादी घटकर 60 लाख रह गई है। आंकड़ों के मुताबिक, चीन में सालाना तीन लाख गधे कम होते जा रहे हैं।
नई दिल्ली।
पाकिस्तान और चीन के बीच रिश्ते अच्छे रहे हैं, लेकिन इसमें और मजबूती लाने का काम अब गधे करेंगे। अब आप सोच में पड़ गए होंगे कि अब भला गधे दो देशों के बीच रिश्तों में मजबूत कैसे ला सकते हैं। तो चलिए आपकी इस जिज्ञासा को शांत कर ही देते हैं।
दरअसल, गधों की खाल का चीन में काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसे देखते हुए पाकिस्तान ने फैसला लिया है कि वो अपने यहां के गधों को चीन में बेचेगा, जिससे वो काफी मुनाफा कमा सकता है। गधे की खाल से निकलने वाली जिलेटिन का इस्तेमाल कई तरह की महंगी दवाओं को बनाने में किया जाता है।
पाकिस्तान द्वारा चीन को गधे निर्यात किए जाने की इस योजना को 'खैबर पख्तूख्वा चाइना सस्टेनेबल डंकी डेवलेपमेंट प्रोग्राम' नाम दिया गया है। इसका मकसद चीन को गधे निर्यात करना और चीन में गधों की ब्रीडिंग के लिए मदद मुहैया करना है। खबरों के मुताबिक, एक गधे की खाल से पाकिस्तान को 18 से 20 हजार रुपये मिलेंगे। इस हिसाब से पाकिस्तान को इस सौदे से काफी मुनाफा होगा। मालूम हो कि खैबर पख्तूख्वा में बड़ी तादाद में गधे पाए जाते हैं।
चीन को होने वाले निर्यात में कोई कमी ना आए इसके लिए इसके लिए गधों की आबादी में इजाफा किया जाएगा। इस योजना के द्वारा गधे पालने वाले समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। 1990 के दशक में चीन में एक करोड़ 10 लाख गधे थे। अब ये आबादी घटकर 60 लाख रह गई है। आंकड़ों के मुताबिक, चीन में सालाना तीन लाख गधे कम होते जा रहे हैं।
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