शुक्रवार, अप्रैल 28, 2017

जानलेवा साबित हो रहा 'पोकेमॉन गो' के बाद अब 'ब्लू व्हेल'

पिछले साल 'पोकेमॉन गो' जानलेवा गेम साबित हुआ था, अब 'ब्लू व्हेल' नामक गेम लोगों की जान ले रहा है। मेट्रो वेबसाइट के मुताबिक 'ब्लू व्हेल' के चलते रूस में अब तक 130 बच्चे जान खुदकुशी कर चुके हैं। चिंता की बात यह है कि जल्द ही ब्रिटेन में भी यह 'ब्लू व्हेल' गेम लांच होने जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस गेम को खेलने के दौरान बच्चे डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इसी वजह से वे खुदकुशी तक का फैसला ले रहे हैं। ब्लू व्हेल गेम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खेला जाता है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस गेम के बारे में काफी चर्चा हो रही है।
अगर आप इस गेम को खेलना शुरू करेंगे तो आपको एक 'मास्टर' मिलता है। यही मास्टर अगले 50 दिनों तक आपको यानी यूजर को कंट्रोल करता रहेगा। हर रोज वह आपको एक टास्क देता है। इनमें से ज्यादातर टास्क ऐसे होते हैं, जिनमें खुद को नुकसान पहुंचाना होता है। उदाहरण के तौर पर खुद के खून से ब्लू व्हेल बनाना, दिन-दिन हॉरर फिल्में देखना और देर रात को जागना। इन्हीं टास्क को पूरा करने के दौरान बच्चे डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इस गेम में 50वें दिन खेलने वाले को जान देकर विजेता बनने की बात कही जाती है।
अमेरिका में एक महिला पोकेमॉन खेलते-खेलते पेड़ में अटक गई, बाद में रैसक्यू टीम ने महिला को पेड़ से नीचे उतारा। अपने स्मार्टफोन पर एक महिला पोकेमॉन गेम खेलते हुए पेड़ में चढ़ गई। जब गेम खत्म हुआ तो महिला ने खुद को पेड़ पर पाया। इसकी सूचना महिला ने खुद आपातकालीन सेवा 911 में फोन करके दी। रेस्क्यू टीम के वरिष्ठ अधिकारी रॉब गोल्ड ने हालाकि रैस्क्यू विभाग ने महिला का नाम गुप्त रखा लेकिन उन्होने कहा कि इस घटना के बाद महिला शंर्मिंदा नजर आई।  मालूम हो कि पोकेमॉन शब्द दरअसल पॉकेट मॉन्स्टर की शॉर्ट फॉर्म है, और इस मोबाइल फोन गेम में लोग वर्चुअल दुनिया के ट्रेनर बनकर अलग-अलग शक्लों में मौजूद छोटे-छोटे शैतानों को पकड़ते हैं, और फिर उन्हें एक-दूसरे से लड़ाते हैं। इसी आधार पर गेम में उनके ग्रेड और अंक बढ़ते हैं।

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