गुरुवार, अगस्त 31, 2017

प्रिया सेठी ने जेकेएचपीएमसी को जीवंत, व्यावसायिक रूप से सफल बनाने के लिए कहा

निगम की कार्यप्रणाली की समीक्षा की
श्रीनगर।  
बागवानी राज्य मंत्री, प्रिया सेठी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर बागवानी उत्पाद विपणन और प्रसंस्करण निगम (जेकेएचपीएमसी) को जीवंत और व्यावसायिक रूप से सफल बनाने के लिए ठोस प्रयासों के लिए कहा।
निगम के कामकाज में सुधार के लिए, मंत्री ने  यहां अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
उप चेयरमैन जेकेएचपीएमसी, सचिव बागवानी एच एम मलिक, एमडी जेकेएचपीएमसी और अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद थे।
विवरणों के दौरान, मंत्री ने निगम के समग्र कार्य को पुनर्जीवित करने और इसे मुनाफा बनाने वाले संगठन में बदलने के लिए अभिनव उपायों को अपनाने पर जोर दिया।
मंत्री ने व्यापार गतिविधियों के नए क्षेत्रों की पहचान करने के लिए निगम के अधिकारियों से कहा कि वे उचित कार्रवाई के लिए सरकार को बीमारू और बंद पड़ी इकाइयों के पुनरुद्धार के लिए एक व्यापक प्रस्ताव पेश करें। उन्होंने आधुनिक लाइनों पर निगम उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
फलों के गाढ़े रस की बिक्री के बारे में जानकारी पर मंत्री को सूचित किया गया कि विभिन्न एजेंसियां गाढ़े रस की बिक्री के संबंध में प्लांट का दौरा करती हैं।
मंत्री ने फलों के गाढ़े रस को बेचने के लिए बेहतर विपणन के लिए उपाय करने के लिए जोर दिया।
मंत्री को सूचित किया गया कि बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए फलों के गाढ़े रस की आगे की प्रक्रिया के लिए पौधों में अल्ट्रा-निस्पंदन उपकरण लगाए गए हैं। यह बताया गया था कि एचपीएमसी की प्रक्रिया क्षमता प्रति दिन 100 मीट्रिक टन है।
मंत्री ने कहा कि जम्मू व कश्मीर देश में सबसे बड़े फल उत्पादक राज्यों में से एक है और सरकार इसकी इष्टतम क्षमता के दोहन  के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने जेकेएचपीएमसी के अधिकारियों से कहा कि वे गतिविधियों को बढ़ावा देने और राज्य के फलों के उत्पादों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को दोगुना करें।
इस बीच, प्रिया सेठी ने निगम के कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनके उचित मुद्दों को जल्द से जल्द संबोधित किया जाएगा।

सुनील शर्मा ने जेकेएसआरटीसी के कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी उपायों की घोषणा की

श्रीनगर। 
यातायात राज्य मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने  दूसरे जेकेएसआरटीसी प्रतिनिधिमंडलों के सम्मेलन के दौरान जम्मू कश्मीर राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी उपायों की घोषणा की।
यह सम्मेलन निगम के कर्मचारियों के साथ बातचीत करने एवं उनके मुद्दों को सुनने के लिए आयोजित किया गया था।
मंत्री ने निगम की भूमिका को सराहते हुए कर्मचारियों को निगम को मजबूत बनाने के लिए पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करने को कहा।
कर्मचारियों द्वारा पेश की गई मांगों जिसमें जीटीयू भी शामिल थी पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि उनकी सभी जायज़ मांगों पर विचार किया जायेगा तथा राजस्व को बढ़ाने के लिए  निगम के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को मिलजुल कर कार्य करना होगा। 
सुनील ने जेकेएसआरटीसी के कर्मचारियों की भलाई के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपायों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि निगम के 65 कंसालिडेटिड कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा। उन्होंने कर्मचारियों के लिए 10 प्रतिशत डीए की भी घोषणा की। इसके साथ इंप्लाईज वेल्यफेयर फंड में से मृतक कर्मचारियों के परिवारों को भी पेंशन देने को कहा।
मंत्री ने इस अवसर पर मृतक कर्मचारियों की विधवाओं को पेंशन एवं मुआवजा राशि के चैक भी प्रदान किये।
इसके उपरांत मंत्री ने निगम के सेवानिवृत कर्मचारियों को ट्राफी एवं प्रमाणपत्र  बांटे।
उपाध्यक्ष जेकेएसआरटीसी हाजी परवेज अहमद, प्रबंधन निदेशक जेकेएसआरटीसी मीर अफरोज, संयुक्त प्रबंधन निदेशक जेकेएसआरटीसी सुहैल अहमद खान तथाजेकेएसआरटीसी के  वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भी इस सम्मेलन में उपस्थित थे।

तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है: उपमुख्यमंत्री

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
कठुआ। 
 
उपमुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह ने  कहा कि तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संभावित क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी बनाने के माध्यम से ध्यान दिया जा रहा है।
डॉ निर्मल सिंह ने वार्षिक त्यौहार के अवसर पर बिलावार में नाग मंदिर सनायल, डिंगा अंब में पूजा अर्चना करने के बाद कहा, ''जम्मू व कश्मीर राज्य में ऐतिहासिक महत्व के कई धार्मिक स्थल हैं, जिन्हे तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करने के लिए पेश किया जा सकता है और सरकार इस संबंध में ठोस प्रयास कर रही है।
ऐतिहासिक मंदिर में नाग पंचमी की पूर्व संध्या पर आयोजित वार्षिक मेला में सभी क्षेत्रों से भारी संख्या में भक्तों आए।
लोगों को बधाई देते हुए उपमुख्यमंत्री ने सनयाल में सामुदायिक हॉल के निर्माण के लिए अपने सीडीएफ से 10 लाख रुपये की घोषणा की और कहा कि आगंतुकों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिए और 10 लाख रुपये अभिसरण मोड के अंतर्गत प्रदान किए जाएंगे।
धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र में विभिन्न अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में बोलते हुए, उप मुख्यमंत्रियों ने कहा कि यात्रा के उद्देश्य से सामाजिक-सांस्.तिक सौंदर्यशास्त्र में गहराई से निहित होने का समय है कि बिलवार को धार्मिक पर्यटन सर्किट के तहत लाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि बढ़ी हुई पहुंच और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन के विस्तार में एक संपूर्ण परिवर्तन देखा जाएगा। उन्होंने कहा,''पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थानों के विकास व प्रक्षेपण न केवल स्थानीय लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द भी बढ़ाएगा और बेहतर सामाजिक वातावरण की ओर बढ़ेगा।
धार्मिक समागम के दौरान कई प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्य रूप से पानी की आपूर्ति में सुधार, सड़कों की ग्रेडिंग और बिजली बुनियादी ढांचे के संवर्धन जैसी अपने संबंधित क्षेत्रों की मांगों के बारे में उप मुख्य मंत्री को बताया।
डॉ निर्मल सिंह ने सभी मुद्दों को प्राथमिकता से हल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही दिशानिर्देश जारी किए।

हंजूरा, बुखारी ने लाल मंडी में नये कृषि भवन की नींव रखी

 किसानों के हित के लिए कृषि विभाग एवं स्कास्ट को तालमेल के साथ कार्य करना चाहिए  
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर।
  
कृषि मंत्री गुलाम नबी लोन हंजूरा ने  कहा कि किसानों का विकास एवं उन्नति सरकार की प्राथमिकता है तथा किसानों की आय को दोगुनी करना सरकार का लक्ष्य है।
म्ंत्री ने यह बात लाल मंडी में शिक्षा मंत्री मोहम्मद अल्ताफ बुखारी के साथ नये कृषि भवन की नींव रखते हुए कही। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग एवं कृषि विश्वविद्यालयों को सहयोग के साथ कार्य करना चाहिए जिससे कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाये जा रहे वैज्ञानिक कार्यों के साथ किसानों को लाभ हो।
हंजूरा ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं आंरभ की गई है जोकि जमीनी स्तर पर तभी सफल हो पायेगी जब कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे शोध कार्य किसानों तक पहुंचेगे। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के पास किसानों की आय को दौगुनी करने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य तभी पूरा किया जायेगा जब कृषि विभाग एवं उसके वैज्ञानिक ओर भी ज्यादा उत्साह से कार्य करेंगे।
मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार 2014 के दौरान आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए कृषि ढांचों के पुनर्निर्माण के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि 1.50 करोड़ रु इस नये कृषि भवन लाल मंडी के निर्माण के लिए खर्च किये गये है तथा भविष्य में अन्य ढांचों का भी पुनर्निर्माण किया जायेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग को अपनी कोशिशे बढानी चाहिए ताकि किसान विभाग के वैज्ञानिक कार्यों से जयादा से ज्यादा लाभ उठा सके।  
बुखारी ने कहा कि इस नये भवन के निर्माण से विभाग को प्रतिदिन के कार्यों को सुचारू ढंग से करने का लाभ प्राप्त होगा।
कृषि विभाग के निदेशक अल्ताफ एजाज अंद्राबी ने कहा कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में कृषि ढांचों की बहाली के लिए 30 करोड़ आबटिंत किये है तथा यह भवन भी इसी कार्यक्रम के तहत बनाया गया है।  प्रमुख सचिव कृषि उत्पादन संदीप कुमार नायक, सचिव कृषि शोकत अहमद वैद, निदेशक कमांड एरिया विकास कार्यक्रम एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग की 159 परिसंपत्तियों का लोकार्पण किया

'समर्पण और ईमानदारी आपको बड़ा पुरस्कार देगी


महबूबा ने आरडीडी को गांवों के नालों, तालाबों के संरक्षण;  ग्रामीण पारिस्थितिकी को बहाल करने को कहा


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 
  

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने  ग्रामीण विकास विभाग को नदी, तालाबों और कुओं जैसे गांवों में जल स्रोतों के संरक्षण, सफाई और बहाली करने के लिए कहा। उन्होंने विभाग से अपने नियमित काम के अलावा ग्रामीण पारिस्थितिकी को पुनस्र्थापित करने के और ग्रामीण विकास के अन्य कदम उठाने के लिए कहा।
ग्रामीण विकास विभाग की 159 संपत्तियों को लोकार्पित करने के बाद यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण इलाकों और पारिस्थितिकी को अपने सबसे प्राचीन और मूल रूप में संरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।  उन्होंने कहा कि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों को एक समय स्वच्छ पेय जल के समृद्ध स्रोत माना जाता था, लेकिन अब प्रदूषण से इन स्रोतों का स्तर के बहुत कम हो गया हैं।
महबूबा मुफ्ती ने इसे मिशन मोड में ले जाने के लिए विभाग को स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ बहाली के प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने मनरेगा जैसे सफल योजनाओं को चलाने और गुणवत्ता संपत्ति बढ़ाने के लिए विभाग को बधाई दी। उन्होंने इन परिसंपत्तियों के उचित रखरखाव के लिए कहा ताकि इनके लाभ लंबी अवधि तक लिए जा सके।
ग्रामीण विकास विभाग को लोगों के साथ सबसे निकट से जुड़े हुए संस्थान के रूप में संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने अधिकारियों से लोगों को सेवाएं देने के लिए समर्पण और ईमानदारी से काम करने को कहा। उन्होंने विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा, 'आप राज्य में ग्रामीण परि.श्य को बदलने के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचार, खराब कार्य या उप मानक कार्य की एक शिकायत आपके विभाग की छवि पर स्पष्ट प्रभाव डालती है।
भ्रष्टाचार को एक अभिशाप बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि उसने उस व्यक्ति के लिए कुछ भी अच्छा नहीं किया है, लेकिन उसे लंबे समय तक निराशा में डाल दिया है। इसके विपरीत, उन्होंने कहा, जो लोग ईमानदारी, निस्वार्थ और समर्पित रूप से अपनी नौकरी कर रहे हैं, न केवल संबंधित लोगों को खुश करते हैं, बल्कि सर्वशक्तिमान को भी और इस प्रक्रिया में स्वयं के लिए और उनके आने वाले समय के लिए बड़ी सद्भावना अर्जित करते हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री अब्दुल हक खान ने अपने संबोधन में अपने विभाग की गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण समाज में एक असाधारण सामाजिक स्वीकार्यता प्राप्त की है, जिसमें कार्यक्रम के तहत गुणवत्ता वाली संपत्तियां जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं में सबसे अधिक है।
आयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, निर्मल शर्मा ने भी सभा को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने  विभाग की 159 परिसंपत्तियों का लोकार्पण किया। 30.85 करोड़ रू की इन परिसंपत्तियों में पंचायत घर, सामान्य सुविधा केंद्र, कल्वर्ट, पुल, सड़कें, फुटपाथ, तालाब, पार्क, शौचालय आदि शामिल हैं।
 लोकार्पित की गई परिपंतियों में अनंतनाग में 21, गांदरबल में 12, बारामुल्ला में 26, पुलवामा में 12, शोपियां में पांच, कुलगाम में चार, कुपवाड़ा में 30, बांडीपुर में आठ, बडग़ाम में 21, लेह में सात और कारगिल जिले में 13 शामिल है।

सरकार जम्मू के लिए वैकल्पिक हवाई अड्डे का प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी: उपमुख्यमंत्री

'भूमि पहचान के बाद केंद्र से संपर्क किया जाएगा
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।  
 
उपमुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह ने  कहा कि राज्य सरकार ने जम्मू में एक वैकल्पिक हवाई अड्डे के विकास के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है।
यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ निर्मल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र तक पहुंचने से पहले उपयुक्त जमीन की पहचान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने जम्मू तथा सांबा के उपायुक्तों से डबल रनवे हवाई अड्डे के विकास के लिए आवश्यक भूमि पहचान की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा।
बैठक में मंडलायुक्त जम्मू डॉ मनदीप कुमार भंडारी, उपायुक्त जम्मू कुमार राजीव रंजन, उपायुक्त सांबा शीतल नंदा, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के निदेशक जम्मू डी के गौतम, मुख्य अभियन्ता विद्युत विकास विभाग अश्विनी गुप्ता और संबंधित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण के लिए उपयुक्त साइटों के हवाई सर्वेक्षण के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए।
निदेशक, एएआई ने बैठक में बताया कि एकल रनवे के विकास के लिए 650 एकड़ भूमि की आवश्यकता है और डबल स्ट्रिप हवाई अड्डे के लिए 1,100 एकड़ की आवश्यकता है।
इस बीच, मंडलायुक्त ने जम्मू हवाईअड्डे के विस्तार से संबंधित मुद्दों और शीघ्र विस्तार के बावजूद बाधाओं के बारे में भी जानकारी दी। उप मुख्यमंत्री ने बाधाओं को दूर करने और विस्तार परियोजना को पूरा करने के लिए परियोजना में शामिल विभिन्न एजेंसियों के बीच निकट सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

पुलवामा में आतंकी हमले में 8 जवान शहीद, 3 आतंकी ढेर

श्रीनगर। 
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों ने शनिवार (26 अगस्त) तड़के पुलिस परिसर पर हमला किया, जिसके बाद आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इसमें तीन आतंकवादी ढेर कर दिए गए। सीआरपीएफ के चार जवानों सहित 8 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के जवानों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की वहां रह रहे पुलिसकर्मियों के परिवारों को वहां से निकाला ताकि बंधक बनाये जाने की स्थिति पैदा नहीं हो। हालांकि दो विशेष पुलिस अधिकारी अब भी लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने दोपहर तक तीन में से एक आतंकवादी को मार गिराया जबकि एक अन्य आतंकवादी का शव शाम पांच बजे के बाद बरामद किया जा सका। उन्होंने कहा कि जल्द ही तीसरे शव को बरामद कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी पुलिस परिसर के सभी तीनों परिसर में घुस गए। श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ( जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधू ने कहा, 'शनिवार तड़के आतंकवादी पुलवामा के जिला पुलिस लाइन में प्रवेश करने के बाद पारिवारिक क्वार्टर में घुस गए। वहां कई परिवार रहते हैं। संधू ने कहा कि यह 'फिदायीन हमला है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी की तत्काल पहचान नहीं हो सकी है। सीआरपीएफ के जो चार जवान शहीद हुए हैं, उनमें दो जवानों की जानकारी सामने आई है। इनमें एक हैं रविंद्र धनवाडे और दूसरे हैं जसवंत सिंह। 
मारे गए जवानों में से चार सीआरपीएफ के हैं, एक सिपाही जम्मू-कश्मीर पुलिस का है और तीन राज्य पुलिस के साथ काम करने वाले विशेष पुलिस अधिकारी हैं। सीआरपीएफ के चार जवानों में से दो अभियान के बिल्कुल अंत में शहीद हुए जब वे आतंकवादियों द्वारा लगाए गए विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय कर रहे थे।
पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य ने कहा कि सुरक्षा बलों के लिए यह खराब दिन था, जिन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा, ''बहरहाल जवानों ने बहादुरी से उनका सामना किया और हम पूरे राज्य से आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी इमारत से बाहर आया और अंधाधुंध गोलीबारी करने लगा।
अधिकारी ने बताया, 'उसे मौके पर ही मार गिराया गया।
अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया है। जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। 

डोकलाम विवाद पर बनी चीन के साथ सहमति

भारत की कूटनीतिक जीत
नई दिल्ली।  
करीब ढाई महीने तक एक-दूसरे के सामने डोकलाम में खड़ी भारत और चीन की सेनाएं अब धीरे-धीरे पीछे हटेंगी। भारत के लिए यह कूटनीतिक जीत इसलिए भी है, क्योंकि भारत पहले भी चीन को दोनों सेनाओं के पीछे हटने का प्रस्ताव रख चुका था। चीन ने उस वक्त भारत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और कहा था कि भारत बिना किसी शर्त के अपनी सेना को पीछे हटाए। अब जब दोनों देश डोकलाम से सेनाए हटाने पर राजी हो गए हैं तो उम्मीद की जानी चाहिए की 3 से 5 सितंबर तक होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी व चिनफिंग के बीच मुलाकात अच्छी रहेगी।
बता दें कि पिछले दिनों चीन की चेतावनी के बीच एनएसए अजीत डोभाल ने बीजिंग की दो दिनों की यात्रा की थी। ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में अतंरराष्ट्रीय आतंकवाद पर चर्चा हुई थी। लेकिन इसके इतर चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग और एनएसए डोभाल के बीच बातचीत भी हुई। उम्मीद के मुताबिक डोकलाम मुद्दे पर दोनों पक्षों ने अपनी राय जाहिर की, लेकिन उस समय कुछ खास उपलब्धि सामने निकल कर नहीं आई थी। अब जो चीज निकलकर आयी है उसे एनएसए डोभाल की यात्रा की सफलता भी माना जा रहा है।
डोकलाम का मामला चीन के राजनैतिक नेतृत्व के लिए लगातार मुश्किल होता जा रहा था। ईस्ट और साउथ चाइना सी में चीन लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव को खारिज कर अपनी मनमर्जी चलाता है। लेकिन भारत पर वो अपना दबाव नहीं बना पाया। डोकलाम इलाके से भारत एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं था। इस साल के अंत तक चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का एक अहम सम्मेलन भी होने वाला है। चीनी विश्लेषकों का कहना था कि पार्टी में एक धड़ा ऐसा है, जो सैन्य हस्तक्षेप के जरिए डोकलाम मुद्दे का हल निकालने की मांग कर रहा था। इस वजह से चिनफिंग पर दबाव बढ़ गया था।
एक अगस्त को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 90 साल पूरे हुए। इससे पहले भी चीन की तरफ से ये कोशिश हो रही थी कि भारत इस तारीख से पहले डोकलाम से बाहर निकल जाए। चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग और डोभाल की बैठक में इस मुद्दे का कोई हल भले ही न निकला हो। लेकिन लगातार चल रही तनातनी के बाद आई यह थोड़ी सी शांति को दोनों पक्षों के नेताओं के लिए अहम माना गया। उस समय भी माना गया था कि डोभाल के बीजिंग दौरे से आपसी सहमति से कोई रास्ता आने वाले समय में निकल सकता है। एक चीनी विश्लेषक का कहना था कि दोनों पक्षों की ओर से दिखाई जा रही आक्रामकता में कमी आने के कारण शायद दोनों देश इस मामले का समाधान निकाल सकते हैं। लेकिन यह कोई आसान काम नहीं है। दोनों ही तरफ भड़काऊ बयान देने वाले लोग हैं।
चीन मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने उस समय कहा था कि बीजिंग का ढकोसला भी उजागर होता जा रहा है। दो उदाहरणों पर गौर कीजिए। मध्य जुलाई में चीनी सरकारी टेलीविजन सीसीटीवी ने तिब्बत में तैनात माउंटेन ब्रिगेड द्वारा सैन्य अभ्यास का सीधा प्रसारण दिखाया। बाद में यह सामने आया कि ऐसा अभ्यास हर साल होता है। यह मामला इस संकट की शुरुआत से पहले जून का है। सीसीटीवी की रिपोर्ट के तुरंत बाद चीनी सेना के आधिकारिक अखबार पीएलए डेली ने लिखा कि इस गतिरोध से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर जंगी साजोसामान तिब्बत भेजा जा रहा है। यह रिपोर्ट भी कोरी बकवास निकली, क्योंकि भारतीय खुफिया एजेंसियों को तिब्बत में चीन के सैन्य जमावड़े का कोई सुराग नहीं मिला। सवाल उठता है कि ऐसी मनोवैज्ञानिक लड़ाई से चीन आखिर क्या हासिल करने की उम्मीद कर सकता है?
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि भूटान की सेना, पुलिस और मिलिशिया में महज 8,000 लोग हैं। जाहिर है उसके पास चीन को आंखें दिखाने की हिम्मत नहीं है। भारत उसका रक्षा साझीदार है, लेकिन उसने भूटानी सुरक्षा बलों को सिर्फ प्रशिक्षित किया। जब चीन द्वारा भूटान की जमीन को हड़पने की हालिया कोशिशें भारत को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा लगीं, तब नई दिल्ली ने निर्णय किया कि यह लड़ाई जितनी भूटान की है उतनी ही भारत की भी। इस बार चीन रणनीतिक आकलन में गलती कर गया। चीन ने सोचा होगा कि सड़क निर्माण को लेकर भूटान कूटनीतिक विरोध करेगा, लेकिन उसे भारत के त्वरित सैन्य हस्तक्षेप की उम्मीद नहीं थी। भारत के लिए यह बिल्कुल गवारा नहीं कि चीन डोकलाम पर नियंत्रण के साथ बढ़त बना ले। इससे न केवल त्रिकोणीय मार्ग पर चीन की सैन्य स्थिति मजबूत होगी, बल्कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य भी उसकी मारक क्षमता की जद में आ जाएंगे।
पूर्वी और दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में जिन द्वीपों को लेकर बीजिंग का जापान के साथ विवाद है। चीन ने उन इलाकों पर एयर फ्लाइट कंट्रोल जोन लागू कर दिया है। इसके अलावा अमेरिका के विरोध के बाद भी चीन ने साउथ चाइना सी के विवादित हिस्सों में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कराया। इस पूरे मामले में चीन के ऊपर जबर्दस्त अंतरराष्ट्रीय दबाव है। लेकिन इसके बावजूद वह अपने रुख पर कायम है। 

दूसरों के 'दुख दूर करने वाला खुद जेल की सलाखों से नहीं बच सका

बाबा राम-रहीम को दो मामलों में 10-10 साल की कैद
रोहतक। 
अपनी दो शिष्याओं के साथ 18 साल पहले दुष्कर्म करने और आपराधिक धमकी देने के अपराध में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दो मामलों में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। रोहतक के सुनारिया जिला जेल के पुस्तकालय में ही लगाई गई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम के वकील एसके गर्ग नरवाना ने कहा कि दोनों ही सजा बारी-बारी से भुगतनी होंगी।
  20 साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम की पहली रात सलाखों के पीछे कटी। इससे बचने के लिए उन्होंने हर पैंतरा आज़माया। बीमारी तक का बहाना बनाया, लेकिन जांच में मेडिकली तंदुरुस्त पाया गया। यही नहीं कोर्ट रू्म में ही बैठकर रोना धोना शुरू हो गया। वह वहां से हिलने के लिए तैयार ही नहीं था। खबर है कि राम रहीम को अन्य कैदियों से अलग रखा गया है। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है। उसका जेल सेल प्रशासनिक दफ्तर के सबसे नज़दीक रखा गया है।
रोहतक जेल में गिड़गिड़ाने लगा राम रहीम, कांपते हुए जज से कहा-मुझे माफ कर दीजिए....
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- गुरमीत राम रहीम पूरी रात जेल में इधर-उधर टहलता रहा। उन्हें खाने में 4 रोटी और सब्जी दी गई, लेकिन उन्होंने खाना ठीक से नहीं खाया। डेरा प्रमुख से जेल में मजदूरी करवाई जा सकती है,लेकिन वह मजदूरी के लिए फिट है या नहीं इसकी जांच होगी। अगर वह जांच में फिट नहीं पाए गए तो उन्हें चारपाई और कुर्सी बनाने का काम दिया जाएगा। बागवनी और बिस्कुट बनाने का काम भी दिया जा सकता है। ड्यूटी का समय सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे है।
 डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद सिरसा में मंगलवार को जनजीवन पटरी पर लौटता नजर आया। यहां सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कर्फ्यू में भी ढील दी गई है।
साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख को सजा सुनाए जाने के बाद मंगलवार को सिरसा में कर्फ्यू में शाम सात बजे तक ढील दी गई है। प्रशासन ने डेरा सच्चा सौदा के शाही बसेरा में रह रही 18 लड़कियों को भी डेरे से निकाल लिया है। इन अनाथ बच्चियों का डेरे में ही इनका  पालन पोषण हो रहा था। हालांकि डेरे के आसपास अभी भी सुरक्षा बल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
शहर में स्कूल भी खुल चुके हैं और बस सेवा बहाल हो गई है। सिरसा के अलावा झज्जर और फतेहाबाद में बस सेवा शुरू हो गई है। बता दें, साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा मुखी पर सीबीआइ कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही यहां सुरक्षा बल तैनात है। जबकि सोमवार को रोहतक की सुनरिया जेल में राम रहीम को सजा सुनाए जाने के चलते यहां कर्फ्यू लगाया गया था। इससे पहले यहां सेना ने डेरा की घेरेबंदी कर अभियान भी चलाया।

शनिवार, अगस्त 26, 2017

मणिमहेश यात्रा

हिमाचल की पीर पंजाल की पहाडिय़ों के पूर्वी हिस्से में तहसील भरमौर में स्थित है प्रसिद्ध मणिमहेश तीर्थ। यहां स्थित झील समुद्र तल से 15000 फुट की ऊंचाई व कैलाश पर्वत शिखर 19000 फुट की ऊंचाई पर है। मणिमहेश पर्वत के शिखर पर भोर में एक प्रकाश उभरता है, जो तेजी से पर्वत की गोद में बनी झील में प्रवेश कर जाता है। यह इस बात का प्रतीक माना जाता है कि भगवान शंकर कैलाश पर्वत पर बने आसन पर विराजमान होने आ गए हैं तथा यह अलौकिक प्रकाश उनके गले में पहने शेषनाग की मणि का है। मणिमहेश की यात्रा प्रत्येक वर्ष की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से राधा अष्टमी तक चलती है। आसमान छूते हिम शिखरों, फैले हुए ग्लेशियर व अल्हड़ नदी-नालों के बीच से होते हुए श्रद्धालु मणिमहेश पहुंचते हैं, जोकि एक रमणीय घाटी में स्थित है। मणिमहेश पर्वत की गोद में पर्वत शिखर पर प्राकृतिक रूप से 1 किलोमीटर की परिधि में बनी इस झील को देखकर हर कोई विस्मित रह जाता है। झील के किनारे और पर्वत शिखर के नीचे एक मंदिर है, जहां यात्री शीश नवाते हैं। यह मंदिर बिना छत का है। कहते हैं शिव भक्तों ने दो बार मंदिर पर छत का निर्माण करवाया, पर बर्फीले तूफानों में छत उड़ गई। यात्रा शुरू होने पर हड़सर गांव के कुछ पुजारी यहां मूर्तियां लाते हैं और समाप्ति पर वापस ले जाते हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु मणिमहेश झील में स्नान कर पूजा करते हैं और अपनी इच्छा पूरी होने पर लोहे का त्रिशूल, कड़ी व झंडा इत्यादि चढ़ाते हैं। राधा अष्टमी वाले दिन जब सूरज की किरणें कैलाश शिखर पर पड़ती हैं, तो उस समय स्नान करने से मनुष्यों को अनेक प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। मणिमहेश यात्रा चंबा से शुरू होकर राख, खड़ा  मुख इत्यादि स्थानों से होती हुई भरमौर पहुंचती है। यात्रा की खोज का श्रेय सिद्ध योगी चरपटनाथ जी को जाता है। यात्रा शुरू करने से पहले भरमौर से 6 किलोमीटर पहाड़ी के शिखर पर ब्रह्मा जी की पुत्री भ्रमाणी देवी का मंदिर स्थित है। मणिमहेश की यात्रा से पूर्व यहां पर आने से ही यात्रा पूर्ण मानी जाती है। आदिकाल से ही संत महात्मा योगी और भक्तजन मणिमहेश यात्रा की शुरुआत चंबा से ही करते रहे हैं क्योंकि चंबा का ऐतिहासिक प्राचीन लक्ष्मीनारायण मंदिर यात्रा का आधार एवं प्रारंभिक शिविर हुआ करता था। आजकल चंबा से 65 किलोमीटर दूर भरमौर चौरासी में रुक कर यात्री आगे बढ़ते हैं। चौरासी एक धार्मिक स्थल है जो चौरासी सिद्धों की तपोस्थली है, जहां विश्व का एकमात्र धर्मराज मंदिर स्थित है। चंबा से भरमौर 70 किलोमीटर व भरमौर से हड़सर 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसके आगे हड़सर से मणिमहेश खड़ी चढ़ाई, संकरे व पथरीले रास्तों वाली 14 मील की पैदल यात्रा है, तंग पहाड़ी में बसा हड़सर इस क्षेत्र का अंतिम गांव है। हड़सर से पैदल चढ़ाई करते हुए पहला पड़ाव आता है धनछो। यह रास्ता बहुत कठिन व मुश्किल है। धनछो से आगे और मणिमहेश झील से लगभग डेढ़-दो किलोमीटर पहले गौरीकुंड आता है। मणिमहेश झील आम यात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए यही अंतिम स्थान है। मणिमहेश की डल झील शिव भगवान की स्नान स्थली है। सदियों से चल रही इस यात्रा को तभी सफल माना जाता है, जब यहां रात्रि व्यतीत कर भोर होते ही कैलाश पर्वत के दर्शन कर वहां कुदरती तौर पर उत्पन्न होने वाले दिव्य प्रकाश में झील में स्नान किया जाए।

बिशप का अश्लील वीडियो हुआ वायरल, दिया इस्तीफा

बुखारेस्ट।
रोमानिया ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक बिशप ने अपना अश्लील वीडियो सामने आने के बाद इस्तीफा दे दिया। वीडियो में बिशप अपने स्कूल के एक 17 वर्षीय छात्र के साथ कथित आपत्तिजनक अवस्था में नजर आ रहे हैं। पूर्वी शहर हुसी के बिशप कोरनेलियु बार्लाडीनू का यह वीडियो जुलाई में वायरल हुआ था। रोमानिया में 85 फीसदी आबादी रूढ़ीवादी ईसाईयों की है और वहां इस वीडियो ने स्कैंडल खड़ा कर दिया।
मीडिया में भी इस मुद्दे को काफी बल के साथ उठाया गया। मामला सामने आने के बाद लोग चर्च से कार्रवाई करने की मांग करने लगे। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए चर्च की शासक संस्था ने गुरुवार और शुक्रवार को बैठक की थी। चर्च की ओर से कहा गया कि दो दिन की चर्चा के बाद बिशप ने चर्च की भलाई के लिए इस्तीफा देने का फैसला लिया। ये इसलिए भी जरूरी था क्योंकि मामले में जांच की कार्रवाई कई महीनों तक चलती, जिससे लंबे समय तक अनिश्चितता बनी रहती।
हालांकि इस पूरे मामले में आरोपी बिशप का दावा है कि वे बेकसूर हैं। रोमानिया के चर्च के नेतृत्व ने एक वक्तव्य में जानकारी देते हुए ये भी कहा कि इस मुद्दे को मीडिया ने जिस तरह से पेश किया उससे इस मुद्दे को और हवा मिली। वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना है कि चर्च जिससे करीब 85 फीसदी आबादी जुड़ी हुई है, उसे इस मामले में कोई कड़ा बयान देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

आबादी घटाने के लिए ब्रिटिश नेता की सलाह- देश छोडऩे के लिए भारतीयों को पैसे दिए जाएं

नई दिल्ली।
ब्रिटेन में प्रवासी विरोधी धुर-दक्षिणपंथी पार्टी के नेतृत्व के दावेदारों में शामिल एक नेता ने देश में 'अनावश्यक आबादी कम करने के मकसद से एक योजना को पेश की है। इस योजना को पेश करते हुए उन्होंने कहा है कि भारत सहित कुछ देशों के प्रवासियों को स्वदेश लौटने के लिए प्रोत्साहन दिया जाए। 'यूके इंडीपेंडेंस पार्टी
(यूकेआईपी) के नेता जॉन रीस इवांस ने खासकर भारतीय और तंजानियाई लोगों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि कुछ राष्ट्रमंडल देशों के लोगों को ब्रिटेन से बाहर जाने के लिए 9,000 पाउंड तक दिए जाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रिटिश सरकार के विदेशी सहायता बजट को 13 अरब पाउंड से कम करके एक अरब पाउंड किया जाए। साथ ही 12।3 अरब पाउंड दोहरी नागरिकता वाले लोगों के ब्रिटेन छोडऩे पर खर्च किया जाए। बता दें कि यूकेआईपी में उनके प्रतिद्वंद्वियों ने इस बयान की निंदा की है। यह बयान उन्होंने दो अगस्त को दिया था।

प्रेमिका ने रखी शर्त तो बीवी के मरते ही दे दी तीन बच्चों की सुपारी, सात साल की बेटी का कत्ल

कोई इंसान किसी के प्यार में इतना अंधा भी कैसे हो सकता है कि उसे उस प्यार के सामने अपना खून अपने बच्चों की पीड़ा भी नजर न आए। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में देखने को मिली जहां पर एक व्यक्ति ने अपने बीवी के मरते ही अपनी प्रेमिका की शर्त पर अपने बच्चों की सुपारी दे दी और सात वर्षीय बेटी का खून कर दिया। यह मामला उस समय सामने आया जब पड़ोसियों ने आरोपी की बेटी तनिषा के शव को गुपचुप तरीके से जलाने की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हत्या के शक में बॉडी को अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने पर यह साफ हो गया कि बच्ची की गला घोंटकर हत्या की गई है।
एक पुलिस अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जब पुलिस ने बच्ची के पिता को इस घटना की जानकारी दी तो उसने इस मामले में शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया। इस मामले की जांच कर रही टीम का नेतृत्व कर रहे स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर सुखबीर मलिक को संदेह हुआ कि इस हत्या के पीछे किसी घरवाले का ही हाथ है। तनिषा के पिता का नाम धर्मवीर है। पुलिस ने जब धर्मवीर के परिजनों से इस मामले में पूछताछ की तो उन्होंने पाया कि घर का एक सदस्य संजय गायब है। शुक्रवार पुलिस को सूचना मिली की वह पूर्वी दिल्ली के प्रेम विहार इलाके में है जहां पर पुलिस ने उसे जाकर धर-दबोचा। संजय से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने तनिषा की हत्या का जुर्म कबूल किया। उसने पुलिस को बताया कि जब तनिषा 10 अगस्त को घर में टीवी देख रही थी तो उसकी हत्या कर दी गई।

रास्ते में चलते-चलते अचानक फटने लगे लड़की के कपड़े...

चंडीगढ़ में एक लड़की के साथ बीजेपी नेता के बेटे द्वारा छेड़छाड़ करने का सनसनीखेज मामला आया था। अभी इस घटना के बीते ज्यादा दिन नहीं हुए हैं तभी सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सरेआम लड़की के कपड़े अपने आप फटने लगते हैं। ये वीडियो हमारे समाज को झकझोर कर रख देगा। वीडियो में लड़की घर से दफ्तर के लिए निकलती तो है पूरे कपड़े पहनकर लेकिन शाम में घर पहुंचकर वो पूरी तरह से न्यूड हो जाती है। सुबह घर से निकलने से लेकर शाम को घर पर पहुंचने तक सरेआम उसके कपड़े फटते रहते हैं। दरअसल ये वीडियो एक शॉर्ट फिल्म का है। इस वीडियो को साल 2015 में यू ट्यूब पर अपलोड किया गया था। अब चंडीगढ़ स्टाकिंग केस के चर्चा में आने के बाद एक बार फिर से ये वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को अब तक 21 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
5 मिनट के इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे एक लड़की का पूरा दिन ऐसे लोगों के इर्द-गिर्द बीतता है जो अपनी आंखों से उसका बलात्कार करते हैं। लड़की जब घर से निकलती है शाम में उसके घर वापस लौटने तक उसके शरीर पर जहां-जहां लड़के अपनी हवस भरी नजर डालते हैं वहां के कपड़े फट जाते हैं। शाम होते होते उसके कपड़े कई जगह से फट चुके होते हैं।

युद्ध संग्रहालय में पूर्व सैनिक परिवारों की भीड़

धर्मशाला
भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों के बलिदानों को यादगार बनाने के लिए प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में नवनिर्मित युद्ध संग्रहालय को निहारने पूर्व सैनिक अपने परिवारों और रिश्तेदारों को लेकर पहुंच रहे हैं। संग्रहालय गैलरी में युद्ध के दौरान प्रयोग किए जाने वाले अस्त्र-शस्त्रों को भी रखा गया है। इन हथियारों को देख पूर्व सैनिक भी सेना में बिताए हुए समय को याद करके अपने अनुभवों की विस्तृत जानकारी परिजनों से साझा कर रहे हैं। संग्रहालय में कारगिल युद्ध के म्यूरल में टाइगर हिल व अन्य स्थानों का जिक्र भी किया गया है, जिसके बारे में पूर्व सैनिक व अन्य लोग किताबों व फिल्मों के माध्यम से एक-दूसरे से शेयर करते थे। संग्रहालय में पूर्व सैनिक देश के शूरवीरों की प्रतिमाओं को देख बच्चों और रिश्तेदारों को सेना में सेवाएं देने का महत्त्व समझा रहे हैं। गैलरी में पुराने समय युद्धों में प्रयोग किए हथियारों के नमूने भी दर्शाए गए हैं। इन हथियारों को देख बुजुर्ग सेवानिवृत्त सैनिक भी अपनी यादों को ताजा कर उत्साह को रोक नहीं पा रहे हैं। धर्मशाला के गोरखा समुदाय व अन्य सैकड़ों लोग आर्मी में सेवाएं दे चुके हैं और वर्तमान में भी सेवाएं दे रहे हैं। धर्मशाला में बने इस युद्ध संग्रहालय को देखने के लिए हिमाचल ही नहीं, ब्लकि पंजाब व अन्य राज्यों से भी लोग विशेष तौर पर पहुंच रहे हैं। होशियारपुर से परिवार के साथ आए अमृतपाल सिंह का कहना है कि वह भी आर्मी से सेवानिवृत्त हैं और उनका बेटा भी सेना में है। उनका बेटा इन दिनों धर्मशाला में ही सेवाएं दे रहा है। अमृतपाल ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि धर्मशाला में युद्ध संग्रहालय बना है तो उन्होंने तुरंत कार्यक्रम बनाया और यहां आकर फौज की यादों को ताजा किया। युद्ध संग्रहालय को देखने के लिए अभी कोई भी शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है। देश-विदेश से धर्मशाला आए सैलानी भारत के वीर सपूतों के देश प्रेम और जज्बे को निहार सकते हैं।
आम जनता व बच्चों को आर्मी को नजदीक से देखने के लिए संग्रहालय में कई ऐसी चीजें रखी गई हैं, जिनके बारे में आम जानकारी नहीं होती। इतना ही नहीं संग्रहालय में सेना में दिए जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कारों का जिक्र भी विस्तृत जानकारी के साथ किया गया है।

हमेशा समाज के हित में ही होना चाहिए न्याय

शिमला
मानवीय संवेदनाओं के साथ न्याय तंत्र को निष्पक्ष न्याय प्रदान करना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने यह विचार प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा शनिवार को आयोजित व्याख्यानमाला के तीसरे व्याख्यान भारतीय संविधान के विभिन्न पहलु विषय के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रणाली से जुड़े लोगों को न्याय की आशा रखने वाले समाज के बड़े वर्ग तक पहुंचने की आवश्यकता है। न्याय सदैव समाज के हित में होना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक प्राधिकरण व राज्य विधिक प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्राधिकरण द्वारा समाज के कमजोर वर्गों को विधिक व न्यायिक सहायता प्रदान की जा रही है। समाज के कमजोर और अंतिम व्यक्ति को न्याय मिल सके, इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने चाहिएं। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को न्याय प्राप्त हो, इसके लिए न्यायिक शिक्षा के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक समाज का अभिन्न अंग है, हमें यह अवश्य विचार करना चाहिए कि हमने समाज को क्या दिया है। न्यायमूर्ति ने कहा कि भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों का सर्वांगीण विकास व अधिकार सुनिश्चित करता है। भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए भारत को धर्म निरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतंत्र बताया। उन्होंने भारत को सभी धर्मों को आमंत्रित करने वाला महान राष्ट्र बताया, जिसमें धर्म की आजादी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने वर्षों से विभिन्न धर्मों व संप्रदायों को आत्मसात किया है, हमारे समाज ने हमेशा एकता का परिचय दिया। उन्होंने शनिवार को एडवोकेट चैंबर का उद्घाटन भी किया तथा बार एसोसिएशन की डायरेक्टरी का विमोचन भी किया। अध्यक्षीय भाषण में प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यकारी न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल ने न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यकाल को याद करते हुए उस समय को न्याय प्रदान प्रक्रिया के स्वर्णिम समय की संज्ञा दी। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के कार्यकाल में प्रेक्षा गृह निर्माण, न्यायिक अकादमी निर्माण व नए भवन के निर्माण के अतिरिक्त अन्य कई बड़े कार्यों के प्रति निर्णय लिए गए, जो आज हमारे लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने अपने कार्यकाल में युवा अधिवक्ताओं को बेहतर अधिवक्ता बनने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
इस अवसर पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति धर्मचंद चौधरी न्यायमूर्ति त्रिलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बारोवालिया, मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश वीसी फारका, नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आरके महाजन, डीडी सूद, एसएस ठाकुर, कुलदीप सिंह कंवर, एडवोकेट जनरल श्रवण डोगरा, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया अशोक शर्मा, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बीपी शर्मा, प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वीके शर्मा, राज्य उपभोक्ता फार्म के अध्यक्ष पीएस राणा, हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के सदस्य डीके शर्मा, रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारद्वाज, रजिस्ट्रार विजिलेंस अरविंद मल्होत्रा, रजिस्ट्रार ज्यूडीशियल जेके शर्मा, रजिस्ट्रार एडमिनिस्ट्रेशन पुरेंद्र वैद्य, रजिस्ट्रार रूल्स प्रेम पाल रांटा, सीपीसी डा. परविंद्र सिंह अरोड़ा, रजिस्ट्रार एस्टेब्लिशमेंट प्यार चंद, सदस्य सचिव प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण यशवंत सिंह चोगल, प्रशासनिक अधिकारी प्रदेश विधिक सेवा अधिकारी गौरव महाजन, निदेशक न्यायिक अकादमी राकेश कैंथला, उप निदेशक अविनाश चंद्र के अलावा अन्य कानून विद्यालय, विश्वविद्यालय व अन्य स्कूलों के लगभग 200 छात्रों तथा उच्च न्यायालय के अधिकारी व कर्मचारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

बातें नई-पुरानी

बात करना कौन नहीं चाहता! जी हां, हम सब बात करना चाहते हैं। एक बार जब बात करना शुरु करते हैं, तो बातें खत्म होने को ही नहीं आतीं। चलिए हम भी बातें शुरु कर देते हैं। पहले बातें कल की। गत सप्ताह हम सबके लिए एक ख़ास दिन था। स्वतंत्रता की 71वीं सालगिरह के साथ-साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी थी यानी, देश की स्वतंत्रता का जन्मदिन, रण भूमि में 'श्रीमद्भगवद्गीता
जम्मू-कश्मीर में एक शहीद के बेटी से झंडारोहण करवाया गया। एक सरकारी स्कूल में एक शरारती बंदर ने झंडे के डंडे पर चढ़कर तिरंगा झंडा लहरा दिया। जश्न-ए-आजादी की उमंग में बाढ़ में डूबकर भी तिरंगे झंडे को सलामी दी गई। लोग झंडा लहराने और झंडारोहण में भाग लेने के लिए नाव पर चढ़कर भी आए। अमेरिकी राजदूत जनता के वोट के साथ गईं और उन्होंने इस समारोह के लिए कांजीवरम साड़ी पहनी। पीएम मोदी ने किसी नई योजना ऐलान नहीं किया, बल्कि पहले की योजनाओं को और अधिक गंभीरता से पूरा करने का संकल्प जताया यानी संकल्प से सिद्धि तक पहुंचने का मंत्र बताया। विराट कोहली ने श्रीलंका में तिरंगा फहराया। एक युवक ट्रैफिक में कर रहा था स्टंट, उस सुपरबाइकर की इहलीला समाप्त हो गई। डोकलाम के बाद लद्दाख में चीन ने की घुसपैठ की कोशिश, भारतीय सेना ने खदेड़ा। भारतीय सेना को बधाई व शुभकामनाएं।
जो लोग अपने हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स में फंसे हुए हैं, उनके लिए एक अच्छी खबर आई है- हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स पूरे करने के लिए बेची जाएंगी बिल्डरों की दूसरी ऐसेट्स! वहा भाई, छकाने वालों को खूब छकाया। एक सुर अच्छी खबर- बेंगलुरु में खुलेंगी 101 कैंटीन, मिलेगा 5 रुपये में खाना मिलेगा। कोई भूखा न रहे मेरे भारत में। 15 अगस्त पर उड़ाई गईं पतंगें। हमने भी पतंग उड़ाई-
 मैंने एक पतंग उड़ाने का प्रयास किया है,
आरोपों-प्रत्यारोपों को उड़ा दिया है,
भ्रष्टाचार को, अत्याचार को, आतंकवाद को,
नकारने का सुदृढ़ संकल्प लिया है।
70 साल की आजादी के भाषण अखबारों पर छाए रहे। चीफ जस्टिस बोले खरी बात, दलित राष्ट्रपति और चायवाला बना पीएम, यही है स्वतंत्रता। जन्माष्टमी पर दिखे प्यारे-प्यारे कान्हा और उनकी मनमोहक छवि ने मन मोह लिया।
महज 5 घंटों में बेंगलुरु में हुई महीने भर की बारिश। इस समाचार पर एक पाठक महेश शर्मा ने बहुत अच्छी प्रतिक्रिया लिखी-  इस पानी को स्टोर करके रखें ,गर्मी मे परेशानी नहीं होगी।  बिहार में लगातार भीषण हो रही बाढ़ की विभीषिका पैदा हो गई है, अब तक लगभग 100 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ के कारण असम में अब तक लाखों लोग बेघर हो चुके हैं और कई जानें जा चुकी हैं। यहां के हाथी, गैंडे और भी कई जानवर इस बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। ब्रह्मपुत्र नदी के जलीय जीव तक इस बाढ़ के कहर से अछूते नहीं हैं। बाढ़ में फंसी एक बड़ी मछली, नदी से हाइवे पर पहुंची। हाइवे पर पानी की तेज और गहरी धार के बीच खड़े लोगों की नजर उस मछली पर पड़ी तो उसे पकडऩे को आगे बढ़े। मछली इतनी बड़ी थी, कि उसे काबू में करने के लिए 2-3 लोगों की जरूरत पड़ी।
महाराष्ट्र के खड़की गांव के लोगों ने इस स्वतंत्रता दिवस पर सरकार को गांधीगिरी के जरिये संदेश देने का मन बनाया है। यह गांव चंद्रपुर जिले के माणिकगढ़ पहाड़ी पर बसा है। माणिकगढ़ में दशकों से कोलाम आदिवासी रहते हैं। उन तक विकास अब तक नहीं पहुंच पाया है। आजादी के 6 दशक के बाद भी उनका गांव सड़क संपर्क से मरहूम है। ग्रामीणों को अपने घर पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते 5 नदियों को पार करना पड़ता है। अब जब पूरा देश आजादी के 70वें साल का जश्न मना रहा है तब कुछ एनजीओ 3 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाने जा रहे हैं। उन्होंने यह सड़क सरकार को तोहफे में देने का फैसला किया है। यह हुई न अपना हाथ जगन्नाथ वाली बात! बधाई हो।
वहीं यूपी का एक गांव ऐसा भी है, जहां स्वतंत्रता दिवस नहीं मना।  वजह महाराष्ट्र के खड़की गांव से बिलकुल उल्टी है। आजादी के 70 साल पूरे होने के बाद भी यह गांव समझ नहीं पा रहा कि वह किस बात का जश्न मनाए। बुनियादी सुविधाएं भी न होने की वजह से मैलानी के चौधीपुर गांव के लोगों ने यह फैसला किया है। सोचने वाली बात है।
अब आपकी मुलाकात 2 गांवों से करा रहे हैं, जिन्हें आजादी के 70 साल बाद अंधेरे से आजादी मिली है। देश की आजादी की 70वीं वर्षगांठ से ठीक पहले दिल्ली से महज 260 किलोमीटर और लखनऊ से 10 घंटे की दूरी पर स्थित बिजनौर जिले का हल्दू खाटा गांव को बिजली की सौगात मिली है। हल्दू खाटा से कुछ दूरी पर ही जाफराबाद गांव है। इस गांव को भी हल्दू खाटा के साथ ही अंधकार से मुक्ति मिली है। बधाई हो।
बात-बात पर पुरानी बात की याद आ ही जाती है। हमने जब जन्माष्टमी के अवसर पर बनने वाले धनिए के विशेष प्रसाद को खाया, तो हमें अचानक अपनी बहुत पुरानी सहकर्मी सुषमा अरोड़ा की याद आ गई। उसकी सोसाइटी में जन्माष्टमी के अवसर पर धनिए का यह विशेष प्रसाद नहीं बनता था। उसे यह प्रसाद बहुत अच्छा लगता था, अत: मैं उसके लिए अगले दिन यह विशेष प्रसाद लेकर जाती थी, वह बहुत खुश हो जाती थी। किसी को खुशी देकर हमारा खुश होना भी स्वाभाविक है।
कैप्टन विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के नेतृत्व में टीम इंडिया ने श्रीलंका में ही स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। टीम इंडिया ने कैंडी में तिरंगा फहराकर 71वें स्वतंत्रता दिवस को सेलिब्रेट किया। कोहली ने इसके बाद अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक इमोशनल विडियो भी शेयर किया। इसमें उन्होंने अपने बचपन की यादें बताईं। भारतीय टीम ने ठीक एक दिन पहले ही टेस्ट सीरीज में श्रीलंका का 3-0 से सफाया कर भारत को स्वतंत्रता दिवस का तोहफा दिया है। कोहली को अपने बचपन की याद आ गई। कोहली ने कहा कि जब वह बच्चे थे तो दिल्ली में अपने परिवार के साथ इस दिन पतंगे उड़ाया करते थे। उन्होंने कहा कि चारों तरफ लहर रहा तिरंगा उनके और तमाम भारतीयों को गर्व की अनुभूति देता है। कोहली ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस एक और वजह से उनके लिए खास है। टीम इंडिया के कैप्टन विराट ने कहा कि 15 अगस्त को ही उनके पिता का भी जन्मदिन होता है। इसलिए यह दिन उनके लिए और खास बन जाता है। कोहली जी, हमारे लिए भी यह दिन दोहते मेहुल का जन्मदिन होने के कारण और खास हो जाता है। बधाई आपको भी, हमको भी।
एक और समाचार से हमें बचपन की एक कहानी याद आ गई। एक धनवान पिता का एक बेटा धन खर्चता नहीं था, उड़ाता था। उसे सबक सिखाने के एक दिन पिता ने अचानक उसे कुछ कमाकर लाने के लिए कहा। वह बड़ी मुश्किल से शाम तक एक रुपया कमा पाया। पिता ने उसे एक रुपए को कुंएं में डाल आने के लिए कहा। बेटा बहुत उदास और हताश हो गया। बड़ी मुश्किल से मेहनत से कमाया हुआ वह एक रुपया भी उसके लिए बेशकीमती था। इसके बाद उसे धन की कीमत समझ मेंआ गई। ऐसा ही आज के ज़माने में भी हुआ।
अरबों की कंपनी हरे कृष्णा डायमंड एक्सपोर्ट्स के मालिक घनश्याम ढोलकिया के बेटे हितार्थ ढोलकिया हैदराबाद में एक आम आदमी की तरह जिंदगी बिताई। एक महीने के लिए दुनिया के सभी ऐशो-आराम छोड़कर हितार्थ ने आम आदमी की जिंदगी की तकलीफों और कठिनाइयों का सामना किया। आईपीएस अधिकारी राजीव त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हितार्थ के नजरिए की तारीफ की।
बात नहीं हम काम करेंगे,
जग में देश का नाम करेंगे,
शुभ संकल्प का संबल लेकर,
सिद्धि को हम सलाम करेंगे।

के उन्नायक श्री कृष्ण का भी जन्मदिन था। सभी लोग पूरा दिन समारोह की तैयारी और समारोह की रौनक में डूबकर आनंद लेने में व्यस्त रहे। सुबह दिल्ली के लाल किले से लेकर देश के सभी राज्यों की राजधानियों, शहरों, गांवों, स्कूलों, सभा-समितियों, स्कूलों-पंचायतों-सोसाइटियों में तिरंगे झंडे के लहराने की धूम मची रही। दोपहर में दही हांडी का समारोह और शाम से लेकर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कीर्तनों की बहार छाई रही। रात को एक बजे सोने के बारे में सोचा गया। विदेशों से भी ऐसे समारोहों के समाचार आते रहे। इसमें भी कुछ ख़ास बातें-

'छोटे कद के भारतीयों का बड़ा कारनामा

शीर्षक से तो आप लोग जान ही गए हैं, कि आज हम 'छोटे कद या बौने की बात करेंगे। छोटे कद या बौने होने से काम के छोटा होने की कोई गारंटी नहीं है, यह तो आप बोनज़ाई वृक्षों को देखकर ही समझ गए होंगे। कितना सौंदर्य होता है बोनज़ाई वृक्षों नें और कितना क्रेज़ होता है लोगों को घर में बोनज़ाई वृक्ष लगाने का! बात बोनज़ाई वृक्षों की चल निकली है, तो आइए हम पहले बोनज़ाई वृक्ष की बात ही सुन लेते हैं-
'हम हैं बौने तो फिर क्या है!
हम भी हरियाली के हैं वाहक,
फल-फूलों-पत्तों से सज्जित,
खुशहाली के हम संचालक।
सच है बोनज़ाई वृक्ष की इसी अहमियत को देखकर लोग अपने घरों को बोनज़ाई वृक्षों से सज्जाते हैं। बोनज़ाई वृक्षों के बाद हम अपने ब्लॉग के शीर्षक 'छोटे कद के भारतीयों का बड़े कारनामों की कर लेते हैं। वर्ल्ड ड्वॉर्फ गेम्स का मतलब तो आप समझ ही गए होंगे, नहीं तो हम भी बताए देते हैं- 'छोटे कद
भारतीय प्रतिभागियों ने विश्व ड्वॉर्फ गेम्स में रेकॉर्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। भारतीय दल में शामिल खिलाडिय़ों ने निजी समस्याओं और आर्थिक परेशानियों को दरकिनार करते हुए 24 देशों के इस टूर्नमेंट में शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय दल 10वें स्थान पर रहा। जब भारतीय दल वहां गया था, तब शायद ही किसी ने उनसे इतने अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की थी। यह टूर्नमेंट 12 अगस्त को कनाडा में समाप्त हुआ।
भारतीय दल ने कुल 36 मेडल अपने नाम किए। इसमें 14 गोल्ड, 10 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज मेडल थे। यह वर्ल्ड गेम में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। चार साल में एक बार होने वाले इस इवेंट में 24 देशों के 400 खिलाडिय़ों ने भाग लिया।
कर्नाटक के फर्राटा धावक देवप्पा मोरे की बात जानकर आप क्या प्रतिक्रिया देंगे, यह हम सहज ही समझ सकते हैं।  उनके मुताबिक 'कर्नाटक के हमारे किसी भी क्वॉलिफाइड ऐथलीट को कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली थी। अपना खर्च निकालने के लिए मैंने अपनी जमीन गिरवी रखकर दो लाख रुपये का बंदोबस्त किया। मोरे ने 100 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल और 200 मीटर में सिल्वर मेडल जीता था। देवप्पा मोरे को हमारी ओर से बहुत-बहुत मुबारकें।
यहां हम आपको यह भी बताते चलें। कि भारत की कामयाबी में कर्नाटक के ऐथलीट्स का बड़ा योगदान रहा। यहां के सात प्रतिभागियों ने कुल 16 पदक जीते। इसमें नौ गोल्ड, चार सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल शामिल थे। भारत की ओर से जॉबी मैथ्यू ने भारत की ओर से सबसे ज्यादा पदक जीते। भारत के कुल 37 पदक में से 2 गोल्ड और तीन सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता। जॉबी मैथ्यू के साथ-साथ 'छोटे कद के भारतीयों का बड़े कारनामे करने वालों को हमारी ओर से कोटिश: बधाइयां।
वैसे कोई भी छोटी चीज़ या बात बहुत महत्त्वपूर्ण भी हो सकती है। अब देखिए न! छोटी-छोटी चिडिय़ाएं सुबह ची-चीं करके हमें कितना बड़ा संदेश देती हैं। चिडिय़ाओं का कहना है-
  मत समझो हम ची-चीं करतीं,
हम हरि के गुण गाती हैं,
मुक्त उड़ान की नेमत दी है,
उसका शुक्र मनाती हैं।
हो गया न यह चिडिय़ाओं के ट्वीट जैसा। ट्वीट की बात निकली है, तो हम तेजस्वी के ट्वीट को भला कैसे नजऱ अंदाज़ कर सकते हैं? असल में तेजस्वी ने ट्वीट में सुबह 5।30 बजे ट्वीट में  लिखा था, कि वे औरंगाबाद पहुंचे हैं, अभी-अभी डिनर किया है। बस इस छोटी-सी बात से ट्वीट के चाहने वालों ने खूब मौज ली। उन्होंने लिखा-  रात का बचा खाना दे दिया भाई को।  बाकी आप खुद ही पढ़ लीजिए।
इसी तरह एक छोटा-सा अनमोल वचन कितनी बड़ी सीख दे देता है। अब देखिए न!
 खुद से बहस करोगे, तो सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे,
दूसरों से बहस करोगे, तो और नए सवाल खड़े हो जाएंगे।
इस अनमोल वचन से सारे सवाल हल हो जाएंगे। सवालों की बात चली है, तो हम सवालों की बात कर लेते हैं। आसान हैं पर दिमाग घुमा देंगे मैथ्स के ये 10 सवाल। इसमें एक सवाल है-
1= 5
2= 25
3= 325
4= 4325
5= ?
बस थोड़ा-सा दिमाग (जो कि बहुत छोटा-सा होता है) लड़ाइए और बड़े-से-बड़े सवाल हल हो जाएंगे। छोटा तो किसी को समझना ही नहीं है न! दुश्मन को छोटा और कमज़ोर समझ लिया तो गए काम से। अब देखिए न!
 उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन बॉर्डर पर चीन सैनिकों ने भारतीय चरवाहों को धमकाकर भगा दिया।
अगर हम चीन की इस छोटी-सी हरकत पर ध्यान नहीं देंगे, तो कल चीन पूरे भारत पर अपना हक जता सकता है। बात हरकत की आई है, तो एक मज़ेदार और उपयोगी हरकत की बात कर लेते हैं।
 डिजिटल प्लैटफॉर्म रोपोसो ने ऐसा प्लैटफार्म तैयार किया है जहां लोग खुद के विडियो शेयर कर सकते हैं। ये विडियोज़ प्लैटफॉर्म पर बने कुछ खास चैनलों के अंतर्गत प्रसारित किए जाएंगे। भारतीय प्रोग्रामर्स की एक टीम ने 'मेक इन इंडिया मुहिम को साकार बनाते हुए एक ऐसा डिजिटल प्लैटफॉर्म तैयार किया है, जो कि दुनिया के दिग्गज प्लैटफॉर्म्स व नेटवर्क्स को टक्कर देने का दम रखता है।
यह हरकत तो मज़ेदार और उपयोगी थी, पर कोई-कोई हरकत तो समझ में आने लायक ही नहीं होती, जैसे- एक ही कुर्सी के लिए भिड़ गए निगम के दो बाबू। नगर निगम के हेल्थ विभाग में शुक्रवार को एक ही कुर्सी पर बैठने के लिए दो कर्मचारी आपस में भिड़ गए। इस दौरान दोनों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। किसी तरह अन्य कर्मचारियों ने उन्हें शांत कराया। मारपीट की यह घटना नगर निगम के हेल्थ विभाग में तैनात कर्मचारी प्रदीप योगाचार्य और मोहन कुमार के बीच हुई।
एक छोटा-सा दोहा कितनी बड़ी बात कह देता है!
 माला फेरत जुग गया, मिटा ना मन का फेर ।
कर का मन का डारि दे, मन का मनका फेर ॥
बिहारीलाल या बिहारी हिंदी के रीति काल के प्रसिद्ध कवि थे। उन्हों  बिहारी सतसई  लिखी।  बिहारी सतसई  के इन 700 दोहों के लिए कहा जाता है-
 सतसइया के दोहरे अरु नावक के तीर ।
देखन में छोटन लगें घाव करें गंभीर॥
इसी तरह एक छोटा-सा गाना नहीं, बल्कि 'साइलंट सॉन्ग आजकल धूम मचा रहा है। आईट्यून्स पर धूम मचा रहा है यह 'साइलंट सॉन्ग
हम गाने सुनते हैं कभी म्यूजिक के लिए तो कभी लिरिक्स के लिए। लेकिन, आईट्यून्स चार्ट पर लगातार ऊपर चढ़ते जा रहे एक गाने में दोनों ही नहीं हैं। लगभग 60 रुपये में अवेलेबल इस गाने में कुछ है तो वह है 10 मिनट का सन्नाटा। फिर आखिर क्यों समीर मिजराही के इस गाने की मांग बढ़ती ही जा रही है?
वालों के गेम्स या खेल। ये गेम्स कनाडा में हुए थे।

शुक्रवार, अगस्त 25, 2017

खाना-सुरक्षा दे नहीं सकते, सपना बुलेट ट्रेन का!

एक और ट्रेन हादसे का शिकार हो गई।
पिछले कुछ हादसों की तरह जिसे आतंकी साजिश माना जा रहा था, वह हादसा रेलवे की एक बड़ी चूक का नतीजा निकला। शुरुआती जांच में सामने आया कि ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था, मगर जिम्मेदार अफसरों को इसकी जानकारी ही नहीं थी। अभी रुकिए, जांच होगी, 1-2 अफसर सस्पेंड हो जाएंगे और बस पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। अफसर भी सस्पेंड होते ही बहाल होने के लिए हैं। थोड़े दिन सस्पेंड रहेंगे, क्या दिक्कत है। मीडिया को भी नया मुद्दा मिल जाएगा और फिर इंतजार किया जाएगा दूसरा हादसा होने का। मगर कब तक रेलवे के बड़े अधिकारी और खुद रेल मंत्री सुरेश प्रभु अपनी नैतिक जिम्मेदारी से बचेंगे।
प्रभु की छवि एक प्रोग्रेसिव रेल मंत्री की है। सोशल मीडिया पर जिस तरह की छवि बनी, उससे यह विश्वास भी हो जाता है। मगर क्या रेलवे में उनका जऱा सा भी इकबाल है? क्या उन्होंने कभी एक बेहतरीन प्रशासक के तौर पर रेलवे के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम किया? आंकड़ों और रेलवे के मौजूदा हाल को जानेंगे, तो रेलवे मोदी सरकार के सबसे विफल विभागों की पंक्ति में सबसे आगे खड़ा नजऱ आएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2014 में सुरेश प्रभु के रेल मंत्री बनने के बाद करीब 23 छोटे-बड़े रेल हादसे हुए, जिनमें लगभग 323 मौतें हुईं और 950 से ज्यादा घायल हुए हैं।
ये आंकड़े तब ज्यादा निराश करते हैं, जब प्रधानमंत्री मोदी लाल बहादुर शास्त्री के आदर्शों का बखान करते नहीं थकते। लाल बहादुर शास्त्री देश के शायद एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने एक रेल हादसे को अपनी विफलता मानते हुए रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। मैं नहीं कहता हूं कि सुरेश प्रभु को भी वही करना चाहिए। लेकिन आखिर कब तक लोगों की जान जाती रहेगी और प्रभु सोशल मीडिया वाली गुड गवर्नेंस की छवि को निहारते रहेंगे? आखिर क्यों हर रेल हादसे के बाद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जाती है? जब तक रेल हादसों और कामकाज में लापरवाही की जिम्मेदारी ष्ठक्ररू, त्ररू और रेलवे बोर्ड के मेंबर्स जैसे बड़े अधिकारियों पर नहीं डाली जाएगी, हालात ऐसे ही रहेंगे।
रेलवे के जमीनी हालात बेहद बदतर हैं, मगर रेलवे के अधिकारी और शायद खुद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ट्रेनों में दूध की बोतल और डायपर पहुंचाने के बाद मिलने वाली तारीफों को पाकर ही उत्साहित नजऱ आ रहे हैं। हमने समय-समय पर रेलवे में होने वाली लापरवाहियों को उजागर किया है। कई खबरों का असर हुआ, मगर कई मामलों का संज्ञान लेना तक जरूरी नहीं समझा गया। हमने कुछ समय पहले एक खबर की, जिसमें बताया गया कि किस तरह रेलवे में 'ई-कैटरिंग सर्विस से जुड़े वेंडर्स मिनिमम ऑर्डर अमाउंट के नाम पर धांधली कर रहे हैं'। खबर की रिपोर्टिंग के दौरान हैरानी तब हुई, जब ढ्ढक्रष्टञ्जष्ट ने कहा कि यह उनकी जानकारी में है, मगर वह कुछ कर नहीं सकते। हालांकि 'खबर का असर हुआ और ऐसे सारे वेंडर्स बाद में बैन कर दिए गए'।
दो-तीन दिन पहले ही प्रकाशित एक और खबर में हमने बताया कि किस तरह 'रेलवे स्टेशनों और ट्रेन के अंदर वेंडर्स तय कीमत से ज्यादा रेट पर' खाना-पानी और जरूरी सामान बेच रहे हैं। कई वेंडर्स ने यूं तो रेलवे हेल्पलाइन नंबर मिटा रखे हैं, मगर आप इन नंबरों पर शिकायत भी करिए तो कार्रवाई की बात कहकर मामले को टाल दिया जाता है। आप कुछ दिनों बाद शिकायत का स्टेटस जानना चाहेंगे, तो उनके पास इसका कोई रेकॉर्ड ही नहीं होगा।
ट्विटर पर रेलवे और सुरेश प्रभु ने लोगों की मदद कर खूब ख्याति हासिल की। मगर आप गौर करिए या खुद कभी किसी गंभीर मामले की शिकायत करिए, तो पाएंगे कि मदद सिर्फ ऐसे मामलों में की गई, जिनमें मदद करना आसान था और ज्यादा प्रशासनिक पेच नहीं थे। गंभीर मामलों का ट्विटर पर ना रेल मंत्री संज्ञान लेते हैं और न ही रेल मंत्रालय।
जब रेलवे के जमीनी स्तर पर ऐसे हालात हैं, तो आप कैसे दावा करते हैं कि हम आने वाले सालों में देश में बुलेट ट्रेन चलाएंगे।
देश के कई हिस्से अब भी रेल कनेक्टिविटी तक से वंचित हैं, कई इलाकों में कनेक्टिविटी है भी तो ट्रेनें आज भी अंग्रेजों के जमाने के ट्रैक पर दौड़ रही हैं। ऐसे में रेल मंत्रालय के लिए जरूरी होगा कि फिलहाल वह रेल यात्रियों की सुरक्षा-संरक्षा और उनकी बुनियादी जरूरतों पर ध्यान दे, जिससे उन्हें अकाल मौत और संगठित लूट से बचाया जा सके।

भूख-प्यास से मरी गायों को लेकर मचा बवाल

रायपुर।
छत्तीसगढ़ में बेमौत मारी गई गायों को लेकर राजनीति गरमा गयी है। राज्य में साल 2018 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके चलते दुर्ग के धमधा में बीजेपी नेता की गोशाला में मारी गयी गायों को लेकर बवाल इस कदर बढ़ गया है कि राज्य भर में बीजेपी के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। धमधा के राजपुर इलाके के लोगों का दावा है कि गोशाला में 200 से ज्यादा गाय मारी गईं, जबकि प्रशासन ने तमाम दावों को खारिज करते हुए मात्र 30 गाय के मारे जाने की पुष्टि की है।
प्रशासन ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया है कि गायों की मौत भूख से हुई। बवाल मचने के बाद बीजेपी नेता हरीश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर गायों को नयी गोशालाओं में भेजा जा रहा है, ताकि उनकी अच्छी देखभाल हो और उनकी जान बचाई जा सके। ये नजारा दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के राजपुर गांव का है। इस गांव के आखरी मुहाने पर स्थित है यह शगुन गोशाला। वैसे तो इस गोशाला में लगभग दो ढाई सौ गायों को रखने की व्यवस्था है, लेकिन गोशाला संचालको ने इसकी क्षमता से तीन गुनी से ज्यादा गायों को यहां रख दिया।बताया जा रहा है कि इस गोशाला में साढ़े छ सौ से ज्यादा गायों को रखा गया था। इतना ही नहीं, गायों को कभी कभार ही दाना पानी मिलता था। यह गोशाला चारो ओर से दीवारों से घिरी हुई है। लिहाजा गायों के लिए ये गोशाला किसी जेल से कम नहीं है। भूखी प्यासी गायें इस गोशाला से बाहर नहीं निकल पाईं। वरना उन्हें भूख प्यास के मारे अपनी जान नहीं गवानी पड़ती और तो और गोशाला का गेट बंद होने के बाद दो-चार दिनों से यहां के किसी भी कर्मचारी ने भीतर जाकर देखने की जहमत भी नहीं उठाई।
ना तो किसी ने गेट खोला और ना ही किसी ने गायों की ओर देखा। नतीजतन एक के बाद एक कई गाय मरती चली गई। दो-चार दिनों से बंद गोशाला की ओर जब स्थानीय ग्रामीणों की नजर पड़ी, तो उन्होंने गायों के मारे जाने की सुचना स्थानीय प्रशासन को दी। शिकायत के कई घंटो बाद प्रशासन हरकत में आया। बवाल मचने के बाद पुलिस और प्रशासन के आला अफसर इस गोशाला का दौरा किया। प्रशासन ने प्राथमिक जांच में पाया कि इस गोशाला में गायों की रक्षा और देखभाल के लिए कोई जिम्मेदार व्यक्ति तैनात नहीं था।
क्षमता से तीन गुनी ज्यादा गाय रखने के बावजूद गोशाला प्रबंधन ने मात्र तीन-चार व्यक्तियों को ही गायों की देखभाल के लिए रखा था। ये व्यक्ति भी कभी कभार इस गोशाला का रुख करते थे। सबसे गंभीर बात यह थी कि तमाम गायों की मौत भूख प्यास से हुई। गोशाला में ना गायों के लिए पीने का पानी था और ना ही खाने के लिए चारा। भोजन के बिना गायों की हालत दिनों दिन पतली होते चली गयी। प्राथमिक जांच रिपोर्ट मिलते ही प्रशासन ने इस गोशाला के संचालक हरीश वर्मा की खोजबीन शुरू कर दी।
चंद घंटो के भीतर ही पुलिस ने उसे धर दबोचा। उसे धमधा पुलिस थाने के लॉकअप रूम में रखा गया है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा। हरीश वर्मा के राजनैतिक रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो बीजेपी का आम कार्यकर्ता नहीं बल्कि भिलाई की जामुल नगर पालिका परिषद् का उपाध्यक्ष भी है। उसकी एक नहीं बल्कि तीन गोशालाएं है। उधर मामले के तूल पकडऩे के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य की सभी सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओ का परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने गोहत्या के इस मामले को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है।

एनडीए में शामिल होगी जेडीयू


पटना।
पटना में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार को हुई बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है। पार्टी ने सर्वसम्मति से तय किया है कि वो एनडीए में शामिल होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर हुई पार्टी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ पटना में शरद यादव समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं और नीतीश कुमार के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि जदयू की बैठक में इस बैठक में शरद यादव को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ शरद यादव भी पार्टी नेताओं की एक बैठक आज ही बुलाई है। इसके बाद यह दिलचस्प होगा कि जदयू का कौन सा नेता किसा तरफ जाता है। बैठक से पहले शहर की सड़कों पर पोस्टर वार छिड़ती दिखी। नीतीश और शरद यादव दोनों के ही समर्थकों ने अपने-अपने होर्डिंग लगाकर खुद को असली जदयू बताया है।
बैठक में जाने से पहले पार्टी के नात केसी त्यागी ने कहा कि इसके लिए शरद यादव को भी निमंत्रण भेजा गया है, वो बैठक में आकर मतभेद सुलझा सकते हैं। वहीं खबर है कि इस बैठक में शरद यादव शामिल नहीं होंगे।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद राष्ट्रीय परिषद का खुला अधिवेशन दोपहर बाद तीन बजे वीरचंद पटेल पथ स्थित रवींद्र भवन में होगा। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुला अधिवेशन को मुख्य रूप से संबोधित करेंगे। कई राज्यों से जदयू के प्रतिनिधि खुला अधिवेशन में शामिल होंगे।
11 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी दिल्ली यात्रा के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भेंट की थी। अमित शाह ने मुख्यमंत्री को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। उसी मुलाकात के दौरान शाह ने नीतीश को राजग में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद शाह ने इस आशय का ट्वीट भी किया था।
जदयू के राजग में शामिल होने से बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव का प्लेटफॉर्म तैयार हो रहा है। इसका असर यह भी संभव है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नीतीश कुमार को राजग का संयोजक बना दिया जाए। पूर्व में जदयू के जार्ज फर्नांडिस राजग के संयोजक रहे हैं। जदयू नेता संजय झा ने कहा कि जब बिहार में भाजपा और जदयू की सरकार है तो यह स्वाभाविक है कि जदयू अब राजग का हिस्सा हो जाएगा। लोकसभा चुनाव में इसका काफी असर दिखेगा।
जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एक दिन पहले शुक्रवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की बैठक मुख्यमंत्री आवास में हुई। बैठक में शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिए जाने वाले राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक प्रस्तावों के साथ-साथ बागी तेवर अख्तियार किए शरद यादव पर भी चर्चा हुई। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने बैठक के बाद कहा कि अगर 27 तारीख की राजद की रैली में शरद यादव लालू प्रसाद के साथ मंच साझा करते हैं तो यह बर्दाश्त नहीं होगा। पार्टी तुरंत कठोर निर्णय लेगी।
इस बीच पटना में अपने जन अदालत सम्मेलन के लिए कृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचे शरद यादव ने कहा कि मैं किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि बिहार के लोगों के साथ हूं। बिहार के लोग दुखी हैं। इसके साथ ही उन्होंने सम्मेलन में शामिल नेताओं से कहा कि जो भी मंच पर बोले आए वे किसी का नाम लिए बिना ही अपनी बात रखें।
वहीं शरद यादव कैंप भी भरपूर समर्थन का दावा कर रहा है। शरद समर्थक अरुण श्रीवास्वत कहते है,  हम असली जनता दल है। हम दावा करने के लिए लड़ाई करेंगे। हमारे पास ज्यादा समर्थन है। बिहार से बाहर नीतीश को किसी का समर्थन नहीं है। ये वो बीजेपी नहीं है, जिससे हमने गठबंधन किया था। हम मंदिर और आर्टिकल 370  पर समझौता नहीं कर सकते। अगर लालू भ्रष्टाचारी थे, तब नीतीश ने चुनाव जीतने के लिए उनसे हाथ क्यों मिलाया?
दरअसल शरद यादव अब इंतजार कर रहे हैं कि नीतीश कुमार पार्टी से बगावत के बाद उन्हें कब बाहर का रास्ता दिखाते हैं। सूत्रों की मानें तो उसके बाद शरद यादव चुनाव आयोग में जेडीयू का असली उत्तराधिकारी होने का वैसे ही दावा पेश करेंगे, जैसे मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी पर अपने वर्चस्व को लेकर चुनाव आयोग में दावा किया था।
इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि जब मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी पर अपने वर्चस्व का दावा किया था, तब कांग्रेस मुलायम सिंह यादव के खिलाफ और अखिलेश यादव के पक्ष में खड़ी थी और आखिर में फैसला अखिलेश यादव के पक्ष में आया था, लेकिन इस बार कांग्रेस शरद यादव के साथ और नीतीश कुमार के खिलाफ खड़ी होगी। इतना तय है कि आने वाले दिनो में कांग्रेस शरद यादव के कंधों का इस्तेमाल करके नीतीश कुमार को निशाना बनाएगी और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करेगी।
शरद यादव और नीतीश कुमार की जेडीयू पर वर्चस्व की लड़ाई में बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिलेगी। साथ ही चुनाव आयोग में बीजेपी और कांग्रेस के कानून के जानकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की चुटीली नोकझोंक का नजारा देखने को भी मिलेगा। असल में शरद यादव के समर्थकों का कहना कि साल 1999 में नीतीश कुमार और जॉर्ज फर्नाडिस ने अपने राजनैतिक फायदे के लिए अपनी समता पार्टी का विलय शरद यादव की जेडीयू में किया था।
इसलिए शरद यादव के समर्थकों का यह भी कहना है कि शरद यादव ही जेडीयू के असली उतराधिकारी हैं। अगर किसी को जेडीयू से बाहर जाना है, तो नीतीश कुमार और उनके समर्थकों को जाना चाहिए। शरद यादव को जेडीयू से बाहर किए जाने के बाद उनकी और नीतीश कुमार की लड़ाई का अखाड़ा चुनाव आयोग ही होगा।गी जेडीयू

नारायण राणे अमित शाह की मौजूदगी में कांग्रेस छोड़ भाजपा में होंगे शामिल

मुंबई । 
महाराष्ट्र के बड़े नेता नारायण राणे इस महीने की 27 तारीख को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मुंबई में 27 अगस्त को एक पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम है, जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पहुंचने वाले हैं। इसी दौरान कांग्रेस के असंतुष्ट माने जाने वाले नारायण राणे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। नारायण राणे पिछले दिनों अहमदाबाद में अमित शाह से मिल चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, शाह से मिलने के लिए वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ गये थे। राणे महाराष्ट्र से ही आने वाले कद्दावर भाजपा नेता नितिन गडकरी के संपर्क में भी हैं।
कोंकण इलाके में खासा प्रभाव रखने वाले नारायण राणे को इस बात से नाराजगी है कि कांग्रेस ने उन्हें सत्ता में रहने के दौरान महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नहीं बनाया और न ही पार्टी संगठन में उन्हें कोई अहम पद दिया गया। अपनी उपेक्षा व नाराजगी के मद्देनजर पिछले दिनों नारायण राणे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थे, ताकि पार्टी में बने रहने का कोई औचित्य सामने आये और इसके लिए उनकी भूमिका तय की जाये। लेकिन, ऐसी कोई बात नहीं बन सकी और सूत्रों का कहना है कि इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोडऩे का फैसला ले लिया है।
नारायण राणे के भाजपा में आने के सवाल पर राज्य सरकार के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि अगर राणे भाजपा में जुड़ते हैं तो उनका स्वागत है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चह्वाण ने इस मुद्दे पर कहा है कि कुछ लोग बिना पॉवर के रह नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी छोडऩा चाहता है, तो ठीक है, उनकी जगह नये नेता लेंगे। दरअसल, अभी से लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में जुटे और उसके लिए देशव्यापी यात्रा पर निकले अमित शाह को राणे को भाजपा में शामिल करना राजनीतिक रूप से फायदेमंद नजर आ रहा है। यह शाह के मिशन 350 प्लस का ही हिस्सा है। कोंकण क्षेत्र में पार्टी इससे मजबूत होगी। नारायण राणे मंझे नेता हैं और जबरदस्त मेहनती व खुद को लक्ष्य पाने के लिए झोंक देने वाले नेता की छवि रखते हैं।
नारायण राणे महाराष्ट्र के बड़े नेता हैं। राजनीतिक दलों से इतर उनकी अपनी हैसियत व प्रभाव है। वे दबंग राजनेता की छवि भी रखते हैं, जो अपनी बात पर अड़े होने की माद्दा अपने पार्टी संगठन व नेतृत्व के पास रखता है। वे पहले शिवसेना में थे और उसमें रहते हुए 1999 में मुख्यमंत्री बने थे। 2005 में शिवसेना नेतृत्व के मतभेद के बाद उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था और बाद में वे कांग्रेस में चले गये। इसी दौरान विलास राव देशमुख सरकार में वे राजस्व मंत्री बने। उनके दो बेटे नीतीश और निलेश भी महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय हैं। नारायण राणे महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र से आते हैं, जहां कांग्रेस का प्रभाव नहीं हुआ करता था। राणे ने वहां पार्टी को आधार एवं विस्तार दिया। बावजूद इसके पार्टी ने उन्हें संगठन या सरकार में कोई बहुत बड़ा ओहदा नहीं दिया।

लालू की पार्टी कर बैठी 'गलती से मिस्टेक, बैनर में भाजपा बचाने की अपील

पटना।
बिहार में लालू प्रसाद की पार्टी राजद एक बड़ी गलती के कारण चर्चा में आ गई है। दरअसल इन दिनों राजद पटना में होने वाली महारैली की तैयारियों में पूरी जी जान से जुटी है। खासकर जब से वह सत्ता से बाहर हुई है, तब से लालू प्रसाद की पार्टी ने जदयू और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
लालू के बेटे और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लगातार तीखे हमले बोल रहे हैं। इस बीच कुछ राजद कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ महारैली के लिए बड़े-बड़े पोस्टर भी छपवा लिए हैं, हालांकि उनसे पोस्टर में एक बड़ी चूक भी हो गई। उनकी ये गलती सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर खूब चर्चा में है।
जनार्दन मिश्रा नाम के ट्वीटर अकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट की गई है। इस में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय जनता दल ने जो बैनर छपवाए हैं उसमें 'देश बचाओ, भाजपा बचाओ
तस्वीर के साथ ट्वीट करते हुए जनार्दन मिश्रा ने लिखा, 'लालू के अनपढ़ बेटा 'देश बचाओ 'भाजपा बचाओ रैली कर रहा है,, जैसा नेता अनपढ़ है कार्यकर्ता तो उसके बाप हैं।। पोस्टर कुछ इस तरह से है-  देश बचाओं- भाजपा बचाओं महारैली लाखों की संख्या में चलकर पटना गांधी मैदान में रैली को सफल बनाएं। अभी तक इस पोस्टर की सच्चाई पर पर राजद की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन फिलहाल ट्विटर पर यूजर्स अभी इसे खूब शेयर कर रहे हैं।
रैली लिख दिया। तस्वीर में दिख रहे बैनर पर लालू यादव और राबड़ी देवी के फोटो भी लगे हैं।

गिलानी ने बदला स्टैंड, वाजपेयी का 'मंत्र दोहराया

श्रीनगर। 
कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत के जरिए कश्मीर विवाद सुलझाने की अपील की है। यह विचार पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में व्यक्त किया था। गिलानी ने एक विडियो संदेश में कहा, 'हम भारत से ज्यादा उम्मीद नहीं करते। बस वे इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत के जरिए विवाद को सुलझाएं। गिलानी का यह बयान उनके पहले लिए गए स्टैंड के उलट है, क्योंकि अभी तक वे वाजपेयी के इस विचार का विरोध करते रहे हैं। गिलानी का यह विडियो तब आया है जब एनआईए उनके दोनों बेटों और दामाद को पाकिस्तान से मिले अवैध धन के बारे में पूछताछ कर रही है।
वाजपेयी का जिक्र करते हुए गिलानी ने कहा कि कश्मीर दो देशों का अधूरा हिस्सा है और भारत और पाकिस्तान को बातचीत करके इसका निकालने की जरूरत है। हालांकि कश्मीर को लेकर वाजपेयी के सुझाव का गिलानी मजाक उड़ाते रहे हैं। उनके मुताबिक, निष्ठावान और इंसानियत के निर्माताओं ने उन्हें मजबूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सोशल मीडिया पर उनका जो विडियो वायरल हो रहा है, उसमें गिलानी ने कहा है कि भारत को कश्मीरियों को उनके अधिकार और स्वतंत्रता देने के अधिकार का वादा पूरा करने की जरूरत है। वह कह रहे हैं, 'हम यह मांग नहीं कर रहे कि भारत को अपने वैध क्षेत्र को छोड़ देना चाहिए। हम भारत की प्रगति, विकास और आजादी चाहते हैं। लेकिन उन्हें जम्मू और कश्मीर के मूल अधिकार को ना नहीं कहना चाहिए।
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ी आतंकवाद फंडिंग जांच के मामले में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटों से पूछताछ की थी। गिलानी के बड़े पुत्र नईम पेशे से सर्जन हैं और छोटे बेटे नसीम जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारी हैं। नईम अपने पिता के बाद पाकिस्तान समर्थक कट्टरपंथी समूहों के अलगावादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत के स्वाभाविक उत्तराधिकारी माने जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद फंडिंग मामले में भाइयों से पूछताछ हुई। मामले में पाकिस्तान स्थित जमात-उद-दावा और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नेता सईद का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। एनआईए ने 30 मई को मामला दर्ज करते हुए आतंकवादी संगठनों के साथ अलगावादी नेताओं की मिलीभगत का आरोप लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाकर करोड़ो मुस्लिम महिलाओं को समानता और आत्मसम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही सभी पीडि़त महिलाओं के हक में आए इस फैसले का स्वागत करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं।' उन्होंने मोदी सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं के पक्ष को विवेकपूर्ण और न्यायपूर्ण तरीके से सर्वोच्च अदालत के सामने रखने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा मुस्लिम महिलाओं को मिले अधिकारों एवं सम्मान का स्वागत करती है तथा इसे न्यू-इंडिया की ओर बढ़ते कदम के रूप में देखती है।

पासपोर्ट बनवाना और आसान, पुलिस नहीं सिर्फ ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा जरूरी

नई दिल्ली।
पासपोर्ट बनवाने लिए पुलिस द्वारा वेरिफिकेशन जल्द ही पुराने जमाने की बात होगी। क्योंकि सरकार इस सेवा को अपराधों और अपराधियों के राष्ट्रीय ब्यौरे से जोडऩे की योजना बना रही है। इस ब्यौरे से एक क्लिक पर आवेदकों की पृष्ठभूमि की जानकारी मिल सकेगी।
केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम्स परियोजना (सीसीटीएनएस) को विदेश मंत्रालय की पासपेार्ट सेवा के साथ जोड़े जाने की उम्मीद है। यह एक साल में पासपोर्ट आवेदकों का आनलाइन वेरिफिकेशन पुलिस द्वारा खुद जाकर सत्यापन करने की व्यवस्था की जगह लेगा।
उन्होंने कहा, कुछ राज्यों में पुलिस पहले से ही पासपोर्ट संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए सीसीटीएनएस का उपयोग कर रही है। पुलिस को आवेदक के पते पर जाने के लिए हाथ में पकड़े जा सकने वाले उपकरण दिए जाएंगे। उनकी जानकारियां नेटवर्क पर डाली जाएंगी। यह पुलिस से संपर्क को कम करेगा और समय घटाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ये बातें ऐसे समय कहीं गई जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीटीएनएस परियोजना के तहत एक डिजिटल पुलिस पोर्टल शुरु किया जिसका उद्देश्य अपराधों और अपराधियों का राष्ट्रीय ब्यौरा तैयार करना है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पुलिस पोर्टल नागरिकों को आनलाइन शिकायत पंजीकरण और पृष्ठभूमि सत्यापन का आग्रह जैसी सुविधाएं देगा।
उन्होंने पोर्टल शुरु करने के बाद कहा, पुलिस पोर्टल राज्य पुलिस और केन्द्रीय जांच एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय ब्यौरे से 11 सर्च और 46 रिपोर्ट उपलब्ध कराएगा। केन्द्रीय जांच एवं अनुसंधान एजेंसियों को अपराध आंकड़ों तक पहुंचने के लिए डिजिटल पुलिस ब्यौरे हेतु उपलब्ध कराए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि सीसीटीएनएस ने 15398 थानों में से 13775 को साफ्टवेयर में 100 प्रतिशत डेटा डालने का मौका दिया है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल सीसीटीएनएस राष्ट्रीय ब्यौरे में अतीत और वर्तमान आपराधिक मामलों से जुड़े करीब सात करोड़ डेटा रिकार्ड हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यूनतम सरकार कारगर शासन के सपने को पूरा करने में मदद करेगी।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सीसीटीएनएस पूरे राष्ट्रीय अपराध एवं अपराधी ब्यौरे पर पूरे भारत में खोजने में मदद करेगा और इस ब्यौरे तक देशभर में जांच अधिकारियों द्वारा पहुंचा जा सकता है।
सीसीटीएनएस परियोजना देशभर के करीब 15398 थानों और पांच हजार अतिरिक्त शीर्ष पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों को आपस में जोड़ेगा। साथ ही सभी थानों में प्राथमिकी दर्ज होने, जांच तथा आरोपपत्र के संबंध में डेटा का डिजिटलीकरण करेगा।

गुरुवार, अगस्त 24, 2017

अप्रशिक्षित शिक्षक का पंजीकरण 15 सितंबर तक होना चाहिए : सचिव स्कूल शिक्षा

श्रीनगर। 
सचिव स्कूल शिक्षा, फारूक अहमद शाह ने अधिकारियों को 15 सितंबर तक अप्रशिक्षित शिक्षकों की पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया।
फारूक शाह ने इस दौरान सरकारों के साथ-साथ निजी स्कूलों दोनों में प्राथमिक शिक्षा में बीएड/ डिप्लोमा में अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए ह निर्देश दिए।
बैठक में सचिव ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम में डिप्लोमा शिक्षकों के प्रशिक्षण के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से अप्रकाशित शिक्षकों के लिए एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया पैकेज है। उन्होंने कहा कि एचआरडी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के बाद स्नातक शिक्षकों के लिए शिक्षा में डिप्लोमा और स्नातक शिक्षकों के लिए बीएड होना अनिवार्य है।
यह कार्यक्रम अकादमिक विभाग, एनआईओएस द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), की पहल पर विकसित किया गया है। विशेष रूप से, एमएचआरडी ने अप्रैल 201 9 से पहले अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए एक नई तिथि तय की है।
इसके अलावा, सचिव ने अप्रशिक्षित शिक्षकों से कहा कि वह राष्ट्रीय संस्थान की ओपन स्कूलिंग की वेबसाइट पर स्वयं का समय सीमा से पहले पंजीकरण करें और प्रशिक्षण का लाभ उठाने के लिए नाममात्र पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें।
सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण में छात्रों के काम को प्रभावित नहीं किया जाएगा क्योंकि प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑनलाइन और साथ ही ऑफलाइन मोड के माध्यम से एसएसए ने प्रशिक्षण की सुविधा के लिए नोडल अधिकारी नामित किया है।
बैठक के दौरान सचिव ने सीईओ और जेडईओ को स्कूलों में स्वच्छता ड्राइव सुनिश्चित करने और छात्र स्वयंसेवा को बढ़ावा देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने निजी और सरकार के बीच गतिविधियों, प्रतिभा और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान की भी आग्रह किया।
बैठक में निदेशक स्कूल शिक्षा कश्मीर जी एन इत्तू, निदेशक स्कूल शिक्षा जम्मू, निदेशक रमसा, निदेशक एसएसए, एसआईई जम्मू, कश्मीर के प्रिंसिपल, निदेशक दूरस्थ शिक्षा कश्मीर विश्वविद्यालय, मानू, इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक, और निजी स्कूल एसोसिएशन के सदस्यों और अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

बेहतर बाजार आधारभूत संरचना, बाजार की जानकारी उत्पादकों के लिए बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करेगी: वीरी

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 

राजस्व, राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने शनिवार को कहा कि बाजार में बुनियादी ढांचे और बाजार की जानकारी में सुधार के लिए किसानों के लिए अच्छा रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए शक्तिशाली उपाय हैं। मंत्री ने जब्लीपोरा बिजबेहाड़ा में आगामी फलों और सब्जियों के बाजार की निर्माण स्थिति का जायजा लेने के लिए दौरे के दौरान यह बात कही। उनके साथ जिला विकास आयुक्त यूनिस अहमद मलिक, निदेशक बागवानी योजना एवं विपणन व राजस्व मंजूर अहमद कादरी और बागवानी विभाग के अधिकारी थे।
मेगा हाईटेक फल मंडी का निर्माण 33 करोड़ रूपए की लागत से किया जा रहा है और यह 422 कनाल क्षेत्र में फैला हुआ है। यह शीत भंडारण सुविधा, ग्रेडिंग पैकिंग सेंटर, गेस्ट हाउस, ट्रक टर्मिनल, सैकड़ों दुकानों और अन्य सुविधाएं देगा।
वीरी ने कहा कि मंडी दक्षिण कश्मीर के लिए एक टर्मिनल बागवानी बाजार होगा और यह साल भर खुला रहेगा। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एशिया के सर्वोत्तम फल मंडियों के डीपीआर का अध्यन करें और तदनुसार निर्माण निष्पादित करें।
उन्होंने निर्माण स्थल पर काम की धीमी गति पर चिंता जताई और अधिकारियों से साइट पर बाड़ लगाने में लाने और साथ ही साथ अन्य निर्माण कार्यों के निष्पादन को गति देने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से मंडी की कनेक्टिविटी में सुधार के लिए और इसे आसान परिवहन के लिए चार लेन श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडऩे को कहा।
वीरी ने यह भी कहा कि राज्य में बागवानी क्षेत्र की क्षमता को बेहतर ढंग से दोहन करने और किसानों को बेहतर विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न पहल चल रही है।
मंत्री ने बागवानी को राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में करार दिया और कहा कि यह क्षेत्र विकास की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करता है और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जनसंख्या के बड़े हिस्से के लिए रोजगार पैदा कर रहा है।

योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निगरानी पर बल दिया

अब्दुल हक ने जम्मू में आरडीडी के प्रदर्शन की समीक्षा की
 जम्मू।  
ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं कानून व न्याय मंत्री अब्दुल हक ने शनिवार को योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निगरानी में तेजी लाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से कहा।
 विकास परियोजनाओं की गति को गति बढ़ाने और इसके कार्यों की निगरानी के लिए, उन्होंने शनिवार को यहां जम्मू संभाग में ग्रामीण विकास विभाग के कामकाज की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया।
बैठक में आयुक्त सचिव आरडीडी निर्मल शर्मा, जिला विकास आयुक्त जम्मू, कुमार राजीव रंजन, निदेशक आरडीडी जम्मू रविंदर कश्मीर भट, निदेशक ग्रामीण स्वच्छता एम एम घासी, एस ई आरई जम्मू बलबीर सिंह, , ग्रामीण स्वच्छता जम्मू के उप निदेशक, उप निदेशक योजना,जम्मू और जम्मू प्रभाग के सभी जिलों के एसीडी, डीपीओ और कार्यकारी अभियंता शामिल थे। ।
 अब्दुल हक ने लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अधिकारियों पर बल दिया और कहा कि लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए उपलब्ध रहे।
सहभागिता के विकास के महत्व को उजागर करते हुए, उन्होंने 'ग्राम सभाÓ में सभी स्तरों पर लोगों की भागीदारी पर जोर दिया।
अब्दुल हक ने ब्लॉक और पंचायत की उपलब्धियों की समीक्षा की और विभिन्न योजनाओं के तहत शारीरिक और वित्तीय उपलब्धियों का जायजा लिया।
सार्वजनिक परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए मंत्री ने मनरेगा की स्वच्छता, अभिसरण पर इष्टतम जोर दिया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आधार नामांकन पूरा करने के लिए शिविर आयोजित करने के लिए भी बुलाया।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि मनरेगा में राज्य का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना गया है जो लोगों और विभाग के योगदान के साथ संभव हुआ।
मंत्री ने यह भी सूचित किया कि विकास गतिविधियों के लिए अभिसरण, 13 एफसी, 14 एफसी, मनरेगा और एसबीएम के तहत धन की कोई कमी नहीं है और सरकार अधिकतम उत्पादन के लिए इन संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए पूर्ण प्रयास कर रही है।
मंत्री ने राज्य के समग्र विकास के लिए बेहतर समन्वय के लिए संबंधित विभागों पर जोर दिया।
उन्होंने सभी देनदारियों की प्रारंभिक मंजूरी के लिए कहा और नियोजन प्रक्रिया में सभी हितधारकों की भागीदारी पर जोर दिया।
 अब्दुल हक ने पीएमएई के तहत लाभार्थियों के समुचित सत्यापन के लिए संबंधित अधिकारियों को भी प्रोत्साहित किया और विभिन्न योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कहा। उन्होंने राज्य के पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा और 13 एफसी के तहत विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में धन के बराबर वितरण के लिए जोर दिया।

कश्मीरियों को गले लगाने की कवायद शुरू

'मोदी के शांतिदूत कश्मीर में
जम्मू। 
कश्मीर समस्या पर 15 अगस्त के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र ने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान न गाली से, न गोली से, बल्कि कश्मीरियों को गले लगाने से होगी। कश्मीरियों को गले लगाने की कवायद शुरू हो  चुकी है। इस कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में जहां एक प्रतिनिधि मंडल शुक्रवार को कश्मीर पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकत की। इसी कड़ी में कश्मीर समस्या का समाधान तलाशने एक दूसरा प्रतिनिधि मंडल  बीजेपी से जुड़े एमजे खान के नेतृत्व में पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्दीकी, वरिष्ठ पत्रकार कमर आगा और पूर्व न्यायाधीश इशरत मसरूर कुद्दूसी जम्मू कश्मीर गया।
कश्मीरियों के गले लगाने की कवायद की पहल हो चुकी है। कश्मीर समस्या का समाधान के लिए प्राइवेट प्रतिनिधि मंडलों का कश्मीर यात्रा शुरु हो चुकी है। ये प्रतिनिधि मंडल घाटी में बहाली के लिए रास्ते तलाश रही है। ये प्रतिनिधि मंडल कश्मीर की आवाम के साथ-साथ वहां की राजनीतिक पार्टियों और सुफिजम से जुड़े लोगों के साथ-साथ धार्मिक नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके जरिए इनकी कोशिश है कि कश्मीर में भाई-चारा और शांति बनी रहे।
कश्मीर में शांति के रास्ते तलाशने के लिए यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में नागरिक समाज समूह जम्मू कश्मीर शुक्रवार को पहुंचा। इस प्रतिनिधि मंडल में यशवंत सिन्हा, सुशोभा बरवे, एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक और वरिष्ठ पत्रकार भरत भूषण शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने सूबे के राज्यपाल नरिंदर नाथ वोहरा से मुलाकात की। इसके अलावा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ-साथ सूबे की विपक्षी पार्टी के नेता के साथ भी प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात किया। इस दौरान ये प्रतिनिधि मंडल जम्मू कश्मीर समस्या के समाधान के मकशद से सूबे मुद्दे को लेकर विभिन्न दलों और समूहों के नेताओं के साथ चर्चा के लिए घाटी का दौरा कर रही है।
इस तर्ज पर दूसरी एक प्रतिनिधि मंडल बीजेपी सदस्य एमजे खान के नेतृत्व पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्दीकी, वरिष्ठ पत्रकार कमर आगा और पूर्व न्यायाधीश इशरत मसरूर कुद्दूसी शामिल हैं। कश्मीर जाने वाली समिति का नेतृत्व कर रहे बीजेपी नेता एमजे खान गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी भी माने जाते हैं।
ऐसे में समिति का कश्मीर दौरा ऐसे वक्त पर जाना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भले ही इस समिति को सरकार कश्मीर न भेज रही हो, लेकिन इस समिति के मंसूबे मोदी के बयान को साकार करने वाले ही हैं। एमजे खान ने बताया कि समिति का कश्मीर दौरा वक्त की मांग है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान ने समिति के हौसले को बुलंद कर दिया है। इस समिति का सरकार और बीजेपी से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि कश्मीर समस्या पर प्रधानमंत्री का बयान काफी सराहनीय है।
उन्होंने साफ कर दिया कि कश्मीर समस्या का समाधान बातचीत के जरिए ही हल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री के बयान को कश्मीर के लोगों ने काफी स्वागत किया है। इससे साफ है कि प्रधानमंत्री कश्मीर समस्या के लिए काफी गंभीर हैं और बैठकर बातचीत के जरिए हल तलाश रहे हैं।
इसी मद्दे नजर हम सब भी कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए ही कश्मीर जा रहे हैं। इस समिति का सरकार से कोई लेना देना नहीं है। हम आपसी सहमति से व्यक्तिगत स्तर पर कश्मीर जा रहे हैं, ताकि वहां के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझ सकें। जिससे की घाटी में शांति का मार्ग खुल सके।
उन्होंने कहा कि ये समिति के लोग कश्मीरी की सिविल सोसाइटी के लोगों से, धार्मिक रहनुमाओं, महिला संगठनों और नई पीढ़ी के युवा नेताओं के साथ मिलकर बातचीत करेंगे। समिति हुर्रियत जैसी अलगाववादी संगठनों दूरी बनाकर रखेगी।

जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन 5 दिन बढ़ी, अब 25 अगस्त तक करें दाखिल

नई दिल्ली।
सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) रिटर्न दाखिल करने की तिथि 25 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। इसकी घोषणा शनिवार को की गई। इससे पहले जीएसटी फाइल करने वाली वेबसाइट ने पूर्व निर्धारित अंतिम तिथि से एक दिन पहले तकनीकी गड़बडिय़ों के कारण काम करना बंद कर दिया था।
जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की तिथि एक जुलाई से लेकर 20 अगस्त तक निर्धारित की गई थी, जिसमें माल की आवाजाही और उधार/भुगतान के आंकड़े दाखिल करना है। वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया, अंतिम समय पर रिटर्न दाखिल करने वालों को कुछ तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि सरकार ने करदाताओं को पहले ही चेताया था कि अंतिम तिथि से पहले ही रिटर्न फाइल कर दें, ताकि अंतिम समय पर किसी तकनीकी परेशानी से बच सकें।
बयान में कहा गया, चूंकि यह जीएसटी के तहत दाखिल किया जाने वाला पहला रिटर्न है, इसलिए करदाताओं और कर पेशेवरों ने रिटर्न फाइल करने के लिए कुछ और वक्त मुहैया कराने की मांग की है। साथ ही कहा गया, "वहीं, बाढ़ से पीडि़त राज्यों ने भी जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है। जम्मू और कश्मीर ने समय बढ़ाने की मांग की थी, क्योंकि वहां जीएसटी देर से लागू हुआ।
बयान में कहा गया कि इन मुद्दों को देखते हुए जीएसटी कार्यान्वयन समिति (इसमें केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हैं) ने जुलाई की फाइलिंग की अंतिम तिथि को उन करदाताओं के लिए जो इस महीने ट्रांस1 में ट्रांजिशन क्रेडिट का लाभ नहीं लेना चाहते हैं, 25 अगस्त तक बढ़ाने का फैसला किया है। वहीं, जो करदाता इस महीने ट्रांस 1 (ट्रांजिसन क्रेडिट) का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 28 अगस्त निर्धारित की गई है।
देश भर के व्यापारियों को शनिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ऐसा तब हुआ जब वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) फाइल करने वाली वेबसाइट ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के अंतिम दिन से एक दिन पहले कुछ समय के लिए काम करना बंद कर दिया।
एसोचैम के अध्यक्ष (स्पेशल टास्क फोर्स ऑन जीएसटी) प्रतीक जैन ने बताया, दोपहर 12 बजे के बाद से ही जीएसटी की वेबसाइट रुक-रुक कर चल रही थी। इससे व्यापारियों के बीच काफी उलझन पैदा हो गई। हमारे कई ग्राहकों ने बताया कि इस गड़बड़ी के कारण वे रिटर्न दाखिल नहीं कर सके। अगर ऐसा आगे भी जारी रहता है तो सरकार को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तिथि अगले कुछ दिनों के लिए बढ़ा देनी चाहिए।
जीएसटी की वेबसाइट पर लगे नोटिस में कहा गया, यह सेवा 19 अगस्त को दोपहर 2 बजे से 2.45 बजे तक उपलब्ध नहीं है। कृपया बाद में आएं। अगस्त महीने के रिटर्न का विवरण दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर है।
पुणे के चाटर्ड एकाउंटेंट प्रीतम महूरे ने कहा, इस स्थिति से करदाता तनाव में है। महज दो हफ्ते पहले ही जीएसटीआर-3बी फार्म फाइलिंग के  लिए उपलब्ध कराया गया था। उम्मीद के मुताबिक यह करदाताओं द्वारा फाइल किया गया पहला जीएसटी होता। इसी हफ्ते से करदाताओं ने जीएसटीआर-3बी फाइल करना शुरू किया था।
वहीं एसकेपी बिजनेस कंसल्टिंग के भागीदार जिगर दोषी ने बताया, अगर समरी रिटर्न फाइल करने में सिस्टम बैठ गया है, तो अगले कुछ महीनों में स्थिति काफी डरावनी प्रतीत हो रही है। क्योंकि हमें अंदाजा नहीं है कि उस समय क्या होगा, जबकि करदाताओं द्वारा इनवाइस अपलोड करते हुए विस्तृत जीएसटी रिटर्न फाइल किया जाएगा।
बता दें कि अगस्त महीने का समरी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर निर्धारित है, जिसे सरकार ने शनिवार को अगले 5 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। जीएसटीआर 3बी के अलावा करदाताओं को तीन फार्म और फाइल करने हैं। इनमें जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 है। जुलाई माह के लिए ये तीनों फार्म क्रमश: 1 सितंबर से 5 सितंबर के बीच, 6 सितंबर से 19 सितंबर के बीच और 11 सितंबर से 15 सितंबर के बीच फाइल करने हैं।