शनिवार, जुलाई 29, 2017

अपने बुने जाल में ही फंस गया है चीन!

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90वीं वर्षगांठ मनाए जाने से पहले महज 10 दिन बचे हैं। सैन्य क्षेत्र में कम्युनिस्ट पार्टी के दबदबे को फिर से दिखाने के लिए, उम्मीद है कि इस मौके पर विशाल समारोह का आयोजन किया जाएगा।
कमांड के स्तर पर अभी चीनी सेना में काफ़ी बुनियादी बदलाव हुए हैं।
लेकिन इस आयोजन में पीएलए की कुछ सैन्य टुकडिय़ां हिस्सा नहीं ले पाएंगी, जो भारत के साथ तनाव के कारण सीमा पर तैनात हैं।
बातचीत के लिए 26-27 जुलाई को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल बीजिंग पहुंच रहे हैं। इसमें भी अभी पांच दिन ही बचे हुए हैं।
चीनी अधिकारी दबाव में हैं और उन्हें जल्द ही कुछ रास्ता निकालना होगा। वो कोई कार्रवाई करने से पहले डोभाल के दौरे को आज़मा लेना चाहते हैं।
बीते गुरुवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत के साथ बातचीत के कूटनीतिक रास्ते खुले हुए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने इस बात की पुष्टि की कि पांच सप्ताह पहले सिक्किम के पास शुरू हुए सैन्य तनाव को हल करने के लिए दोनों देशों के राजयनिक बातचीत कर रहे हैं।
हालांकि उनका इस बात पर ज़ोर था कि, दोनों देशों के बीच किसी भी अर्थपूर्ण बातचीत और सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए भारत की ओर से अपनी सेना को हटाना पहली शर्त है।
एक तरफ़ अनौपचारिक बातचीत पर राज़ी होने और दूसरी तरफ़ 'अर्थपूर्ण बातचीत' के जुमले के पीछे क्या चीनी अधिकारी कुछ छिपा रहे हैं? अगर हां, तो डोभाल के पास बीजिंग में किसी सहमति तक पहुंचने का मौका है।
चीन के सरकारी टीवी चैनल चाइना ग्लोबल टेलीविजऩ नेटवर्क के बहुत ही लोकप्रिय एंकर यांग रुई ने कहा है कि चीन के आम नागरिक पूछ रहे हैं कि चीनी सीमा में घुसने पर सरकार भारतीय सेना के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
लेकिन भारत के दवाब के ख़िलाफ़ नरम रुख दिखाना कम्युनिस्ट नेताओं के लिए बहुत मुश्किल है।
जिस तरह भारत ने पाकिस्तान पर कथित सर्जिकल स्ट्राइक की थी, उसी तरह एक सीमित हमले की संभावनाओं पर भी चीनी प्रशासन विचार कर चुका है।
इसके पीछे विचार ये है कि डोकलाम पठार के 80 वर्ग किलोमीटर के इलाक़े को क़ब्ज़ा कर लिया जाए और सीमा पर ज़मीनी हालात को अपने पक्ष में कर लिया जाए।
इस बात की जानकारी, हू शीशांग जैसे चीन के सरकारी विशेषज्ञों के मीडिया साक्षात्कारों से पता चलती है। लेकिन चीन किसी सैन्य संघर्ष में क्यों नहीं उतरना चाहता? इसके कई कारण हैं। दो कारण तो रणनीतिक हैं।
पहला, इसकी कोई गारंटी नहीं है कि वो जीत ही जाएगा क्योंकि इस इलाके में भारत ऊंचाई वाले इलाक़े पर काबिज़ है, जोकि पहाड़ के युद्ध में बहुत अहम बात होती है।
दूसरा, यह सीमित हमला एक लंबी लड़ाई में खिंच सकता है, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था के मंदी के दौर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग बचना चाहते हैं।
चीनी राजनयिक अन्य देशों के अधिकारियों से मिलकर डोकलाम पर अपना पक्ष रख रहे हैं और भारत को आक्रामक ठहरा रहे हैं।
वो इस तथ्य को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं कि डोकलाम भूटान में हैं क्योंकि पश्चिमी देश, छोटे देशों पर बड़े देशों के हमले को नापसंद करते हैं।
लेकिन ये राजनयिक, पश्चिमी देशों को ये समझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश ने ही असल में, दुनिया के दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश के इलाके में घुसपैठ की है।
चीन के लिए, इसकी उदारता पर निर्भर रहने वाले पाकिस्तान जैसे देशों को समझा पाना कहीं ज़्यादा आसान है।
भारत के ख़िलाफ़ अपने रुख के प्रति पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल करने की उम्मीद चीन के लिए धूमिल हो चली है क्योंकि अभी हाल ही में वॉशिंगटन में हुई वार्षिक अमरीकी-चीनी रणनीतिक आर्थिक वार्ता के दौरान चीनी वार्ताकारों को गंभीर झटका लगा है।
दोनों पक्षों के बीच तब गतिरोध आ गया जब अमरीकी वार्ताकारों ने चीनी स्टील के डंपिंग को ख़त्म करने और चीनी सामानों के निर्यात के कारण पैदा हुए व्यापार घाटे को कम करने की मांग रख दी।
असंतुलित व्यापार संबंध को लेकर चीन के ख़िलाफ़ भारत की भी यही शिकायत रही है।
कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर मौजूद आक्रामक धड़ा, बीजिंग से डोकलाम में कब्ज़ा करने या भारतीय सैनिकों को मार डालने के आदेश देने को कह रहा है।
लेकिन सरकार इस तरह के आसान सुझावों को स्वीकार नहीं कर सकती क्योंकि भारत की जवाबी कार्रवाई में पीएलए के सैनिकों की मौत से झटका लगेगा और पीएलए के सालगिरह समारोह में विघ्न पड़ जाएगा।
मुंबई में चीन के पूर्व काउंसल जनरल लियू योउफ़ा ने एक स्थानीय टीवी चैनल से कहा है कि भारतीय सैनिक कब्ज़े या मौत को दावत दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने चीनी इलाक़े में घुसपैठ की है।
उन्होंने कहा, "जब वर्दी पहने लोग सीमा पार करते हैं और दूसरे देश के इलाक़े में घुसते हैं, तो वो स्वाभाविक तौर पर दुश्मन बन जाते हैं, जिन्हें तीन नतीज़े भुगतने पड़ते हैं। पहला, वो स्वेच्छा से पीछे हट जाएं। या उन्हें पकड़ लिया जाए। और अगर तनाव बढ़ जाए तो वो मर भी सकते हैं। ये तीन संभावनाएं हैं।"
लेकिन संभावित नतीजा क्या है? डोभाल के दौरे का मतलब नहीं रह जाता, जबतक कि समझौते के बारे में उनके पास कोई योजना न हो।
सुषमा स्वराज पहले ही कह चुकी हैं कि भारतीय सैनिक पीछे नहीं हटेंगे, जबकि ये चीन की पूर्व शर्त है।
अपने अपने नागरिकों के सामने अपना सम्मान बचाने के लिए दोनों पक्षों को समाधान की कड़ी ज़रूरत है।

दलितों के नहीं, हिंदुस्तान के राष्ट्रपति!

रामनाथ कोविंद देश के नए राष्ट्रपति 
अब रामनाथ कोविंद देश के नए और 14वें राष्ट्रपति बन गए हैं।  बेशक उन्हें संघ-भाजपा और एनडीए कोटे का प्रथम राष्ट्रपति माना जाता रहेगा, लेकिन अब वह हिंदोस्तान के राष्ट्रपति हैं। वह दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों से लेकर हिंदुओं तक सभी के राष्ट्रपति होंगे। खासकर अब देश के दलित सुकून महसूस करेंगे कि भारत का लोकतंत्र इतना महान और लचीला है कि एक गरीब और दलित परिवार का सदस्य भी राष्ट्रपति बन सकता है। दलितों के प्रति मर्म और सरोकार निर्वाचित राष्ट्रपति के प्रथम संबोधन में ही स्पष्ट था। उन्होंने बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि बरसात में गांव के कच्चे घर की घास-फूस वाली छत टपकती थी। हम भाई-बहन मिट्टी की दीवार से लगकर बारिश रुकने का इंतजार करते थे। आज भी न जाने कितने रामनाथ भीग रहे होंगे, वे बरसात में ही खेती कर रहे होंगे, रोटी के लिए मजदूरी कर रहे होंगे। पसीना बहा रहे होंगे। राष्ट्रपति भवन में मैं उनका ही प्रतिनिधि बनकर जा रहा हूं। रायसीना की पहाडिय़ों में बसे राजमहल से राष्ट्रपति भवन में बैठकर क्या रामनाथ कोविंद खासकर दलितों के लिए 'रामराज स्थापित कर सकेंगे? वह देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति चुने गए हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश और अपने कोली समाज से प्रथम हैं। औसत दलित को उम्मीद होनी चाहिए कि दलितों पर अत्याचार और उत्पीडऩ के जो सिलसिले हजारों साल से और देश की आजादी के बाद भी जारी हैं, क्या उनमें कमी आएगी? हमारा मानना है कि राष्ट्रपति कोविंद अपने विशेष दखल से कुछ ऐसी स्थितियां बुन पाएं, तो यह कालखंड और दलित समाज हमेशा उनका आभारी रहेगा। दुर्भाग्य यह है कि सियासत ने दलितों को विभाजित कर दिया है। कोविंद के जरिए एक दलित वर्ग भाजपा-एनडीए के साथ है, तो दूसरा आज भी कांग्रेस, बसपा सरीखी पार्टियों से चिपका है, लेकिन अत्याचार और उत्पीडऩ समूचे दलितों का होता रहा है। वर्ष 2015 के ही आंकड़ों के मुताबिक देश भर में 45,000 से ज्यादा दलित उत्पीडऩ के मामले सामने आए हैं। उनमें सबसे ज्यादा 8358 उत्तर प्रदेश में और 6998 राजस्थान में हुए हैं। तब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, लेकिन राजस्थान में भाजपा की सरकार रही। लेकिन राजनीति के आकलन एक-दो राज्यों के आधार पर नहीं किए जा सकते। राष्ट्रपति भवन में रामनाथ कोविंद का प्रवेश दलित राजनीति में भाजपा और फिर मोदी का 'मास्टर स्ट्रोक है, जबकि मायावती सरीखी बड़ी नेता दलित राजनीति के हाशिए पर आ गई है। 2007 से उनके दलित वोट बैंक का ग्राफ गिरता रहा है। मायावती के इस पतन का राजनीतिक फायदा भाजपा को जरूर होगा। दलित वोट बैंक विभाजित होगा, तो एक हिस्सा भाजपा के पक्ष में भी जाएगा। वैसे कोविंद के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ऐसे सवाल भी किए जाने लगे हैं- 'क्या कोई सरसंघचालक भी दलित होगा? ये सवाल करने वाले नहीं जानते कि संघ का एक संगठन 'सेवा भारती दशकों से दलितों के बीच काम करता रहा है। चूंकि यह अराजनीतिक संगठन है, लिहाजा प्रचार की चकाचौंध से परे रहा है। लेकिन जो संघ के मर्म और मानस से परिचित हैं, वे जानते हैं कि सरसंघचालक किसी भी जाति के रहे हों, वे बुनियादी और मानसिक तौर पर हिंदू और दलित ही हैं।
बहरहाल राष्ट्रपति चुनाव ने 'दलितवाद
को राजनीति की धुरी बना दिया, लिहाजा पूरी तरह से यह राजनीतिक परिवर्तन का दौर है। ऐसा था तो पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों में 116 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। यानी भाजपा-एनडीए को समर्थन दिया। करीब 33 साल के बाद ऐसा मौका है कि जब राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ही एक ही पार्टी के होंगे। तब 1984 में दोनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर कांग्रेसी थे। कोविंद के पक्ष में सात लाख से अधिक वोट मूल्य का समर्थन गया है, जबकि विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन करीब 3.67 लाख का रहा है। कोविंद की स्वीकारोक्ति है कि वह बाबू राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी सरीखे राष्ट्रपतियों की परंपरा और विरासत को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे। बेशक उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी कि संविधान की रक्षा की जाए और उसकी मर्यादा बरकरार रहे। एक दलित राष्ट्रपति बन रहा है, तो अपेक्षाएं और उम्मीदें भी स्वाभाविक ही हैं।

भारत-चीन विवाद को हवा देने पाकिस्तान भी कूदा


नई दिल्ली।
भारत और चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद में अब पाकिस्तान खुली तरह से कूद गया है। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भारत में चीन के उच्चायुक्त लू झाओहुई और भूटान के उच्चायुक्त वेटसॉप नमगेल से मिले हैं। साफ है कि पाकिस्तान अब भारत और चीन के बीच में भूटान के मसले पर चल रहे विवाद को हवा देना चाहता है। दूसरी तरफ चीन इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय रंग देना चाहता है। आपको बता दें कि बासित का कार्यकाल इसी माह पूरा हो रहा है।
इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ब्रिक्स देशों की बैठक में हिस्सा लेने बीजिंग जाएंगे। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस मसले पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चीन के साथ बातचीत के लिए डिप्लोमेटिक चैनल खुले हुए हैं। इस मामले में भारत के रुख में निरंतरता है। हम लगातार बातचीत पर जोर दे रहे हैं। हालांकि इस मसले पर संवेदनशील जानकारियां शेयर नहीं की जा सकती।
बागले ने कहा कि भारत चीन के साथ सैन्य गतिरोध पर दुनिया भर के नेताओं के साथ बातचीत कर रहा है। भारत की कोशिश चीन के साथ सीमा विवाद से जुड़े हर मसले का शांतिपूर्ण हल तलाशना है। भारत और चीन के बीच किसी भी तरह के मतभेद को विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए। बागले ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने तय कार्यक्रम के मुताबिक ही जाएंगे।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में कॉलमिस्ट यू यिंग के लिखे आर्टिकल में कहा गया है कि भारत में बढ़ रहा हिंदू राष्ट्रवाद चीन के साथ युद्ध का कारण बन रहा है। इसमें लिखा गया है कि भारत को अपने देश में बढ़ रहे इस हिंदू राष्ट्रवाद के प्रति सजग रहना चाहिए और इसे दो देशों के बीच में विवाद का कारण नहीं बनने दिया जाना चाहिए। लेख में कहा गया है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में हिंदू राष्ट्रवाद की भावनाओं में बढ़ोतरी हुई है। ऐसी भावनाएं बढऩे के बाद मोदी सरकार कुछ भी नहीं कर पाई है, जिसका उदाहरण है कि 2014 के बाद से भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। लेख में कॉलमिस्ट ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के लिए इस हिंदू राष्ट्रवाद का फायदा उठाया।
गौरतलब है कि पिछले काफी लंबे समय से भारत और चीन के बीच तनातनी बढ़ रही है। सिक्किम के पास डोकलाम में बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं, तो वहीं अपने सरकारी अखबार के जरिये चीन भी आए दिन गीदड़भभकी दे रहा है। चीन का कहना है कि भारत बॉर्डर से अपनी सेना को हटा ले। वहीं चीनी अखबार ने अपने आर्टिकल में साफ तौर पर लिखा है कि चीन भारत से किसी भी तरह के संघर्ष के लिए तैयार है। भारत को डराकर और युद्ध की धमकी देकर चीन पूरी दुनिया को कई संदेश देना चाहता है।

इंसानों के खाने लायक नहीं रेलवे का खाना

नई दिल्ली।
कैग रिपोर्ट में शुक्रवार को एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। कैग की यह रिपोर्ट रेलवे से जुड़ी हुई है। देश के अधिकांश लोग रेल से सफर करते हैं। रेलवे के खाने को लेकर पहले भी कई शिकायतें देखने और सुनने को मिल चुकी है। शुक्रवार को  नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से संसद में रखी गई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि ट्रेन में परोसा जाने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि दूषित खाद्य पदार्थों, रिसाइकिल किया हुआ खाद्य पदार्थ और डब्बा बंद व बोतलबंद वस्तुओं का उपयोग उस पर लिखी इस्तेमाल की अंतिम तारीख के बाद भी धड़ल्ले से किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, जांच में यह भी पाया गया है कि रेलवे परिसरों और ट्रेनों में साफ-सफाई का बिलकुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसके अलावा, ट्रेन में बिक रहीं चीजों का बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं। सीएजी और रेलवे की जॉइंट टीम ने 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना करने के  बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है, पेय पदार्थों को तैयार करने के लिए नल से सीधे अशुद्ध पानी का  इस्तेमाल किया जा रहा था। कूड़ेदान ढके नहीं हुए थे और उनकी नियमित अंतराल पर सफाई नहीं हो रही थी। खाने की चीजों को मक्खी, कीड़ों और धूल से बचाने के लिए उन्हें ढककर नहीं रखा जा रहा था। इसके अलावा, ट्रेनों में चूहे, कॉकरोच भी घुमते हुए पाए गए।  गौरतलब है कि भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेल के पास 70,000 से अधिक पैसेंजर कोच और 11,000 से अधिक इंजन है। 2015-16 के आंकड़े के अनुसार 13, 313 पैसेंजर ट्रेन हर दिन लगभग 7, 000 स्टेशनों के बीच पटरी पर दौड़ती है, जिनमें लगभग 2 करोड़ 20 लाख लोग सफर करते हैं। लेकिन इस रिपोर्ट के बाद हम और आप ट्रेन का खाना खाने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे।

पीएम मोदी की नीतियों से जल रहा है जम्मू- कश्मीर: राहुल गांधी

नई दिल्ली।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात पर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की गलत नीतियों के कारण जम्मू-कश्मीर जल रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर पर तीसरे पक्ष के दखल की जरूरत नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं काफी समय से कह रहा हूं कि पीएम मोदी और एनडीए की नीतियों ने कश्मीर को जला दिया है। इसके साथ ही राहुल ने कहा कि जो कहा जा रहा है कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से और चीन से बात होनी चाहिए, मैं बार बार कहता हूं कि कश्मीर भारत है और भारत कश्मीर है। यह भारत का आंतरिक मामला है इस मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष के दखल की कोई जरूरत नहीं है।

डॉ द्राबू ने जम्मू व कश्मीर नागरिक आपूर्ति निगम के गठन को मंजूरी दी

श्रीनगर।
वित्त मंत्री डॉ हसीब द्राबू ने वीरवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में जम्मू कश्मीर नागरिक आपूर्ति निगम की स्थापना को मंजूरी दे दी है जो राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बदल देगा।
मंत्री ने कहा कि निगम सरकारी लेखा प्रणाली के बाहर वाणिज्यिक लेखा प्रणाली को बनाए रखते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अनाज की खरीद के लिए एकमात्र एजेंसी होगी।
डॉ द्राबू ने यहां आयोजित एक बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा, 'इस प्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के दौरान निगम एक कुशल खरीद और वितरण नेटवर्क के माध्यम से राज्य को कवर करेगा।
बैठक में आयुक्त सचिव वित्त नवीन कुमार चौधरी, महानिदेशक बजट मोहम्मद इशाक वानी, निदेशक संहिता, मोहम्मद रफी अंद्राबी और अन्य अधिकारी शामिल हुए।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के बजाय निगम को निगम द्वारा संचालित एक एजेंसी बना कर अनाज की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए काम पर रखने वाले श्रमिकों से निपटने की संभावना का पता लगाना चाहिए।
डा द्राबू ने कहा,'खातों में पारदर्शिता बनाए रखने के दौरान सरकार का पीडीएस पर बजटीय नियंत्रण होना चाहिए। हम सार्वजनिक वितरण प्रणाली और वाणिज्यिक लेखा प्रणाली में पारदर्शिता की बहुत सारी चिंताओं को साझा करते हैं। यह निगम उन चिंताओं को संबोधित करने की दिशा में एक कदम है।
निगम पिसाई की लागत का भुगतान और खरीद, मिलिंग या प्रोसेसिंग शुल्क के लिए मिलर्स को अन्य आकस्मिक शुल्क, और खरीद बिंदु से निश्चित बिक्री बिंदु तक परिवहन शुल्क भुगतान करेगा।
 उसने कहा, अनाज के अतिरिक्त, निगम अन्य .षि उत्पादों, जैसे दालों का के घरेलू व्यापार भी कर सकता है।  चीनी को पड़ोसी राज्यों के चीनी कारखानों से सीधे खरीदी जा सकती है और परिवहन के कम से कम महंगे माध्यमों का उपयोग करते हुए जम्मू-कश्मीर में पहुंचाया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि निगम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के विभागीय लेखांकन को रद्द कर देगा और इसे उचित वाणिज्यिक लेखा प्रणाली के साथ बदल देगा।
वित्त मंत्री ने कहा, 'वित्त विभाग इसे एक वर्ष के परिक्रामी निधि के साथ प्रदान कर सकता है।निगम, जो विभिन्न सरकारी योजनाएं एमडीएम, एमएमएसएफएएस, एएई, सोशल वेलफेयर स्कीम इत्यादि को भी शामिल करेगी, खुले बाजार में आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों का नियंत्रित करने,, अनाज के वितरण और वितरण में गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करेगा। इसका प्रमुख एक प्रबंध निदेशक होगा।

कश्मीर में सेना के जवानों ने पुलिसकर्मियों से की हाथापाई

श्रीनगर।
जम्मू कश्मीर के गांदेरबल जिले में एक जांच चौकी पर सेना के जवानों की कथित हाथापाई में सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। यह जानकारी पुलिस ने दी है। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सेना के जवानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने बताया कि इस झड़प में पुलिस चौकी में रखे रिकॉर्ड भी क्षतिग्रस्त हो गए।
उन्होंने बताया कि घटना तब हुई जब सेना के जवान अमरनाथ यात्रा के बालटाल आधार शिविर से सादे कपड़ों में निजी वाहन में लौट रहे थे तो सोनमर्ग जांच चौकी पर पुलिसकर्मियों ने इन्हें रोका। लेकिन वाहन नहीं रुका और गांदेरबल की ओर आगे बढऩे लगा। उन्होंने बताया कि वाहन के नहीं रुकने पर सोनमर्ग पुलिस ने गुंड चांज चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी को पूरे मामले की जानकारी दी और वाहन को आगे रोकने के लिए कहा।
जैसे ही यह वाहन गुंड पहुंचा तो जांच चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी ने वाहन को रोका और वाहन को आगे नहीं बढऩे दिया क्योंकि यात्रा वाहनों के निकलने का वक्त निकल चुका था। पुलिस ने सेना के जवानों को बताया कि उन्हें किसी भी यात्रा वाहन को आगे नहीं बढऩे देने के सख्त निर्देश हैं क्योंकि आगे बढऩे पर खतरा हो सकता है। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद जवानों ने 24 राष्ट्रीय रायफल्स की यूनिट से अपने सहयोगियों को बुला लिया जो कि वहां पहुंच गए और उन्होंने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की।उन्होंने बताया कि इसके बाद जवान पुलिस थाने में घुस गए, तोडफ़ोड़ की, वहां रखे रिकॉर्ड को क्षतिग्रस्त किया और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ मार पीट की।
घटना में सहायक उपनिरीक्षक सहित सात पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। सेना के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस घटना की जांच के लिए मौका-ए-वारदात पर पहुंच गए।

कांग्रेस ने कहा- इराक में गायब 39 भारतीयों पर सुषमा ने बोला झूठ


नई दिल्ली। 
इराक में गायब 39 भारतीयों के बारे में इंडिया टुडे की इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट ने सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने इस रिपोर्ट को आधार बनाकर विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को विदेशमंत्री सुषमा स्वराज पर देश को भ्रमित करने का आरोप लगाया। बाजवा का कहना है कि पिछले तीन साल से इराक में गायब 39 भारतीय मोसुल के जेल में बंद थे और आईएसआईएस ने उस जेल को तबाह कर दिया है।
बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि गायब भारतीय इराक की किसी जेल में बंद हो सकते हैं। इसके बाद इंडिया टुडे की टीम ने गायब भारतीयों की खोज में मोसुल का दौरा किया, लेकिन उनके जीवित होने के कोई संकेत नहीं मिले।
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इंडिया टुडे की इंवेस्टिगेशन ने साबित कर दिया है कि विदेशमंत्री सुषमा स्वराज झूठ बोल रही हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के लोगों से झूठ बोलने और 39 भारतीयों के परिवार की भावनाओं से खेलने के लिए विदेशमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि संसद में विदेश मंत्री द्वारा दी गई जानकारी भ्रामक है। हमें चिंतित होना चाहिए कि क्या वे जीवित हैं? कहां हैं? अगर वहां जेल नहीं है, तो हमें यह देखना चाहिए कि क्या विदेश मंत्रालय ने जानकारी सत्यापित की है।
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि जिस दिन इराक के प्रधानमंत्री ने मोसुल के आईएस के कब्जे से आजाद होने की घोषणा की, उन्होंने विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह इरबिल जाने को कहा, ताकि गुमशुदा भारतीयों के बारे में पता लगाया जा सके। सूत्रों के मुताबिक वीके सिंह ने कहा कि गायब भारतीयों के बाडुश की जेल में होने की संभावना है, जहां अभी लड़ाई चल रही है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में खुद इन भारतीयों के जीवित होने का दावा किया था। रविवार को स्वराज ने कहा था कि इराक में 2014 में लापता हुए 39 भारतीय नागरिक बाडुश की एक जेल में कैद हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इलाके में जारी संघर्ष के खत्म होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। सुषमा ने लापता भारतीयों के परिजनों से मुलाकात के दौरान यह भरोसा दिलाया था कि सरकार इन सभी भारतीयों को हर हाल में वापस लाएगी।
सोमवार को विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी कहा था कि लापता 39 भारतीय नागरिक बादुश की जेलों में हो सकते हैं। उनको यह जानकारी इराक के एनएसए की ओर से मिली है। विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह हाल ही में इराक का दौरा करके लौटे थे। सिंह ने दौरा करने के बाद खास बातचीत में कहा कि उन्हें जो जानकारी इराक में रहते हुए मिली है। उनके मुताबिक 39 भारतीय जीवित है और सभी वहां जेलों में बंद है। हालांकि इंडिया टुडे की पड़ताल में ऐसी कोई जेल नहीं मिली हैं, जहां पर ये भारतीय बंद हों। दुनिया की सबसे खतरनाक जगह मोसुल पहुंचकर बादुश की जेलों को खोजा, लेकिन ऐसी कोई जेल नहीं मिलीं। खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस खुद बादुश की जेलों को नष्ट कर चुका है।

शुक्रवार, जुलाई 28, 2017

सांबा के वनों को हरा करने के लिए महा पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा-लाल सिंह

लक्ष्य को पूरा करने के लिए अभियान में तेजी लाने को कहा
जम्मू। 
वन एवं पर्यावरण मंत्री चौ. लाल सिंह ने शुक्रवार को वन विभाग को पौधारोपण अभियान की गति बढ़ाने का निर्देश दिया ताकि सांबा जिले में तय समय सीमा पर लक्ष्य को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस मानसून के दौरान विशाल पौधारोपण मुहीम शुरू की गई है जिससे जम्मू संभाग के क्षतिग्रस्त हुए वनों को फिर से भरकर उनकी बहाली की जा सके।
मंत्री ने यह बात चल रहे 68वें वन महोत्सव के दौरान सांबा में लोगों को सम्बोधित करते हुए कही। यह पौधारोपण अभियान चिची माता मंदिर से लेकर उपायुक्त कार्यालय सांबा तक शुरू करवाया गया जिसमें उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा, उप अध्यक्ष जेएंडके स्टेट एडवाईजऱी बोर्ड फार वेल्फेयर एंड डिवेल्पमेंट आफ ओबीसी रशपाल वर्मा, विधायक
सांबा डॉ. दविन्द्र मनयाल, विद्यार्थी तथा क्षेत्रीय लोग शामिल थे।
प्रमुख मुख्य वन संरक्षक रवि कुमार केसर, जिला विकासायुक्त सांबा शीतल नंदा, एसएसपी सांबा, अनिल मंगोत्रा, मुख्य वन्य जीवन वार्डन मनोज पंत, अतिरिक्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक रोशन जग्गी, निदेशक पर्यावरण ओ.पी. शर्मा, निदेशक सामाजिक वाणिकी ऐ.के. गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक फारूक गिलानी, निदेशक वन सुरक्षा सेना आसिफ सागर, प्रबंध निदेशक एसएफसी सुरेश गुप्ता, निदेशक एसएफआरआई वी.एम. शर्मा, संभागीय वन अधिकारी तथा वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि वन विभाग पूरे राज्य में वनों को पुनर्जिवित करने के लिए विस्तृत योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग कश्मीर घाटी में भी जनता की भागेदारी के साथ विशाल पौधारोपण अभियान शुरू करने जा रहा है। उन्होंने सुचित किया कि वन विभाग ने हाल ही में विभाग की 125000 कनाल जमीन को खाली करवाया है तथा राष्ट्रीय राजमार्ग को हरा गलियारा बनाने की कोशिशें जारी हैं।
लाल सिंह ने कहा कि विभाग इस वर्ष के दौरान सड़कों के किनारे फलों एवं सजावटी पौधे लगाने की तरफ ध्यान दे रहा है।
मंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए जनता की भागेदारी आवश्यक है तथा उन्होंने लोगों से आगे आकर पौधारोपण अभियान में हिस्सा लेने को कहा। उन्होंने लोगों से अपने घरों, स्कूलों, कालेजों एवं सरकारी कार्यालयों के आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने को कहा इस कार्य के लिए विभाग निशुल्क पौधे उपलब्ध करवाएगा।

शाम चौधरी ने ठाठरी में बचाव, राहत कार्यों का निरीक्षण किया

श्रीनगर।
पीएचई, सिंचाई एवं बाढ़़ नियंत्रण मंत्री शाम लाल चौधरी ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती  के निर्देशों पर डोडा जिले में ठाठरी कस्बे का दौरा कर 20 जुलाई की सुबह बादल फटने के बाद शुरू करवाये गये  बचाव एवं राहत कार्यो का निरीक्षण किया। डोडा के उपायुक्त भूपेन्द्र सिंह मंत्री के साथ थे जिन्होंने मंत्री को बादल फटने की घटना के उपरांत स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ तथा सेना द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किये गये बचाव कार्य की जानकारी दी।डीसी ने कहा कि बादल फटने के बाद अचानक से नाले में पानी का स्तर बढ़ गया जिसमें प्रमुख बाजार से जुड़े मार्गो के साथ विभिन्न ढांचे भी बह गये। कुछ स्थानीय लोगों तथा व्यवसायिक सम्पश्रियों को इससे भारी नुकसान हुआ तथा एक स्कूल भी क्षतिग्रस्त हो गया।
मंत्री ने उपायुक्त को क्षतिग्रस्त सम्पश्रियों की मुरम्मत तथा पीडितों के लिए सहायता की व्यवस्था हेतु कार्य  करने के निर्देश दिये। उन्होंने घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने तथा प्रभावित लोगों के लिए छत, भोजन, तथा अन्य सुविधाओं का प्रबंध करने के लिए भी कहा।
मंत्री ने पीएचई, आईएंडएफसी विभाग को क्षेत्र में बादल फटने से क्षतिग्रस्त हुई पानी की पाइपों की यथाशीघ्र मुरम्मत करवाने के निर्देश दिये। बाढ़ नियंत्रण विभाग को यथाशीघ्र इस से सम्बंधित कार्य शुरू करने के लिए भी कहा गया।
मंत्री ने मृतकों के परिवार के साथ संवेदना जताई तथा मृतको की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने प्रभावित परिवारों के साथ मिलकर उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें सरकार द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध मे जिला प्रशासन को पहले से ही सभी जरूरी निर्देश दिये गये हैं।
पीएचई के मुख्य अभियंता सुशील एमा, आईएंडएफसी जम्मू के मुख्य अभियंता राजीव गंडोत्रा, जिला प्रशासन तथा पीएचई, आईएंडएफसी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी दौरे के दौरान मंत्री के साथ थे।

'राज्य की मीडिया बिरादरी मुश्किल समय में भी प्रदर्शन करती है, पेशेवर अखंडता बनाए रखती है

महबूबा ने देश के मीडिया निगरानी प्रमुखों से जम्मू कश्मीर के सही, प्रासंगिक चित्रण में मदद करने के लिए कहा 
श्रीनगर।   
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने देश के शीर्ष मीडिया निगरानी प्रमुखों से राज्य में घटनाओं के सही और प्रासंगिक चित्रण में मदद करने को कहा है।
दौरे पर आई भारतीय प्रेस काउंसिल की टीम के साथ शुक्रवार को यहां मुलाकात में बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के मीडिया का एक वर्ग राज्य और उसके लोगों के बारे में बहस, चर्चा और रिपोर्ट कार रहा है, जिनमें से ज्यादातर वास्तविकता से बहुत दूर हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ग को याद दिलाया जाना जरूरी है कि राज्य के बारे में इस कथित आक्षेप का सहारा लेते हुए, वे देश की कोई भी सेवा नहीं कर रहे हैं, बल्कि राज्य के के लोगों और अलग कर रहे हैं।
एस एन सिन्हा ने भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) टीम का नेतृत्व किया जिसमें सी के नायक और डॉ सुमन गुप्ता शामिल थे। टीम राज्य के एक सप्ताह के दौरे पर है।
महबूबा मुफ्ती  ने दौरा करने वाली टरम से कहा कि इस समय की जरूरत समानताएं, सुलह और घावों को दूर करने के लिए है, जहां देश के मीडिया की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिए राज्य और उसके लोगों के बारे में सकारात्मक रिपोर्टिंग यहां लोगों के दिमाग पर न केवल सुखदायक प्रभाव पैदा करेगी, इससे जम्मू-कश्मीर और उसके लोगों को बेहतर समझने में देश के बाकी हिस्सों की भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने राज्य के स्वर्ण जयंती समारोह का हिस्सा बनने के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को आमंत्रित किया।
उन्होंने दौरे पर आई टीम को सलाह दी कि वे मीडिया के एक भाग में राज्य के बारे में और परिणामस्वरूप देश में लोगों की गलत धारणाओं को साफ करने में अपने संगठन का उपयोग करें।
महबूबा मुफ्ती  ने राज्य में मीडिया बिरादरी के सुधार और कल्याण के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के बारे में टीम को बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने श्रीनगर में एक एवा-ए-सहाफत की स्थापना का आदेश दिया है जिसके लिए एक इमारत की पहचान पहले ही हो चुकी है।
इसके अलावा, उन्होंने टीम से कहा कि, उनकी सरकार पत्रकारों के लिए कल्याण नीति पर काम कर रही है, जिसमें उनकी सभी जरूरतों और समस्याओं को शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पीसीआई टीम से कहा कि प्रदेश में मीडिया बिरादरी ने बहुत मुश्किल और चरम स्थितियों में अपना प्रदर्शन किया है और इसकी पेशेवर क्षमता देश में सबसे अच्छे से मेल खा सकती है। उन्होंने कहा, 'उनमें से कईयों ने अपना जीवन खो दिया लेकिन पेशेवर अखंडता पर समझौता नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कई विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो राज्य सरकार की सामाजिक और आर्थिक रूपरेखा को पूरा करेगी। 
टीम ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि संगठन हमेशा अच्छे सरकारी मीडिया संबंधों को बनाए रखने और इस संबंध में सभी बकाया मुद्दों को सुलझाने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेगा। इस अवसर पर निदेशक सूचना विभाग मुनीर उल इस्लाम भी मौजूद थे।

टमाटर का भाव आसमान पर

जम्मू।
पूरे देश की तरह चक्रधरपुर में भी टमाटर में उछाल है। शहर में एक किलो टमाटर का दाम चार माह पहले जहां 15 रुपए प्रति किलो था, वहीं अब बाजार में 80 रुपए किलो बिक रहा है। यानि एक टमाटर का दाम 6 से 7 रुपए। देशी टमाटर बाजार से गायब है। महंगा होने के कारण रेहड़ी वाले टमाटर रख ही नहीं रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि लोग सिर्फ रेट पूछ रहे हैं और टमाटर का दाम सुनकर खरीदने से इंकार कर देते हैं। ऐसे में टमाटर रखकर बड़ा नुकसान उठाने से अच्छा है कि टमाटर रखे ही न जाएं। बताया जा रहा है कि इस बार टमाटर की खेती कम हुई है। टमाटर की महंगाई ने गृहणियों की रसोई का बजट बिगाड़कर रख दिया है। घर में जब कोई सब्जी नहीं होती तो टमाटर आलू की सब्जी बनाकर काम चलाने वाली गृहणियों की तो जैसे जान ही सांसत में आ गई है। कुछ समझ ही नहीं आता कि क्या सब्जी बनाएं, क्योंकि लगभग हर सब्जी में टमाटर महत्वपूर्ण होता है।

'नहीं काम आई नोटबंदी, जम्मू-कश्मीर में 93 प्रतिशत बढ़े आतंकी हमले

नई दिल्ली।
पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए मोदी सरकार ने दावा किया था कि उनका यह फैसला आतंकवाद और नक्सलवाद की कमर तोड़ कर रख देगा।
हालांकि आंकड़ों ने मोदी सरकार के इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि 2015 के मुकाबले 2016 में देश में आतंकी हमलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को आधी रात को तत्काल प्रभाव से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था।
आतंकी हमलों से प्रभावित देशों के मामले में भारत ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। 2015 में पाकिस्तान आतंक से प्रभावित तीसरा देश था लेकिन 2016 में भारत आतंक से प्रभावित तीसरा देश है।
इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर में पिछले साल के मुकाबले 2016 में आतंकी हमलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। जम्मू-कश्मीर में पिछले साल के मुकाबले आतंकी हमलों में 93 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
2016 में हुए हमले में सबसे ज्यादा महले जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, मणिपुर और झारखंड में हुए।
हालांकि भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 में राज्य में आतंकी हमलों में महज 54.81 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ा भारत सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों से मेल नहीं खाता है लेकिन दोनों ही आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में पिछले साल के मुकाबले 2016 में आतंकी हमलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

फारुक अब्दुल्ला ने कश्मीर मुद्दे पर फिर दिया विवादित बयान

जम्मू।
कश्मीर मामले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला ने विवादित बयान दिया है। फारुक ने कश्मीर मसले के समाधान के लिए तीसरे पक्ष की वकालत की है। जबकि भारत सरकार का इस मामले में रुख बिलकुल स्पष्ट रहा है, भारत
मीडिया से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद कई बार कह चुके हैं कि वो कश्मीर मामले में मध्यस्थता की बात कह चुके है, जबकि हमने उनसे ऐसी कोई बात नहीं कही है। वहीं चीन भी चाहता है कि वो इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाए।
फारुक ने ये भी कहा कि कश्मीर मसले के हल के लिए भारत को चाहिए कि वो बातचीत के लिए दोस्तों का इस्तेमाल करें। 
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच युद्ध किसी भी तरह से कश्मीर मामले का समाधान नहीं है। दोनों ही देशों के पास एटम बम है। ऐसे में केवल बातचीत के जरिए ही इसका समाधान निकाला जा सकता है।
आपको बता दें कि फारुक अब्दुल्ला इससे पहले भी कश्मीर मामले पर विवादित बयान दे चुके है। एक बार तो उन्होंने कश्मीर में सेना पर पत्थरबाजी करने वालों का समर्थन करते हुए कहा था कि वो लोग अपने देश के लिए लड़ रहे हैं। इसके बाद उन्हें कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी। 
अब्दुल्ला के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह का कहना है कि फारुख अब्दुल्ला के बयान की निंदा करता हूं. जब अब्दुल्ला मुख्यमंत्री तो कहते थे कि पाकिस्तान पर हमला करना चाहिए, आज ऐसे बयान दे रहे हैं। यह निचले स्तर की बात करते हैं।
निर्मल सिंह ने कहा कि क्या फारुख अब्दुल्ला भूल गए हैं, क्या 1994 का शिमला एग्रीमेंट है, इसके अलावा लाहौर का फैसला है। उसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के साथ कैसे भारत को डील करना चाहिए। निर्मल सिंह का कहना कि खुद फाल्गुन दूल्हा इन सब बातों को करते थे जब वह जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे लेकिन आज वह बौखलाए हुए हैं।
निर्मल सिंह का कहना है कि क्या फारुख अब्दुल्ला यह चाहते हैं कि भारत पाकिस्तान के सामने घुटने टेके, क्या वह चाहते हैं कि इस प्रकार की बात हो जो पाकिस्तान के सपनों को पूरा करने में मदद करें। वो पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। मैं उनको कहूंगा कि माफी मांगे।
निर्मल सिंह ने कहा कि चीन-पीओके की तरफ से अपना रास्ता बना रहा है, आज चीन जिस तरीके से बॉर्डर के ऊपर दस्तक दे रहा है। लद्दाख के एरिया में आगे बढऩे की कोशिश कर रहे हैं, जिस प्रकार उसने हिमाकत किया है कि मैं रोल प्ले कर सकता हूं, चीन इस मामले में रोल प्ले करने वाला कौन होता है।

कश्मीर मामले में भी किसी भी तीसरे पक्षकार की भागीदारी नहीं चाहता है। फारुक ने कश्मीर मामले में चीन और अमेरिका द्वारा मध्यस्थता करने की बात की।

1971 की जंग को याद रखे पाकिस्तान

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान को चेताया
नई दिल्ली। 
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर हमला करते हुए एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान को नसीहत दी है। नायडू ने रविवार को कहा कि इस्लामाबाद को 1971 की जंग को याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने से पाकिस्तान को कोई फायदा नहीं मिलने वाला।
करगिल पराक्रम परेड को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इसका कोई धर्म नहीं होता और दुर्भाग्य से यह पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी बन चुका है। नायडू ने कहा, हमारे पड़ोसी को समझना चाहिए कि आतंकवाद को मदद और बढ़ावा देने से उसे कोई फायदा नहीं होगा। उन्हें याद रखना चाहिए कि 1971 में क्या हुआ था। उन्हें अपने देश पर ध्यान देना चाहिए और वहां शांति बनाए रखना चाहिए। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इसका कोई धर्म नहीं होता। पाकिस्तान आतंकवाद और मजहब का घालमेल कर रहा है। दुर्भाग्य से यह पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी है।
एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नायडू ने आगे कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसका एक इंच भी किसी को लेने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा, हम शांतिप्रिय लोग हैं, हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया और यह हमारी विशेषता है। हम युद्ध नहीं चाहते, हम टकराव नहीं चाहते, हम हिंसा नहीं चाहते। हम शांति चाहते हैं, हम पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध भी चाहते हैं लेकिन उन्हें भी ऐसा करना होगा। उन्हें याद रखना चाहिए कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उसका एक इंच भी, यहां तक कि क्कश्य भी किसी को लेने नहीं दिया जाएगा।
बता दें कि 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुई थी। पूर्वी पाकिस्तान की आजादी की लड़ाई के दौरान 3 दिसंबर 1971 को भारत-पाक जंग की शुरुआत हुई। यह युद्ध महज 13 दिनों तक चला था। इस युद्ध में पाकिस्तान की करारी हार हुई थी और उसके सैनिकों को भारतीय सेना के सामने सरेंडर करना पड़ा था। इस युद्ध के परिणाम के तौर पर बांग्लादेश के रूप में नए देश का जन्म हुआ।

क्या बंद होगा 2000 का नोट?

नई दिल्ली।
आरबीआई अब मार्केट में छोटे नोटों की सप्लाइ बढ़ाएगा। मार्केट में अब 50, 100 और 500 रुपये के नोटों की सप्लाइ बढ़ेगी। अगस्त अंत तक 200 रुपये के नए नोट भी मार्केट में आ सकते हैं। बैंकिग सूत्रों का कहना है कि छोटे नोटों की संख्या बढ़ाने का मतलब 2000 रुपये के नोट को बाहर का रास्ता दिखाने की शुरुआत हो सकती है। एसबीआई अपने एटीएम रीकैलिब्रेट कर रहा है, ताकि 500 रुपये के नोटों को ज्यादा जगह मिले।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार 11 अप्रैल को नोटों की छपाई के लिए प्रॉडक्शन प्लानिंग की बैठक हुई थी। बैठक में रिजर्व बैंक ने 2000 के सौ करोड़ नोट छापने का प्रस्ताव रखा था, मगर वित्त मंत्रालय ने 2000 के नोट छापने का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया गया था। हालांकि बाकी छोटे नोट छापने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार छोटे नोटों की सप्लाइ बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके 2 फायदे हैं। एक, जाली मुद्रा की साजिश पर लगाम लगेगी। दूसरा, सरकार चाहती है कि लोग कैश की जगह कार्ड से पेमेंट ज्यादा करें। बड़े नोट की कमी होने से लोगों को बड़ी राशि का कैश से पेमेंट करने में दिक्कत आएगी। ऐसे में वे ऑनलाइन या कार्ड से पेमेंट करेंगे। इससे कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा।
पिछले कुछ हफ्तों से एटीएम में 2000 रुपये के नोट की कमी देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार आरबीआई ने पिछले कुछ हफ्तों से बैंकों को 2 हजार रुपये के नोटों की कम आपूर्ति की है। इस कारण बैंक अब एटीएम में भी 2000 के नोट को कम भर रहे हैं। ऐसे में लग रहा है कि एटीएम से 2000 रुपये के नोट की जगह खत्म की जा रही है। इसके अलावा यह भी आशंका जताई जा रही है कि पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के ऐलान के तुरंत बाद आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट छापने शुरू किए थे और हो सकता है कि अब इनकी सप्लाइ ऐसे लेवल पर पहुंच गई हो, जिससे आरबीआई असहज महसूस कर रहा हो। यह कम वैल्यू के नोट ज्यादा प्रिंट करने की सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा होगा। आरबीआई जल्द 200 रुपये के नोट जारी कर सकता है।
रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया का कहना है कि हम चाहते हैं कि भारत जल्द से जल्द कैशलेस इकॉनमी बने। सरकार जो भी कदम उठा रही है, उसके पीछे इकॉनमी ग्रोथ में तेजी, ब्लैक मनी पर अंकुश और वित्तीय घाटे को एक निश्चित दायरे में रखना लक्ष्य है। ऐसा तभी हो पाएगा, जब लोग कैश की जगह ऑनलाइन पेमेंट करेंगे। इससे टैक्स चोरी कम होगी।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, देश में लोग अब छोटी करंसी का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। बड़े नोटों के इस्तेमाल में कमी आने का सबसे ज्यादा फायदा 100 रुपये के नोट के यूज में दिखा है। नोटबंदी लागू होने से पहले 100 रुपये के नोट का इस्तेमाल कुल करंसी में 9.6 फीसदी था, जो बढ़कर 20.3 फीसदी हो गया है। डिमोनेटाइजेशन एंड कैश एफिशंसी नामक रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल इस्तेमाल किए जा रहे कुल नोट में 500 और 100 रुपये की हिस्सेदारी 86.3फीसदी थी, जो फिलहाल 72.4 फीसदी रह गई है। एसबीआई के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नीरज व्यास ने कहा, 'अभी हमें आरबीआई से हाई वैल्यू करंसी में 500 रुपये के नोट मिल रहे हैं। 2000 रुपये के नोट हमारे काउंटर्स पर रीसर्कुलेशन के जरिए आ रहे हैं।' एसबीआई के देश में लगभग 58,000 एटीएम हैं। एसबीआई ने अपने कुछ एटीएम में 2000 रुपये के नोटों के करंसी कैसेट्स को 500 रुपये के नोटों के लिए रीकैलिब्रेट भी किया है ताकि एटीएम में ज्यादा कैश रखा जा सके। इस मामले में कॉमेंट के लिए आरबीआई को भेजी गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।

110 आतंकियों को मार तोड़ी आतंकवाद की कमर

आतंकवाद का फन कुचलने में सुरक्षा बलों की रणनीति बेहद कारगर
जम्मू।
कश्मीर में पहले आतंकी सुरक्षाबलों पर हमले कर उन्हें नुकसान पहुंचाते थे और फिर दहशतगर्दो को मार गिराने का अभियान शुरू होता था, लेकिन अब रणनीति में बदलाव लाया गया है। सुरक्षाबल वादी के कोने-कोने में छिपे आतंकियों की तलाश कर उन्हें ढेर कर रहे हैं। आतंकवाद का फन कुचलने में सुरक्षाबलों की यह रणनीति बेहद कारगर साबित हो रही है।
सुरक्षाबलों ने वादी में इस वर्ष अब तक 110 आतंकियों को मार गिराया। इनमें 50 आतंकी तो केवल जून-जुलाई माह में ही मारे गए हैं। 29 जून से शुरू हुई वार्षिक अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी तेजी लाई गई है। सुरक्षाबलों ने 20 दिन में 20 आतंकियों को मारकर आतंकवाद की कमर तोड़ दी है। पिछले वर्ष राज्य में यात्रा के पहले तीस दिनों में 15 आतंकी मारे गए थे। आतंकियों पर कड़ा दवाब बनाकर यात्रा की सुरक्षा व गर्मियों में कश्मीर को शांत करने की रणनीति पर जून से ही काम शुरू हो गया था। जून, जुलाई में जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड में 50 आतंकी मार गिराए गए। गत वर्ष जून-जुलाई में 39 आतंकी मारे गए थे।
गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार इस वर्ष अब तक राज्य में आतंकवाद संबंधी मामलों में 188 मौतें हुई हैं। आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बनाते हुए यहां 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 38 नागरिक भी मारे गए। सेना के एक कर्नल रैंक के अधिकारी ने बताया कि आतंकियों को अब तलाश कर मारा जा रहा है। सटीक जानकारी के आधार पर आतंकियों को तलाशा जा रहा है। सेना की हिट लिस्ट में शामिल आतंकियों की धरपकड़ के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चल रहे हैं। यह इसी की कामयाबी है कि कई कमांडर मारे गए हैं।
दक्षिण कश्मीर में छह पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल लश्कर कमांडर बशीर लश्करी, हिज्बुल के सब्जार अहमद बट, लश्कर के आजाद मलिक, हिज्ब के सज्जाद गिलकर मारे गए प्रमुख आतंकियों में शामिल हैं। इस समय अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमले के जिम्मेदार आतंकवादी अबु इस्माइल की तलाश जारी है। सेना 12 टॉप कमांडरों की लिस्ट में से बचे 10 आतंकियों को तलाश रही है। इनमें अबु हमजा, अबु दुजाना, जाकिर मूसा, अल्ताफ काचरू, यासिन यत्तु मुख्य हैं।
मारे गए टॉप कमांडरों में जुनैद मट्टू व बशीर लश्करी शामिल हैं। आतंकवाद के शरणदाता हताश राज्य में आतंकवाद पर कड़े प्रहार से उसके शरणदाता हताश हैं। यह हताशा का ही नतीजा था कि सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की अपनी रणनीति के बजाए आतंकियों ने निहत्थे अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया। दबाव की रणनीति से अलगाववादी भी गर्मी के महीने में कश्मीर के हालात बिगाडऩे की अपनी साजिश में नाकाम रहे।
इधर कश्मीर में जारी वर्ष में पथराव के मामलों में कमी आई। गत वर्ष हुए पथराव के 1660 मामलों के मुकाबले इस वर्ष सिर्फ 700 मामले हुए। सीमा पर घुसपैठ की कोशिशें नाकाम होने से हताश हुआ पाकिस्तान आम लोगों व सैनिकों को निशाना बनाकर खीझ निकालने के साथ खून-खराबा कर देश विरोधीतत्वों को हवा दे रहा है।
उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह का कहना है कि पाकिस्तान हो या फिर राज्य में उसके इशारे पर काम कर रहे आतंकी व अलगाववादी, सभी पर कड़े प्रहार किए जाएंगे। राज्य में आतंकवाद पर चोट करने के लिए सेना, सुरक्षाबलों को खुली छूट हैं। इससे जवानों का मनोबल ऊंचा व आतंकी हताश हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा पर हमला करने वाले आतंकियों को भी उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

मंगलवार, जुलाई 25, 2017

देश के 14वें राष्ट्रपति बने रामनाथ कोविंद, शपथ ली


नई दिल्ली।
रामनाथ कोविन्द ने मंगलवार को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रुप में शपथ ली, इस दौरान संसद भवन के सेंट्रल हॉल  में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। चीफ जस्टिस ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इससे पहले आज शपथ ग्रहण से पहले कोविंद ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी इस दौरान उनकी पत्नी भी मौजूद थीं। नव-निर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा भारत के मु य न्यायाधीश के सामने शपथ लेने के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद राष्ट्रपति ने अपना भाषण दिया।
इस समारोह में राज्य सभा के सभापति, प्रधानमंत्री, भारत के मु य न्यायाधीश, लोक सभा अध्यक्ष, मंत्री परिषद के सदस्य, राज्यपालगण, मु यमंत्रीगण, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्यगण और भारत सरकार के प्रमुख असैनिक और सैनिक अधिकारी सेंट्रल हॉल में शामिल रहे।  राष्ट्रपति सेंट्रल हॉल में समारोह स पन्न होने पर राष्ट्रपति भवन के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां प्रांगण में सेना के तीनों अंगों द्वारा उन्हें गार्ड आफ आनर दिया जाएगा और सेवा-निवृत हो रहे राष्ट्रपति को भी सौहार्दपूर्ण शिष्टाचार प्रदान किया जाएगा।
आपको बता दें कि 20 जुलाई को आए नतीजों में रामनाथ कोविंद को कुल 702044 मिले हैं जबकि मीरा कुमार को 367314 वोट मिले थे। जीत के बाद कोविंद ने जीत के बाद कहा कि सभी लोगों ने मुझपर जो विश्वास जताया है, उसके लिए सभी का आभारी हूं। उन्होंने कहा था, 'मैं चुनाव में विपक्ष की उ मीदवार मीरा कुमार को शुभकामनाओं के साथ धन्यवाद देता हूं। जिस पद का गौरव डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सर्वपल्लि राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम जी और प्रणब मुखर्जी ने बढ़ाया है, उस पर पद पर रहना मेरे लिए गौरव की बात और जि मेदारी का एहसास करा रहा है। मेरे लिए ये भावुक क्षण है।

शनिवार, जुलाई 22, 2017

जल आपूर्ति योजनाओं की स्थिति की समीक्षा की

शाहपुर कंडी परियोजना किसानों के जीवन को बदल देगा-शाम लाल

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू ।
 
पीएचई, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री शाम लाल चौधरी ने जिला कठुआ में चालू पानी आपूर्ति योजनाओं की स्थिति की समीक्षा बैठक की।
मंत्री ने योजना की जमीनी तथा वित्तीय प्रगति की समीक्षा की। बैठक में जिला कठुआ की प्रमुख पानी आपूर्ति योजना की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया गया। बैठक में अन्य मुद्दों के साथ कठुआ के पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी आपूर्ति की नई योजनाओं को जारी करने के लिए भी चर्चा की गई। मंत्री ने अभियंताओं को निर्देश देते हुए कहा कि वे पानी आपूर्ति योजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करें जोकि विधायकों तथा विभिन्न भागीदारों द्वारा प्रस्तावित किये गये हैं। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे चालू परियोजनाओं का नियमित रूप से दौरा करें तथा जमीनी स्तर पर इनकी स्थिति का जायजा लें।
मंत्री ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि शाहपुर कंडी परियोजना के पूरा होने पर कठुआ तथा सांबा के किसानों को जल्द ही राहत मिलेगी जिससे उन्हें न केवल खेतीबाड़ी के लिए बल्कि अन्य कार्यो के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।
कठुआ जिले के खोख्याल गांव में वजू नाले पर बन रही सिंचाई परियोजना पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि  यह आसपास के गांवों में लगभग 3215 हैक्टर उपजाऊ जमीनों को लाभ पहुंचाएगी तथा इसका पानी किसान पूरे वर्ष इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके साथ उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
मंत्री ने लखनपुर के लिट स्टेशन का दौरा किया तथा हाल ही में स्थापित की गई मशीनों का निरीक्षण किया। लिट स्टेशन के आसपास पौधारोपण अभियान भी चलाया गया।
इसके पश्चात विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने मंत्री के साथ मुलाकात की तथा उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में अवगत करवाया। मंत्री ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी जायज मांगों को शीघ्र हल किया जाएगा।
एडीसी डॉ. भारत भूषण, मुख्य अभियंता पीएचई जम्मू सुशील ऐमा, मुख्य अभियंता सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण जम्मू राजीव गंडोत्रा, मुख्य अभिंयता आरटीआईसी एच.सी. जेरथ तथा अन्य सम्बंधित अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

जुल्फकार ने जम्मू कश्मीर के बारे में टीवी चैनलों द्वारा शुरू किए गए गलत सूचना अभियान का विरोध करने के लिए कहा

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
नई दिल्ली।

सूचना मंत्री चौधरी जुल्फकार अली ने शुक्रवार को कश्मीर ब्यूरो ऑफिस (केबीआई), नई दिल्ली के अधिकारियों से राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया के साथ बेहतर समन्वय के लिए प्रयासों को दोबारा बढ़ाने के लिए कहा।
राष्ट्रीय राजधानी में केबीआई की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में कुछ राष्ट्रीय समाचार चैनलों द्वारा जारी नकारात्मक प्रचार का विरोध करने की तत्काल जरूरत है।
बैठक में सूचना विभाग के सचिव एम.एच. मलिक, अतिरिक्त रेजिडेंट कमिश्नर नई दिल्ली यशा मुदगल, निदेशक सूचना मुनीर-उल-इस्लाम, उप निदेशक सूचना केबीआई नई दिल्ली वीदुषी कपूर ने भाग लिया।
जुल्फकार ने कहा कि केबीआई को राष्ट्रीय मीडिया और राय बनाने वाले स्तंभकार, लेखकों और टीवी पैनलिस्टों के साथ बेहतर समन्वय के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना चाहिए। उन्होंने उप निदेशक केबीआई नई दिल्ली को जल्द से जल्द इस संबंध में एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, ''आवास, मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे के मामले में केबीआई, नई दिल्ली को मजबूत बनाने की एक तत्काल आवश्यकता है। एक तत्काल उपाय के रूप में, केबीआई को 2 रिपोर्टर (प्रत्येक को 40,000 रुपये का मासिक पारिश्रमिक) और दो कैमरामैन दिए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि सूचना विभाग को जम्मू-कश्मीर को पर्यटन विभाग, के साथ समन्वय में फेस्टिवन आयोजित करना चाहिए, जिसके लिए स्थल और तिथि का निर्णय बाद में लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ''फेस्टिवल, राज्य के विकास के परि.श्य को उजागर करने के अलावा, जम्मू-कश्मीर के तीन क्षेत्रों की संस्.ति, व्यंजन, प्र.ति, कला और शिल्प दिखाएगा।
जुल्फकार ने कहा कि विभाग को जम्मू एवं कश्मीर हाउस में प्रमुख रूप से होर्डिंग प्रदर्शित करना चाहिए, जिसके लिए सूचना और जनसंपर्क विभाग आवश्यक सामग्री प्रदान करेगा। उन्होंने कहा,''पीआरसी नई दिल्ली के मौजूदा कार्यालय में एनडीएमसी और अन्य नियामक प्राधिकरणों से इस संबंध में आवश्यक एनओसी सुरक्षित करेगा। उन्होंने कहा,''इसके अलावा, 5-पृथ्वी राज रोड और चाणक्य पुरी कश्मीर सदनों के परिसर में के प्रदर्शन के लिए सूचना विभाग और पर्यटन विभाग 100 फ्रेमयुक्त फोटोग्राफ प्रदान करेगा।
मंत्री ने कहा कि केबीआई को सभी संबंधित मंत्रियों के पीआरओ/ पर्सनल सेक्शन/ सूचना अधिकारी के साथ निकट संबंध बनाए रखना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राष्ट्रीय राजधानी में मंत्रियों की आधिकारिक यात्रा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अच्छी तरह से प्रचार मिले। उन्होंने कहा कि केबीआई को श्रीनगर में इस साल सितंबर के महीने में प्रस्तावित मीडिया समिट के लिए प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध स्तंभकारों के अलावा प्रमुख समाचार पत्रों और टीवी चौनलों के संपादकों के साथ  समन्वय करना होगा।




अल्ताफ बुखारी ने जम्मू-कश्मीर में मिड डे मील योजना के उचित कार्यान्वयन के लिए कहा

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 

शिक्षा मंत्री सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार मिड डे मील स्कीम को अक्षरश: लागू करने और जम्मू-कश्मीर में इसे सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मंत्री ने कहा,''मैं स्कूल शिक्षा विभाग के लिए मिड डे मील को प्राथमिकता काम के रूप में मानता हूं और मैं योजना के बेहतर कार्यान्वयन के लिए उचित प्रबंधन चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को मिड डे मील ठेकेदार बनने से रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को शिक्षा देने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका है और उन्हें अन्य प्रशासनिक मुद्दों में शामिल होने के बजाय शिक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
बुखारी ने मिड डे मील स्कीम के उचित कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस टिप्पणी की, जिसमें शिक्षा राज्य मंत्री प्रिया सेठी, सचिव स्कूल शिक्षा फारूक अहमद शाह, निदेशक स्कूल शिक्षा (कश्मीर), निदेशक स्कूल शिक्षा (जम्मू), एसएसए के निदेशक, आरएमएसए और शिक्षा विभाग के अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
मंत्री ने अधिकारियों को मिड डे मील स्कीम को पूरा करने के लिए पहले से ही ऐसी परियोजनाओं पर काम कर चुकी एनजीओ को शामिल करने का निर्देश दिया। जम्मू और सांबा जिलों की पहचान पायलट आधार के लिए की गई है जहां एनजीओ द्वारा यह योजना लागू की जाएगी। पायलट योजना की सफलता के आधार पर, यह योजना पूरी तरह से गैर सरकारी संगठनों द्वारा चलाई जाएगी।
इस अवसर पर प्रिया सेठी ने विशेष रूप से विकलांग बच्चों का मुद्दा उठाया और कहा कि उनके लिए संस्थानों की स्थापना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में प्रत्येक जिले में कम से कम एक शैक्षणिक संस्थान, विशेष रूप से विकलांग बच्चों के लिए जहां वे एक उचित छात्रावास की सुविधा और अध्ययन कर सकते हैं, विकसित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने अधिकारियों को ऐसे संस्थान की स्थापना के लिए उचित प्रस्ताव के साथ आने का निर्देश दिया।

फिर टायर पंक्चर होना बना मौत का कारण

अमरनाथ श्रद्धालुओं की बस खाई में गिरी, 16 की मौत
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 
बाबा बर्फानी श्री अमरनाथ यात्रियों के लिए बस का टायर पंक्चर होना एक बार फिर मौत का कारण बन गया। पिछले सप्ताह सोमवार को आतंकियों ने बस पर हमला कर आठ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। यह बस टायर पंक्चर होने के कारण लेट हो गई थी। अब एक बार फिर बीते रविवार को बस के टायर पंक्च्र होने ने करीब डेढ़ दर्जन अमरनाथ श्रद्धालुओं को मौत के मुंह में धकेल दिया।
 जम्मू से अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुई बस बनिहाल के नाचिलाना इलाके में खाई में जा गिरी। हादसे में 16 श्रद्धालुओं की मौैत हो गई। 10 ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और छह घायलों की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। हादसे में 30 श्रद्धालु घायल हुए हैं। तीन श्रद्धालु लापता बताए जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक जम्मू से रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था रामबन से गुजर रहा था। ज्यादातर वाहन गुजर चुके थे। 15 से 20 वाहन पीछे थे। रविवार को दिन में करीब पौने दो बजे यात्रा जत्थे की बस (जेके02वाई-0594) रामबन के नाचिलाना इलाके को पार कर रही थी। अचानक बस अनियंत्रित होकर सड़क से 100 फीट नीचे खाई में जा गिरी। बस चट्टानों से टकराते हुए खाई में गिरी।
हादसे की शिकार बनी अमरनाथ श्रद्धालुओं की बस में सवार श्रद्धालु चंद्र प्रकाश निवासी इंदौर मध्य प्रदेश ने बताया कि अचानक बस का टायर पंक्चर हो गया और चालक ने जैसे वाहन को रोका तो उसके नीचे की जमीन धंसना शुरू हो गई। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, बस गहरी खाई में जा गिरी।
हादसे में गंभीर रूप से घायल चंद्र प्रकाश ने बताया कि बस को कई पलटे लगे और उसमें सवार सभी यात्री अपने बचने की उम्मीद छोड़ चुके थे। वहीं, इंदौर से ही आए अन्य श्रद्धालु विपिन लोशी ने बताया कि बस के नीचे गिरते ही उन्हें कुछ समझ नहीं आया और जब कुछ देर बाद उसे होश आई तो देखा कि कई लोग मर चुके थे। बस में घायलों की हालत ऐसी हो चुकी थी कि उनके मुंह से चीख भी नहीं निकल पा रही थी। वहीं, जीएमसी में पहुंचे अधिकतर घायल तो बात करने की स्थिति में भी नहीं थे और जो थे, उनका कहना था कि वह भोले बाबा की कृपा से ही बचे हैं।
हादसे के फौरन बाद मौके पर सेना, स्थानीय लोगों व वाहन चालकों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस व ट्रैफिक पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। सभी बचाव कार्य में जुट गए। शवों को खाई से बाहर निकाल बनिहाल जिला अस्पताल के शवगृह में रखवाया गया। गंभीर रूप से घायल छह यात्रियों ने बनिहाल अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। घायलों में से 19 को एयरलिफ्ट कर मेडिकल कॉलेज जम्मू तथा आठ को सौरा मेडिकल कॉलेज श्रीनगर रेफर किया गया। दो घायलों का उपचार बनिहाल सरकारी अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शेषपाल वैद भी बनिहाल पहुंचे। उन्होंने राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया।
मोदी ने जताया दुख
हादसे में श्रद्धालुओं की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार वालों के साथ हैं। साथ ही उन्होंने घायल श्रद्धालुओं के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
राजनाथ ने हादसे की ली जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कर बस हादसे की जानकारी ली। फोन पर हुई बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि हादसे के बाद तेजी से बचाव कार्य चलाया गया। गृह मंत्री ने राज्यपाल एनएन वोहरा से भी हादसे पर बातचीत की। राज्यपाल घटनास्थल पर पहुंचे हुए थे। उन्होंने भी घटना के बारे में गृह मंत्री को विस्तार से जानकारी दी। गृह मंत्री ने बाद में ट्वीट कर कहा कि हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के लिए उनका दिल दुखी है।
मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामबन बस हादसे में मारे गए अमरनाथ यात्रियों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की। मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और गंभीर रूप से घायलों को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे।
 

दो आतंकी ढेर, जम्मू भी हाई अलर्ट पर

 बांडीपोरा के गुरेज में घुसपैठ की कोशिश नाकाम

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू/ श्रीनगर।
सेना ने बांडीपोरा के गुरेज में घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं। वहीं, दो और आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में हैं।
वहीं, काजीगुंड में आतंकियों ने नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व पंच को गोली मार कर घायल कर दिया है। उसे नजदीकी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है।
पुंछ में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की गोलाबारी से दहशत है। क्षेत्र के भंबर गली, साब्जियां में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की जा रही है। इस कारण जिले के सीमांत क्षेत्रों में सरकारी स्कूल बंद है।
कश्मीर के उड़ी में सेना के जवान ने आठ राष्ट्रीय राइफल के मेजर शिखर थापा की गोली मार कर हत्या कर दी। बताया जाता है कि मोबाइल इस्तेमाल को लेकर हुए विवाद के बाद जवान ने एके 47 से फायरिंग कर दी।
जम्मू में संदिग्ध घुसने की गुप्त सूचना के मद्देनजर दूसरे दिन भी हाई अलर्ट है। शहर के सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की गश्त जारी है।
श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। बिजबिहाड़ा से श्रीनगर और पंथाचौक-नौगाम- हैदरपोरा-बेमिना बाईपास और एचएमटी से गांदरबल मार्ग को संवेदनशील घोषित किया है।
सूत्रों के अनुसार हमले करने के लिए आतंकी संगठनों ने तीन से चार दस्ते बनाए हैं। प्रत्येक दस्ते मेंदो से तीन आतंकी शामिल हैं। कुछ आतंकियों को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र नौगाम और माच्छुवा में देखा गया है। सुरक्षाबलों ने सभी इलाके घेरकर तलाशी अभियान छेड़ रखा है। जरूरी नहीं कि आतंकी अमरनाथ श्रद्घालुओं के वाहनों पर ही हमला करें वह सुरक्षाबलों को भी निशाना बना सकते हैं।
गत सप्ताह सोमवार को श्रद्धालुओं पर हुए हमले के पीछे आतंकियों की मंशा रियासत में हालात बिगाडऩे के साथ पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा करना भी था। उनका मंसूबा पूरा नहीं हुआ है। इससे वह और उनके आका पूरी तरह हताश हैं। वह दोबारा किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक हैं। आतंकियों के पास राकेट लांचर जैसे घातक हथियार होने के इनपुट मिले हैं।
आतंकियों को लगता है कि अगर वह दोबारा यात्रा पर हमला करते हैं तो सांप्रदाियक हिंसा भड़क जाएगी। हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने प्रत्येक दस्ते में एक साल के दौरान आतंकी बनने वाले युवकों को भी शामिल कर रखा है।ग्रेनेड से भी कर सकते हैं हमला सूत्रों की मानें तो आतंकी आधार शिविरों या श्रद्घालुओं के वाहनों पर भीड़ भरे इलाकों में ग्रेनेड से हमला कर सकते हैं।
इसलिए यात्रा मार्ग पर स्थित सभी प्रमुख कस्बों,बाजारों और जंक्शनों पर विशेष एहतियात बरतने का निर्देश भी दिया। आतंकी साजिश को नाकाम बनाने के लिए और सुरक्षा प्रबंधों में किसी खामी से बचने के लिए लगातार सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है।

चीन के हमले में मारे गए 158 भारतीय सैनिक

पाक मीडिया की करतूत : फोटो जारी कर कहा
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
नई दिल्ली। 
सीमा विवाद और डोकलाम विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच  तनातनी चल रही है। जहां एक तरफ चीनी मीडिया आए दिन भारत को बुरे परिणाम भुगतने की धमकी दे रही है। वहीं इस बार भारत भी अपने रुख पर अड़ा हुआ है और किसी भी हालात में पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान दोनों देशों के तनाव का लाभ उठाने की कोशिश में है और झूठी खबर अपने टीवी चैनलों पर दिखा रहा है। पाकिस्तान के एक चैनल ने भारत-चीन के युद्ध की फर्जी फोटो जारी की हैं।
पाकिस्तानी टीवी चैनल दुनया न्यूज ने दावा किया है कि चीनी सेना की ओर से किए रॉकेट अटैक में भारतीय सेना के 158 सैनिक मारे गए हैं। इसके अलावा सोमवार  को हुए हमले में कई अन्य सैनिक घायल बताए जा रहे हैं। इतना ही नहीं चैनल ने फोटो भी जारी की है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। लोग लगातार इस पर अपडेट ले रहे हैं और ये मैसेज आगे भेजा जा रहा है कि चीन-भारत का युद्ध छिड़ गया है।
वहीं इंडियन आर्मी ने इन तस्वीरों को फर्जी करार दिया है। सेना अधिकारियों ने इस खबर को सिरे से नकारते हुए कहा कि लोग इस तरह की फर्जी खबरों और तस्वीरों पर यकीन न करें। पाकिस्तानी टीवी ने यह भी कहा कि विवाद की शुरुआत भारत की ओर से हुई, जिस पर चीन ने भारतीय मोर्चा पर रॉकेट फायर किया। पाकिस्तान पहले भी ऐसी कई फर्जी फोटो और खबरे शेयर करके लोगों को गुमराह कर चुका है।

जब तक पूरा देश साथ नहीं देगा कश्मीर की लड़ाई जीती नहीं जा सकती: महबूबा मुफ्ती

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
नई दिल्ली।
ये साबित तथ्य है कि कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए आतंकियों को पाकिस्तान से फंड और हथियार मिलता है। पाकिस्तान आर्मी आतंकियों को घुसपैठ के लिए कवर फायर देती है। सीजफायर का उल्लंघन आतंक को प्रश्रय देने की पाकिस्तान की रणनीति का अहम हिस्सा है। लेकिन इस पूरे खेल में अब चीन शामिल है! शनिवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में चीन के टांग अड़ाने की बात कही है।
महबूबा ने गृहमंत्री को 10 जुलाई को अमरनाथ यात्रा पर हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी। 30 मिनट तक चली इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर बात की और साथ ही श्रद्धालुओं और टूरिस्टों को सुरक्षित माहौल देने पर भी चर्चा हुई।
गृहमंत्री और महबूबा ने अमरनाथ हमले की जांच की दिशा और प्रगति पर भी बात की। मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं पर हुए हमले पूरे देश में दंगा भड़काने की साजिश का हिस्सा थे।
महबूबा ने कहा कि कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर की लड़ाई लड़ रहे हैं। जब तक पूरा मुल्क और राजनीतिक पार्टियां साथ नहीं देते हैं, तब तक ये जंग नहीं जीती जा सकती है। मुफ्ती ने कहा कि इसमें विदेशियों का हाथ है और दुर्भाग्य रूप से चीन टांग अड़ा रहा है।
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री का साफ इशारा था कि चीन कश्मीर घाटी को अस्थिर करने में लगा हुआ है। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री का सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया और कहा कि इस संकट के समय उनके शुक्रगुजार हैं। हम साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करेंगे।
धारा 370 के सवाल पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह कश्मीरियों की भावना से जुड़ा मुद्दा है। अभी लॉ एंड ऑर्डर की लड़ाई लड़ रहे हैं और यह लड़ाई जीतने के बाद ही धारा 370 पर बात होगी।
महबूबा के इस बयान के बाद अब देखना ये है कि भारत और रिश्ते क्या मोड़ लेते हैं। क्योंकि दोनों देशों के बीच पहले से ही नॉर्थ-ईस्ट फ्रंट पर डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनातनी बनी हुई है।

रिकार्डेड टेप में मिली धमकी

जैश-ए-मोहम्मद के निशाने पर मोदी और योगी
लखनऊ।  
यूपी विधानसभा में विस्फोटक पदार्थ मिलने के बाद जैश-ए-मोहम्मद के रिकार्डेड टेप से खलबली मच गई है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक नए रिकार्डेड टेप के जरिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी दी गई है। अब इस टेप की जांच यूपी एटीएस के साथ एनआईए कर रही है। वहीं उत्तर प्रदेश विधान भवन में विस्फोटक मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ पर आतंकवादी खतरे की आशंका के तहत सुरक्षा और कड़ी की गई है।
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के इस टेप में प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बारूद के बजाए दवा और केमिकल से हमला करने का जिक्र है। धमकी भरा यह टेप कश्मीर बेस कैम्प से जैश-ए-मोहम्मद ने जारी किया है। जहां उत्तर प्रदेश एटीएस इस टेप को फर्जी बता रही है, वहीं आईबी से लेकर देश की बड़ी सुरक्षा एजेंसियां इस धमकी को गम्भीरता से लेते हुए जांच कर रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी संदेश और इसके 36 घंटे के अंदर उत्तर प्रदेश विधान भवन में विस्फोटक मिलने से इस बात की आशंका गहरा जाती है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैश के निशाने पर हैं। बीते दो हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी तथा योगी आदित्यनाथ को यह दूसरी धमकी है।
भारत की संसद पर 2001 में आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर अपने धमकी संदेश में साफ कह रहा है कि अब हमले के लिए पारंपरिक तरीकों जैसे बंदूक, ग्रेनेड और गोलियों को छोड़कर नए और घरेलू तरीकों को अपनाना चाहिए। मसूद अजहर ने हमले के नए तरीकों के लिए खासतौर पर नए उपकरणों जैसे व्हीकल, बिजली, पेट्रोल, फर्टिलाइजर और खासतौर पर दवाइयों को इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। यूपी विधानसभा में कल मिला विस्फोटक पीईटीएन का दवाइयों के प्रयोग में इस्तेमाल होता है। 

डोडा के ठाठरी और चेरजी में बादल फटने से आठ की मौत।

दीपाक्षर टाइम्स संवादाता
किश्तवाड़। 
जम्मू कश्मीर में डोडा के ठाठरी व किश्तवाड़ के चेरजी इलाके में बुधवार रात बादल फटने से चार बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि सात लोग घायल हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक, ठाठरी में रात करीब दो बजे जब बादल फटा तो उस समय लोग गहरी नींद में थे। जब तक लोग कुछ समझ पाते पानी तबाही मचा चुका है। बादल फटने के बाद आधे घंटे के भीतर ही पास स्थित सेना की राष्ट्रीय राइफल यूनिट के जवानों ने मौके पर पहुंच कर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। इसके बाद पुलिस, एसएसबी व फायर ब्रिगेड व अन्य लोग पहुंचे।
डोडा के डीसी भुपिंद्र सिंह व एसएसपी शब्बीर अहमद भी मौके पर पहुंच चुके हैं। ठाठरी में बादल फटने के कारण बिजली गुल हो गई, बड़े-बड़े पत्थर मकानों में घुसने से आठ मकान व पांच दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके अलावा आठ वाहन भी बाढ़ के पानी के साथ चिनाब नदी में बह गए।
अभी तक तीन लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। वहीं, चेरजी में बादल फटने से महिला की मौत हो गई, जिसका शव बरामद कर लिया गया है। मृतका का बच्चा लापता है। दोनों जगहों पर मृतकों की सं या आठ बताई जा रही है। लापता लोगों की तलाश जारी है।

गुरुवार, जुलाई 20, 2017

राष्ट्रपति चुनाव : 60,683 वोटों के साथ कोविंद आगे

दीपाक्षर टाइम्स संवाता
नई दिल्ली। 
राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना जारी है। शाम पांच बजे तक परिणाम आ जाएगा। इसके साथ ही देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। अब तक हुई मतगणना के अनुसार 60,683 वोटों के साथ एनडीए उ मीदवार रामनाथ कोविंद आगे चल रहे हैं वही यूपीए की मीरा कुमार के पक्ष में अब तक 22,941 वोट आए हैं।
इसी प्रकार पहले राउंड में असम, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र और बिहार के वोटों की गिनती हो चुकी है। एनडीए प्रत्याशी कोविंद को 60 हजार 683 वोट मिले, जबकि मीरा कुमार को 22 हजार 941 वोट मिले। अरुणाचल प्रदेश में कोविंद को 448 और मीरा कुमार को 24 वोट मिले है। बिहार से कोविंद को 22,290 और मीरा कुमार को 18,800 वोट मिले है। असम में रामनाथ कोविंद को 10556 और मीरा कुमार को 4060 वोट मिले हैं।
राज्यों से आने वाले सभी बैलेट बॉक्स संसद भवन मंगलवार को ही पहुंच गए थे। वोटों की गिनती में पहले लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोट गिनती हो रही है। इसके बाद राज्यवार विधायकों के वोट की गिनती की जाएगी।
सियासी समीकरण ही नहीं आंकड़ों में काफी आगे होने की वजह से एनडीए उ मीदवार रामनाथ कोविंद का अगला राष्ट्रपति चुना जाना तय है। वोटिंग की गिनती खत्म होने के साथ ही कोविंद को निर्वाचित राष्ट्रपति का सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया जाएगा।
मु य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक वोटों की गिनती आठ राउंड में पूरी की जाएगी। हर राउंड की गिनती खत्म होने के बाद राष्ट्रपति चुनाव के दोनों उ मीदवारों रामनाथ कोविंद और विपक्ष की उ मीदवार मीरा कुमार को मिलने वाले वोटों का आंकड़ा जारी किया जाएगा। मतगणना की तैयारियों के आधार पर अनुमान है कि शाम 5 बजे तक राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे का एलान हो जाएगा। इस एलान के साथ ही एनडीए प्रत्याशी कोविंद को निर्वाचित राष्ट्रपति का दर्जा मिल जाएगा।
वोटों की गिनती के बीच राष्ट्रपति पद के उ मीदवार रामनाथ कोविंद के गांव में जश्न का माहौल है। कोविंद की जीत के लिए लोग हवन पूजन कर रहे हैं।
मौजूदा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई की मध्यरात्रि को खत्म हो रहा है और कोविंद 25 जुलाई की सुबह नए राष्ट्रपति की कमान संभालेंगे। राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे की घोषणा के बाद जाहिर तौर पर भाजपा-एनडीए खेमे की जीत का जश्न मनाने की पूरी तैयारी है। मु य निर्वाचन अधिकारी चुनाव में जीत का प्रमाणपत्र जैसे ही कोविंद को सौंपेगे उन्हें बधाई देने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। 

एडवोकेट अंकुर शर्मा सम्मानित

दीपाक्षर टाइम्स संवादाता
श्रीनगर। 
आल पार्टीज सिख कोआर्डिनेशन कमेटी ने श्री जगमोहन सिंह रैना के नेतृत्व में अन्य सिख नेताओं व जिला अध्यक्षों की मौजूदगी में श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में एडवोकेट अंकुर शर्मा को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि वे राज्य जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और बौद्ध समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यकों का दर्जा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे हैं। उनके इन प्रयासों की जमकर सराहना की जा रही है।

मंगलवार, जुलाई 18, 2017

वीरी ने विस्थापितों को समय पर वित्त सहायता, राहत प्रदान करने पर बल दिया

विस्थापित शिविरों में बिजली, पानी, राशन आपूर्ति की समीक्षा की
जम्मू। राजस्व, आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने कहा कि राज्य सरकार ने मौजूदा व्यवस्था को सुचारू बनाकर विस्थापितों के मध्य समय पर विश्र सहायता के वितरण पर विशेष बल दिया है।
मंत्री ने यह बात विभिन्न राहत शिविरों में स्थापित जम्मू तथा कश्मीरी विस्थापितों को उपलब्ध करवाई गई राहत वितरण तथा अन्य सुविधाओं की समीक्षा हेतु आयोजित एक बैठक में कही।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि विस्थापित परिवारों को नकद सहायता एवं राशन उपलब्ध करवाने में कोई देरी नही होनी चाहिए।
विस्थापित कालोनियों को उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं की समीक्षा करते हुए मंत्री ने राहत एवं पुनर्वास आयुक्त को सभी स्थलों में बिजली पानी तथा चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने शिक्षा सुविधाओं को बढ़ाने पर भी बल दिया।
मंत्री को जानकारी दी गई कि विभिन्न विस्थापित शिविरों में 5 चिकित्सा केन्द्रों को क्रियाशील बनाया गया है जबकि जगटी में राहत संस्था द्वारा 40 बिस्तर वाले अस्पताल का निर्माण किया जा चूका है।
इसके अतिरिक्त यह जानकारी दी गई कि नवम्बर 2016 से जम्मू के विस्थापितों को कश्मीरी विस्थापितों की तरह वित्त नकद सहायता उपलब्ध करवाई जा रही हेै। यह भी बताया गया कि यूआईडीएआई के तहत छूटे हुए विस्थापितों के नामांकन के लिए विशेष आधार शिविर लगाये गये है। मंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों को विस्थापित शिविरों में रहने वाले सभी लाभार्थियो की आवासीय स्थिति का प्रामणित डाटा एकत्रित करने के लिए एक सर्वे करने के निर्देश दिये।
मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि कर्मचारियों की सुविधा के लिए  में प्रशासनिक ब्लाक के लिए डीपीआर तैयार की जानी चाहिए।
राहत एवं पुनर्वास आयुक्त एम. एल. रैणा, सहायक आयुक्त सुदर्शन कुमार, सम्बंधित एसीआर तथा संस्था के अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
इसके उपंरात मंत्री ने जम्मू में शुरू किये गये कार्यो की प्रगति की समीक्षा हेतु एवेक्यू प्रापटी विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता भी की।
मंत्री ने अधिकारियों को एवेक्यू भूमि तथा सम्पश्रि की सूची तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने गुणवत्ता वाले पेड़ों को लगाकर एवेक्यू भूमि के बागनों के विकास पर बल दिया।
कस्टोडियन जम्मू मुश्ताक अहमद मलिक, कस्टोडियन जम्मू बशीर अहमद मीर, डिप्टी कस्टोडियन, कार्यकारी अभियंता तथा विभाग के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

स्वाद के जादूगर

हैप्पी नान वाला
बिना प्याज का सात्विक भोजन 
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
पुरानी मंडी में आप पा रहे हैं पिछले 20 वर्षों से लोगों को नान का बेहतरीन स्वाद, वह भी बिना प्याज के। जी हां पुरानी मंडी में हैप्पी नान वाला के प्रोपराइटर राकेश बताते हैं कि वे अपने यहां प्याज का इस्तेमाल नहीं करते, चने भी बिना प्याज के बनाए जाते हैं, जो पूरी तरह सात्विक होते हैं। चटनी व चने वे अपने द्वारा ही साफ किए गए मसालों से तैयार करते हैं। राकेश बताते हैं कि उनके पास शादी-ब्याह का काम भी आता है, लेकिन दुकान से ही इतनी फुरसत नहीं मिल पाती, इस कारण वे शादी-ब्याह का काम कम ही पकड़ते हैं। आप भी एक बार हैप्पी नान वाला के नान खाकर देखें, स्वाद के दीवाने हो जाएंगे।

हमारी भी सुने सरकार

मानसून की पहली ही बारिश में तालाब बन गई भगवती नगर की गलियां
जम्मू। मानसून की पहली मूसलाधार बरसात ने जहां गर्मी से लोगों को राहत दी, वहीं निचले इलाके में रहने वाले लोगों के लिए भारी मुसीबत बन गई। भगवती नगर में इतना जलभराव हो गया कि गलियां तालाब के रूप में तबदील हो गईं। कई घरों में पानी घुसने से सामान को भी नुकसान पहुंचा। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि यहां अक्सर जलभराव हो जाता है, लेकिन म्युनिसिपलटी वाले इसका कोई समाधान करने की ओर ध्यान नहीं देते हैं। उनका कहना है कि हर वर्ष बारिश के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। जलभराव के कारण जहां गंदगी फैल जाती है तो वहीं मच्छर आदि पनपने से भयंकर बीमारियों का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है।

सोमवार, जुलाई 17, 2017

तापसी पन्नू ने डेब्यू कराने वाले फिल्ममेकर पर उठाया 'सवाल

बॉलिवुड की सुपरहिट मूवी पिंक से नाम कमाने वाली ऐक्ट्रेस तापसी पन्नू लंबे वक्त के बाद एक बार फिर से तेलुगू सिनेमा में काम करने वाली हैं।
वह 'आनंदो ब्रह्म मूवी से कमबैक करने जा रही हैं। अगस्त में रिलीज होने वाली इस फिल्म से पहले तापसी पन्नू का एक यू ट्यूब विडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ईस्ट इंडिया कॉमिडी के इस विडियो में वह तेलुगू फिल्ममेकर के. राघवेंद्र को मजाकिया लहजे में निशाने पर ले रही हैं। उन्होंने इसमें साउथ इंडिया की मूवीज में काम करने के अपने अनुभव को साझा किया है।
2010 में तापसी पन्नू को लॉन्च करने वाले फिल्ममेकर के. राघवेंद्र के बारे में उन्होंने कहा कि मूवी में कामुकता दिखाने के लिए हिरोइन की नाभि पर फूल और फल फिंकवाते थे। बकौल तापसी, उनके इस जुनून के बारे में उन्हें कभी नहीं समझ आया कि इसके पीछे क्या वजह रहती थी। उनका यह कॉमेंट लेजेंडरी फिल्ममेकर के फैन्स को रास नहीं आया।
तापसी इस विडियो में कह रही हैं कि, श्रीदेवी और अन्य दक्षिण भारतीय ऐक्ट्रेसेज की मूवीज देखीं तो उनमें भी हिरोइन की नाभि पर फूल या फल फेंके जाते थे। मेरी भी बारी आई और मुझे नहीं बताया गया या शायद मैं इसके लिए तैयार नहीं थी...लेकिन मेरे डायरेक्टर ने मेरी नाभि पर नारियल फेंक दिया। मुझे नहीं पता कि मेरी नाभि पर नारियल फेंककर कामुकता कैसे दिखाई जा सकती है?
इससे पहले ऐक्टर चिरंजीवी भी एक इंटरव्यू में कह चुके हैं कि अगर आपको फलों के बारे में जानना है तो आपको एक मूवी के. राघवेंद्र के साथ करनी चाहिए। वह फलों को हिरोइनों की नाभि पर फिंकवाते हैं। इस में खुद के. राघवेंद्र ने 2015 में एक टीवी इंटरव्यू में बताया था कि हिरोइनों की नाभि पर फल, फूल फिंकवाने का कामुकता दिखाने से कोई वास्ता नहीं है। उनके मुताबिक, ऐसा न सिर्फ फैशन था बल्कि यह महिलाओं की खूबसूरती पर्दे पर दिखाने का एक प्रतीक है।

राखी सावंत ने कहा- पीएम मोदी ने एक चरवाहे को बना दिया सीएम

नई दिल्ली।
राखी सावंत ने यह बयान बीते दिन मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दी। कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची राखी सावंत के ये हमले यहीं नहीं थमें, उन्होंने योगी की काबलियत पर भी उंगलियां उठाई। उन्होंने कहा कि आपने पता नहीं कितनी गायों को चारा खिलाया और सीएम बन गए जबकि आपके अन्दर मुख्यमंत्री बनने का कोई गुण नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि पता नहीं पीएम मोदी ने योगी में ऐसा क्या देखा कि उन्होंने एक चरवाहे को सीएम बना दिया।
योगी आदित्य नाथ की ओर इशारा करते हुए राखी सावंत ने कहा कि अगर आप हिंदू हैं तो सबको हिंदू नहीं बना सकते ना। उन्होंने कहा कि जिस तरह मुसलमान आपके धर्म में हस्तक्षेप नहीं करते उसी तरह आप भी उनके मामलों से दूर रहिए, आप उनको ये मत कहो कि तुम गाय-भैंस मत खाओ। हिंदू लोग मुसलमानों को पत्थर मार-मार कर जान ले ले रहे हैं ये कहां का न्याय है।
राखी सावंत ने योगी आदित्यनाथ से कहा कि यहां पर जो मुसलमान हैं वो भारतीय मुसलमान हैं, अगर आप इन्हें भगा दोगे तो पाकिस्तान वाले भी उन्हें नहीं अपनाएंगे क्योंकि वो लोग इन्हें रेफ्यूजी मानते हैं। राखी सावंत ने योगी आदित्यनाथ को राजनीति में टिके रहने की अपनी सलाह देते हुए कहा कि अगर आपको आने वाले 20 सालों तक कुर्सी पर बने रहना है तो मुसलमानों को भी साथ ले कर चलिये, सिर्फ हिंदुओं की जय-जय नहीं चलेगी।
आपको बता दें कि यह वही राखी सावंत हैं जिन्होंने इसी वर्ष मई महीने में पीएम की जमकर तारीफ़ की थी.मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा था कहा कि मोदी जी तो भगवान का अवतार हैं। वे ब्रह्मा, विष्णु, महेश हैं। मोदी की सरकार में गरीबों के घर में अब राशन आने लग गया है। सोना, चांदी सभी के दामों में कमी आई है। सड़कों का विकास हुआ है और अब तो सड़को पर भिखारी भी नहीं दिखाई दे रहे हैं।

ब्रिटेन में पहली बार 21 साल के पुरुष ने दिया बच्चे को जन्म

ब्रिटेन में ऐसा पहली बार हुआ है जब 21 वर्षीय एक पुरुष ने बच्चे को जन्म दिया है। ऐसा उसने लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया से गुजरने के दौरान एक शुक्राणुदाता के सहयोग से किया। इस साल की शुरुआत में एक शुक्राणुदाता के सहयोग से गर्भवती होने की घोषणा करने के बाद से हेडन क्रॉस दुनिया भर में सुर्खियों में आ गए थे। उन्होंने एक लड़की को जन्म दिया है। क्रॉस ने बताया कि उनकी बेटी ट्रिनिटी-लेई परी है। क्रॉस ने ऑपरेशन से बेटी को जन्म दिया है। लड़की का जन्म 16 जून को ग्लॉस्टरशायर रॉयल अस्पताल में हुआ। लिंग परिवर्तन के बाद महिला से पुरुष बने क्रॉस कानूनी रूप से तीन साल से एक पुरुष के रूप में रह रहे हैं। हालांकि ब्रिटेन के सरकारी नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने उन्हें अपना शुक्राणु फ्रिज करने की प्रक्रिया से मना कर दिया था। इससे परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इस कारण भविष्य में शुक्राणु की मदद से वह बच्चा पैदा करने की संभावना रखते थे।
फेसबुक के जरिए उन्हें शुक्राणुदाता मिला और वह गर्भधारण में सफल रहे। क्रॉस ने कहा, वह हर तरीके से अच्छे हैं। वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। मैं काफी भाग्यशाली हूं। लड़की को जन्म देने के बाद क्रॉस अब जल्द से जल्द पूरी तरह से लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया से गुजरना चाहते हैं। क्रॉस का 21 साल पहले एक लड़की के रूप में जन्म हुआ था और उनका नाम पेज था।

मंदिर में प्रेमी जोड़े ने की कीटनाशक पीकर आत्महत्या

राजनंदगांव।
भवाना टोला गांव के ऊपर स्थित मंदिर में एक प्रेमी युगल ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली जैसे ही लोगों को इस बात की जानकारी लगी मंदिर में भीड़ एकत्र होना शुरू हो गई। इस बात की जानकारी पुलिस को दे दी गई है।
आत्महत्या करने वाले लड़के की पहचान पेडकोडो निवासी नीरज कुमार पिता आत्माराम नेताम के रूप में हुई है। लड़के की उम्र 20 वर्ष बताई जा रही है, वहीं लड़की की पहचान मुरेटिटोला निवासी दामनी कोमर (19 वर्ष) पिता ललित कोमर के रूप में हुई है। दोनों ने कीटनाशक का सेवन कर मौत को गले लगा लिया। मौत के कारणों को अभी खुलासा नहीं हो सका है।

महिला ने गुस्से में दांतों से काट डाला सांप, दोनों की हुई मौत

बिहार के गोपालगंज में सांप द्वारा महिला को काटने के बाद अजीबो-गरीब घटना हुई। दरअसल एक महिला को सांप ने काट लिया जिससे वह गुस्से में आ गई और उसने भी सांप को कई बार काट लिया। इसके बाद दोनों की ही मौत हो गई। जब जहरीले सांप से महिला को काटा तो गांव वालों ने उसे सलाह दी कि वह अपनी दांतों से उसे काटे। इसके बाद उसने सांप पर कई बार वार किया।
रजंती देवी के पति नरेश चौबे ने बताया कि गांव के कई बड़े-बुजुर्ग लोगों ने रजंती को सांप को काटने की सलाह दी थी। गांव वाले ही सांप को पकड़कर लाए। रजंती के काटने के तुरंत बाद ही सांप की मौत हो गई। पति ने बताया कि रजंती की तबियत बिगडऩे पर अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के डा. आरके सिंह ने कहा कि जिस वक्त उन्हें लाया गया, जहर फैल चुका था और उसकी मौत हो गई।