गुरुवार, जुलाई 06, 2017

जी.एस.टी. पर भी जम्मू बनाम कश्मीर की लड़ाई

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

जी.एस.टी. को लेकर अब कश्मीर बनाम जम्मू की लड़ाई शुरू हो गई है। जम्मू क्षेत्र की जनता और पार्टियां जी.एस.टी. के पक्ष में हैं, जबकि कश्मीर आधारित पार्टियां और व्यापार समुदाय विरोध कर रहा है। जी.एस.टी. के विरोध में शनिवार को कश्मीर में जहां व्यापारिक प्रतिष्ठान व सभी दुकानें बंद रहीं, वहीं जम्मू में व्यापारियों ने जी.एस.टी. को लागू करने के पक्ष में प्रदर्शन किया।
कश्मीर में अलगाववादियों, व्यापारियों तथा नैकां और कांग्रेस के दबाव में राज्य सरकार ने झुकते हुए इसे समय से लागू नहीं किया। ऐसा कर पी.डी.पी. ने अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा को झटका तो दिया ही, साथ ही विरोधियों को भी सिर उठाने का मौका नहीं दिया।
जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू न होने से उद्योग जगत में खलबली मची हुई। जीएसटी लागू करने की मांग को लेकर अब उद्योग जगत और व्यापारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को राज्य के प्रवेशद्वार लखनपुर में टोल प्लाजा के बाहर कठुआ इंडस्ट्रियल यूनिट एसोसिएशन के बैनर तले उद्योगपतियों ने प्रदर्शन कर नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारी सरकार से जीएसटी जल्द लागू करने की मांग कर रहे थे।
एसोसिएशन के प्रधान अजीत बावा, संदीप मित्तल ने कहा कि राज्य में जीएसटी लागू न होने से उद्योगपतियों को काफी नुकसान हो रहा है। उत्पादन ठप पड़ गया है। इकाइयों में कार्यरत हजारों लोगों की रोजी रोटी पर बन आई है। पहले सरकार जीएसटी लागू करने के दावे कर रही थी, जब लागू करने की बारी आई तो टाल मटोल किया जा रहा है। सरकार से ऋण लेकर उद्योगपतियों ने उद्योग लगाए हैं, लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण अब उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार बताए कि वह रोजगार देने के पक्ष में है या छीनने के पक्ष में। उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी लागू न हुआ तो उद्योग ठप हो जाएंगे, क्योंकि राज्य में टोल एवं सेल्स टैक्स के कारण बाहरी राज्यों से मंगवाए जाने वाला सामान महंगा हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने बुलाए गए विशेष एसेंबली सत्र में जीएसटी लागू नहीं किया तो वो आंदोलन और तेज कर देंगे। प्रदर्शन के बाद एसोसिएशन ने एडीसी डॉॅ भारत भूषण को अपनी मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
राज्य में जीएसटी लागू करने के खिलाफ लामबंद हुए व्यापारिक और सिविल सोसाइटी के संगठनों ने सोमवार को एक समन्वय समिति का गठन कर विधानमंडल परिसर के बाहर धरना देने का एलान किया है। समन्वय समिति जीएसटी को उसके मौजूदा स्वरूप में लागू करने की सरकार की कोशिशों को नाकाम बनाने की रणनीति तय करते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाएगी। जम्मू-कश्मीर कोआर्डिनेशन कमेटी के संयोजक सिराज अहमद ने कहा कि सभी व्यापारिक और बुद्घिजीवी संगठनों ने कुछ दिनों से बैठकें करने के बाद ही यह समिति बनाई है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को उसके मौजूदा स्वरूप में लागू करने का मतलब राज्य की राजनीतिक व आर्थिक संप्रभुता को नुकसान पहुंचाते हुए धारा 370 को कमजोर करना है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी को मौजूदा स्वरूप में लागू करने के बाद राज्य सरकार के पास रियासत में किसी भी वस्तु पर अपनी मर्जी से कर लगाने या हटाने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। इसलिए हम राज्य में केंद्रीय संविधान के 101वें संशोधन को विस्तार देने के खिलाफ हैं।
सिराज अहमद ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह केंद्रीय कानून के अनुरूप ही अपना जीएसटी कानून बनाकर उसे लागू करे। वह जीएसटी के मुददे पर तैयार किसी भी प्रस्ताव को पहले सार्वजनिक कर उस पर सभी की राय ले। उन्होंने कहा कि  वादी में सभी व्यापारिक संस्थानों के बाहर काले ध्वज लहराए जाएंगे। राज्य विधानमंडल परिसर के बाहर व्यापारी वर्ग धरना देकर जीएसटी को उसके मौजूदा स्वरूप में लागू करने की सरकार की कोशिशों को नाकाम बनाने के लिए दबाव भी बनाएगा।

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