जीएसटी को पारित कराने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सत्र जारी
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर।
श्रीनगर।
श्रीनगर- जम्मू-कश्मीर विधानसभा का विशेष सत्र जारी है। सदन की कार्यवाही मंगलवार को सुबह 9.30 बजे शुरू हुई। यह सत्र जीएसटी को पारित कराने के लिए बुलाया गया है। इससे पहले विपक्ष के साथ सरकार की बैठक दो बार विफल हो चुकी है जिसमें सभी दलों के साथ सहमति बनाने की कोशिश हुई।
नेशनल कांफ्रेन्स ने मौजूदा स्वरुप में बिल का समर्थन ना करने की घोषणा की है। जबकि कांग्रेस भी इसके विरोध में खड़ी है। दलों का आरोप है कि बिल के मौजूदा स्वरुप में राज्य की आर्थिक स्वायत्ता पर असर पड़ेगा।
राज्य में जीएसटी के कार्यान्वयन के विरोध में जम्मू-कश्मीर विधान सभा के लिए विरोध मार्च की कोशिश करने के बाद पुलिस ने कई व्यापारियों को हिरासत में लिया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रतिबंध के कारण जम्मू-कश्मीर विधानसभा के कार्यवाही का पत्रकारों ने बहिष्कार किया।
विपक्ष के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ विरोध किया। इस कारण सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई ।
जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू करने के लिये राज्य विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस दौरान राज्य विधानसभा जीएसटी बिल पारित कर राज्य में जीएसटी के प्रावधानों को पारित कर कर सुधार के इस कानून को राज्य में लागू करेगी। पूरे देश में जीएसटी लागू हो चुका है लेकिन जम्मू-कश्मीर ही एक ऐसा राज्य है जहां अभी तक जीएसटी लागू नहीं हो पाया है। राज्य में चार जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में जीएसटी को लागू कराने को लेकर चर्चा की जाएगी और कानून पारित किया जाएगा।
विधानसभा सचिवालय ये जारी कार्यवाही की सूची के अनुसार आज शुरू हो रहे विशेष सत्र की 4 बैठकें होंगी और 8 जुलाई को जीएसटी बिल पारित किये जाने की संभावना है। इधर बीजेपी ने सत्र शुरू होने से पहले सहयोगी पार्टी के साथ बैठक कर संयुक्त रणनीति बनाएंगे।
पूरे देश में जीएसटी 1 जुलाई से लागू हो चुका है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में फिलहाल ये लागू नहीं हो पाया है। दरअसल राज्य सरकार ने विधानसभा से जीएसटी पारित नहीं करवाया है। राज्य में जीएसटी लागू न किये जाने को लेकर व्यापारी विरोध कर रहे हैं। कश्मीर ट्रेडर्स ऐंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन (केटीएमएफ) ने राज्य में माल एवं सेवा कर के प्रस्तावित क्रियान्वयन के विरोध में शनिवार को घाटी में आम हड़ताल किया था।
हालांकि राज्य में जीएसटी लागू नहीं होने के कारण व्यापारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। खासकर दूसरे राज्यों के साथ व्यापार में परेशानी हो सकती है।
राज्य में गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू न होने से राज्य के प्रवेशद्वार लखनपुर में वीरानी छा गई है। यहां कारोबार करने वाले लोगों को बेरोजगार होने की चिंता सताने लगी है। यहां ट्रकों को पास करवाने वाले एजेंटों के कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, इस रोजगार से जुड़े पांच सौ के करीब मोबाइल एजेंटों को भी मंदी की मार झेलनी पड़ रही है। तीन दिन में 1700 के करीब ट्रक ही बाहरी राज्य से जम्मू कश्मीर में दाखिल हुए हैं जबकि आम दिनों में ट्रकों की संख्या रोजाना दो हजार का आंकड़ा पार कर जाती थी।
नेशनल कांफ्रेन्स ने मौजूदा स्वरुप में बिल का समर्थन ना करने की घोषणा की है। जबकि कांग्रेस भी इसके विरोध में खड़ी है। दलों का आरोप है कि बिल के मौजूदा स्वरुप में राज्य की आर्थिक स्वायत्ता पर असर पड़ेगा।
राज्य में जीएसटी के कार्यान्वयन के विरोध में जम्मू-कश्मीर विधान सभा के लिए विरोध मार्च की कोशिश करने के बाद पुलिस ने कई व्यापारियों को हिरासत में लिया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रतिबंध के कारण जम्मू-कश्मीर विधानसभा के कार्यवाही का पत्रकारों ने बहिष्कार किया।
विपक्ष के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ विरोध किया। इस कारण सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई ।
जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू करने के लिये राज्य विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस दौरान राज्य विधानसभा जीएसटी बिल पारित कर राज्य में जीएसटी के प्रावधानों को पारित कर कर सुधार के इस कानून को राज्य में लागू करेगी। पूरे देश में जीएसटी लागू हो चुका है लेकिन जम्मू-कश्मीर ही एक ऐसा राज्य है जहां अभी तक जीएसटी लागू नहीं हो पाया है। राज्य में चार जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में जीएसटी को लागू कराने को लेकर चर्चा की जाएगी और कानून पारित किया जाएगा।
विधानसभा सचिवालय ये जारी कार्यवाही की सूची के अनुसार आज शुरू हो रहे विशेष सत्र की 4 बैठकें होंगी और 8 जुलाई को जीएसटी बिल पारित किये जाने की संभावना है। इधर बीजेपी ने सत्र शुरू होने से पहले सहयोगी पार्टी के साथ बैठक कर संयुक्त रणनीति बनाएंगे।
पूरे देश में जीएसटी 1 जुलाई से लागू हो चुका है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में फिलहाल ये लागू नहीं हो पाया है। दरअसल राज्य सरकार ने विधानसभा से जीएसटी पारित नहीं करवाया है। राज्य में जीएसटी लागू न किये जाने को लेकर व्यापारी विरोध कर रहे हैं। कश्मीर ट्रेडर्स ऐंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन (केटीएमएफ) ने राज्य में माल एवं सेवा कर के प्रस्तावित क्रियान्वयन के विरोध में शनिवार को घाटी में आम हड़ताल किया था।
हालांकि राज्य में जीएसटी लागू नहीं होने के कारण व्यापारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। खासकर दूसरे राज्यों के साथ व्यापार में परेशानी हो सकती है।
राज्य में गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू न होने से राज्य के प्रवेशद्वार लखनपुर में वीरानी छा गई है। यहां कारोबार करने वाले लोगों को बेरोजगार होने की चिंता सताने लगी है। यहां ट्रकों को पास करवाने वाले एजेंटों के कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, इस रोजगार से जुड़े पांच सौ के करीब मोबाइल एजेंटों को भी मंदी की मार झेलनी पड़ रही है। तीन दिन में 1700 के करीब ट्रक ही बाहरी राज्य से जम्मू कश्मीर में दाखिल हुए हैं जबकि आम दिनों में ट्रकों की संख्या रोजाना दो हजार का आंकड़ा पार कर जाती थी।
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