अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने जी20 समिट में आश्चर्यजनक सफलता की बात कही है। हालांकि ट्रंप ने यह दावा जलवायु समझौते के मुद्दे पर समिट में अलग-थलग पडऩे के बावजूद किया है।
पेरिस जलवायु समझौत से अमरीका पीछे हट गया है और इसका असर जी20 में भी साफ़ दिखा। हालांकि जी20 के अन्य देशों ने पेरिस समझौते के साथ बने रहने का भरोसा दिलाया है। हैम्बर्ग में जलवायु समझौते पर अमरीकी रुख को लेकर गतिरोध बना हुआ था। आखऱिकार जी20 के सदस्य देश समझौते तक पहुंचने में कामयाब रहे और शनिवार को आधिकारिक रूप से साझा बयान जारी किया गया।
बयान में कहा गया कि अमरीका दूसरे देशों को ईंधन के साफ़ स्रोतों के इस्तेमाल के लिए मदद करेगा। बढ़ते वैश्विक तापमान को रोकने के लिए पेरिस समझौते में ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को सीमित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
हैम्बर्ग में जी20 समिट की मेज़बानी कर रहीं जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ट्रंप के फ़ैसले की अब भी निंदा करती हैं, लेकिन वह इस बात से ख़ुश हैं कि अन्य 19 देश इस पर फिर से बातचीत शुरू करने का विरोध कर रहे हैं।
हालांकि बाद में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा कि उनका देश पेरिस समझौते के साथ खड़ा है इस पर उन्हें शक है। उन्होंने पेरिस समझौते से अमरीका के पीछे हटने को लेकर कहा कि इससे विकासशील देशों को मिलने वाले मुआवज़े पर ग्रहण लग गया है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि जब उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किया तब फ्रांस ने वादा किया था कि तुर्की को मुआवज़ा मिलेगा। एर्दोआन ने कहा, अगर हमें मुआवज़ा मिलता है तो पेरिस जलवायु समझौते को संसद से पास किया जाएगा, नहीं तो फिर पास करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अभी संसद ने इस समझौते पर मुहर नहीं लगाई है।
ट्रंप को ट्रेड के मोर्चे पर एक जीत मिली है। इसके तहत यहां जुटे कई देशों के नेताओं ने इस बात को रेखांकित किया है कि उन्हें अपने मार्कट को संरक्षित रखने का पूरा हक़ है।
ट्रंप ने जर्मनी में यह समिट ख़त्म होने के बाद कहा कि जी20 समिट आशचर्यजनक रूप से सफल रहा और चांसलर एंगेला मर्केल ने इसे बेहतरीन तरीके से अंजाम तक पहुंचाया।
ट्रंप ने उत्तर कोरिया पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी बात की। अमरीकी राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति से कहा कि उत्तर कोरिया पर कुछ किया जाना चाहिए। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वह कोरिया प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने का समर्थन करते हैं।
पेरिस जलवायु समझौत से अमरीका पीछे हट गया है और इसका असर जी20 में भी साफ़ दिखा। हालांकि जी20 के अन्य देशों ने पेरिस समझौते के साथ बने रहने का भरोसा दिलाया है। हैम्बर्ग में जलवायु समझौते पर अमरीकी रुख को लेकर गतिरोध बना हुआ था। आखऱिकार जी20 के सदस्य देश समझौते तक पहुंचने में कामयाब रहे और शनिवार को आधिकारिक रूप से साझा बयान जारी किया गया।
बयान में कहा गया कि अमरीका दूसरे देशों को ईंधन के साफ़ स्रोतों के इस्तेमाल के लिए मदद करेगा। बढ़ते वैश्विक तापमान को रोकने के लिए पेरिस समझौते में ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को सीमित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
हैम्बर्ग में जी20 समिट की मेज़बानी कर रहीं जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ट्रंप के फ़ैसले की अब भी निंदा करती हैं, लेकिन वह इस बात से ख़ुश हैं कि अन्य 19 देश इस पर फिर से बातचीत शुरू करने का विरोध कर रहे हैं।
हालांकि बाद में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा कि उनका देश पेरिस समझौते के साथ खड़ा है इस पर उन्हें शक है। उन्होंने पेरिस समझौते से अमरीका के पीछे हटने को लेकर कहा कि इससे विकासशील देशों को मिलने वाले मुआवज़े पर ग्रहण लग गया है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि जब उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किया तब फ्रांस ने वादा किया था कि तुर्की को मुआवज़ा मिलेगा। एर्दोआन ने कहा, अगर हमें मुआवज़ा मिलता है तो पेरिस जलवायु समझौते को संसद से पास किया जाएगा, नहीं तो फिर पास करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अभी संसद ने इस समझौते पर मुहर नहीं लगाई है।
ट्रंप को ट्रेड के मोर्चे पर एक जीत मिली है। इसके तहत यहां जुटे कई देशों के नेताओं ने इस बात को रेखांकित किया है कि उन्हें अपने मार्कट को संरक्षित रखने का पूरा हक़ है।
ट्रंप ने जर्मनी में यह समिट ख़त्म होने के बाद कहा कि जी20 समिट आशचर्यजनक रूप से सफल रहा और चांसलर एंगेला मर्केल ने इसे बेहतरीन तरीके से अंजाम तक पहुंचाया।
ट्रंप ने उत्तर कोरिया पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी बात की। अमरीकी राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति से कहा कि उत्तर कोरिया पर कुछ किया जाना चाहिए। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वह कोरिया प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने का समर्थन करते हैं।
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