नई दिल्ली।
भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के अदालत की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक बार फिर से सुनवाई टल गई है। गृह मंत्रालय की तरफ से सोमवार को किसी भी वकील के पेश नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। माल्या पर अदालत की अवमानना का आरोप है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। कोर्ट ने 9 मई को माल्या को कोर्ट की आज्ञा की अवमानना का दोषी पाया था। माल्या ने कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपने बच्चों के अकाउंट में 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किए थे। कोर्ट ने माल्या को यह भी आदेश दिया था कि वह 10 जुलाई को कोर्ट में प्रस्तुत हों।
माल्या एक साल से यूके में है, वहां लंदन की अदालत में उसके प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई चल रही है। हाल ही में माल्या ने भारत नहीं लौटने को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि भारत के जेलों की हालत बेहद खराब है। भारत ने ब्रिटेन से निवेदन किया है कि माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए।
पिछले दिनों जी 20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे से इस संबंध में बात भी की थी। विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइन भारत के 13 बैंकों की 9000 करोड़ रुपये की लोन डिफॉल्टर है।
31 जनवरी 2014 तक किंगफिशर एयरलाइन्स पर बैंकों का 6963 करोड़ रुपए बकाया था। इस कर्ज पर इंटरेस्ट के बाद माल्या पर कुल देनदारी 9432 करोड़ रुपए हो चुकी है। सीबीआई ने एक हजार से भी ज्यादा पेज की चार्जशीट में कहा कि किंगफिशर एयरलाइन्स ने आईडीबीआई की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्तेमाल किया। किंगफिशर एयरलाइन्स अक्टूबर 2012 में बंद हो गई थी। दिसंबर 2014 में इसका फ्लाइंग परमिट भी कैंसल कर दिया गया। डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने माल्या और उनकी कंपनियों क्च॥रु, किंगफिशर फिनवेस्ट और किंगफिशर एयरलाइन्स से 11.5 प्रतिशत सालान के रेट से इंटरेस्ट वसूलने की प्रॉसेस शुरू करने की इजाजत दी थी।
भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के अदालत की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक बार फिर से सुनवाई टल गई है। गृह मंत्रालय की तरफ से सोमवार को किसी भी वकील के पेश नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। माल्या पर अदालत की अवमानना का आरोप है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। कोर्ट ने 9 मई को माल्या को कोर्ट की आज्ञा की अवमानना का दोषी पाया था। माल्या ने कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपने बच्चों के अकाउंट में 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किए थे। कोर्ट ने माल्या को यह भी आदेश दिया था कि वह 10 जुलाई को कोर्ट में प्रस्तुत हों।
माल्या एक साल से यूके में है, वहां लंदन की अदालत में उसके प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई चल रही है। हाल ही में माल्या ने भारत नहीं लौटने को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि भारत के जेलों की हालत बेहद खराब है। भारत ने ब्रिटेन से निवेदन किया है कि माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए।
पिछले दिनों जी 20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे से इस संबंध में बात भी की थी। विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइन भारत के 13 बैंकों की 9000 करोड़ रुपये की लोन डिफॉल्टर है।
31 जनवरी 2014 तक किंगफिशर एयरलाइन्स पर बैंकों का 6963 करोड़ रुपए बकाया था। इस कर्ज पर इंटरेस्ट के बाद माल्या पर कुल देनदारी 9432 करोड़ रुपए हो चुकी है। सीबीआई ने एक हजार से भी ज्यादा पेज की चार्जशीट में कहा कि किंगफिशर एयरलाइन्स ने आईडीबीआई की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्तेमाल किया। किंगफिशर एयरलाइन्स अक्टूबर 2012 में बंद हो गई थी। दिसंबर 2014 में इसका फ्लाइंग परमिट भी कैंसल कर दिया गया। डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने माल्या और उनकी कंपनियों क्च॥रु, किंगफिशर फिनवेस्ट और किंगफिशर एयरलाइन्स से 11.5 प्रतिशत सालान के रेट से इंटरेस्ट वसूलने की प्रॉसेस शुरू करने की इजाजत दी थी।
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