शुक्रवार, जुलाई 28, 2017

110 आतंकियों को मार तोड़ी आतंकवाद की कमर

आतंकवाद का फन कुचलने में सुरक्षा बलों की रणनीति बेहद कारगर
जम्मू।
कश्मीर में पहले आतंकी सुरक्षाबलों पर हमले कर उन्हें नुकसान पहुंचाते थे और फिर दहशतगर्दो को मार गिराने का अभियान शुरू होता था, लेकिन अब रणनीति में बदलाव लाया गया है। सुरक्षाबल वादी के कोने-कोने में छिपे आतंकियों की तलाश कर उन्हें ढेर कर रहे हैं। आतंकवाद का फन कुचलने में सुरक्षाबलों की यह रणनीति बेहद कारगर साबित हो रही है।
सुरक्षाबलों ने वादी में इस वर्ष अब तक 110 आतंकियों को मार गिराया। इनमें 50 आतंकी तो केवल जून-जुलाई माह में ही मारे गए हैं। 29 जून से शुरू हुई वार्षिक अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी तेजी लाई गई है। सुरक्षाबलों ने 20 दिन में 20 आतंकियों को मारकर आतंकवाद की कमर तोड़ दी है। पिछले वर्ष राज्य में यात्रा के पहले तीस दिनों में 15 आतंकी मारे गए थे। आतंकियों पर कड़ा दवाब बनाकर यात्रा की सुरक्षा व गर्मियों में कश्मीर को शांत करने की रणनीति पर जून से ही काम शुरू हो गया था। जून, जुलाई में जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड में 50 आतंकी मार गिराए गए। गत वर्ष जून-जुलाई में 39 आतंकी मारे गए थे।
गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार इस वर्ष अब तक राज्य में आतंकवाद संबंधी मामलों में 188 मौतें हुई हैं। आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बनाते हुए यहां 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 38 नागरिक भी मारे गए। सेना के एक कर्नल रैंक के अधिकारी ने बताया कि आतंकियों को अब तलाश कर मारा जा रहा है। सटीक जानकारी के आधार पर आतंकियों को तलाशा जा रहा है। सेना की हिट लिस्ट में शामिल आतंकियों की धरपकड़ के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चल रहे हैं। यह इसी की कामयाबी है कि कई कमांडर मारे गए हैं।
दक्षिण कश्मीर में छह पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल लश्कर कमांडर बशीर लश्करी, हिज्बुल के सब्जार अहमद बट, लश्कर के आजाद मलिक, हिज्ब के सज्जाद गिलकर मारे गए प्रमुख आतंकियों में शामिल हैं। इस समय अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमले के जिम्मेदार आतंकवादी अबु इस्माइल की तलाश जारी है। सेना 12 टॉप कमांडरों की लिस्ट में से बचे 10 आतंकियों को तलाश रही है। इनमें अबु हमजा, अबु दुजाना, जाकिर मूसा, अल्ताफ काचरू, यासिन यत्तु मुख्य हैं।
मारे गए टॉप कमांडरों में जुनैद मट्टू व बशीर लश्करी शामिल हैं। आतंकवाद के शरणदाता हताश राज्य में आतंकवाद पर कड़े प्रहार से उसके शरणदाता हताश हैं। यह हताशा का ही नतीजा था कि सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की अपनी रणनीति के बजाए आतंकियों ने निहत्थे अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया। दबाव की रणनीति से अलगाववादी भी गर्मी के महीने में कश्मीर के हालात बिगाडऩे की अपनी साजिश में नाकाम रहे।
इधर कश्मीर में जारी वर्ष में पथराव के मामलों में कमी आई। गत वर्ष हुए पथराव के 1660 मामलों के मुकाबले इस वर्ष सिर्फ 700 मामले हुए। सीमा पर घुसपैठ की कोशिशें नाकाम होने से हताश हुआ पाकिस्तान आम लोगों व सैनिकों को निशाना बनाकर खीझ निकालने के साथ खून-खराबा कर देश विरोधीतत्वों को हवा दे रहा है।
उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह का कहना है कि पाकिस्तान हो या फिर राज्य में उसके इशारे पर काम कर रहे आतंकी व अलगाववादी, सभी पर कड़े प्रहार किए जाएंगे। राज्य में आतंकवाद पर चोट करने के लिए सेना, सुरक्षाबलों को खुली छूट हैं। इससे जवानों का मनोबल ऊंचा व आतंकी हताश हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा पर हमला करने वाले आतंकियों को भी उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

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