शनिवार, जुलाई 15, 2017

बेटियों से हल खिंचवाने को मजबूर तंगहाल किसान

सिहोर।
तंगहाल किसान के पास बैल खरीदने के पैसे नहीं हैं, वह अपने खेत जोतने के लिए अपनी बेटियों से हल खिंचवाने को मजबूर है। आर्थिक तंगी का शिकार यह किसान है सिहोर के बसंतपुर पांगड़ी गांव का।
सरदार काल्हा नाम के इस किसान का कहना है कि बैल खरीदने और उनके पालन-पोषण के लिए परिवार के पास पैसे नहीं हैं। किसान ने कहा, बैल खरीदने और उनका पोषण करने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। आर्थिक तंगी के कारण मेरी बेटियों ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी है।
इस खबर के फैलने के बाद जिले के जनसंपर्क अधिकारी(ष्ठक्कक्रह्र) आशीष शर्मा ने कहा कि प्रशासन इस मुद्दे को देख रहा है और सरकारी स्कीम्स के तहत परेशान किसान को उपयुक्त मदद मुहैया करवाई जाएगी।
शर्मा ने आगे कहा, किसान को यह निर्देश दिया गया है कि वह हल खींचने के लिए अपनी बेटियों का इस्तेमाल न करे। प्रशासन देख रहा है कि सरकारी स्कीमों के तहत उसकी कितनी मदद की जा सकती है।
किसान सरदार काल्हा की दोनों बेटियों, 14 वर्षीय राधिका और 11 वर्षीय कुंती को आर्थिक तंगी के कारण स्कूल छोडऩा पड़ा।
राज्य में आर्थिक तंगी के कारण की किसान आत्महत्या कर चुके हैं। बीते दिनों राज्य का मंदसौर किसान आंदोलन का केंद्र बन गया था, किसान कर्जमाफी और फसल के उचित दाम की मांग कर रहे थे।

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