नई दिल्ली।
कैग रिपोर्ट में शुक्रवार को एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। कैग की यह रिपोर्ट रेलवे से जुड़ी हुई है। देश के अधिकांश लोग रेल से सफर करते हैं। रेलवे के खाने को लेकर पहले भी कई शिकायतें देखने और सुनने को मिल चुकी है। शुक्रवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से संसद में रखी गई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि ट्रेन में परोसा जाने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि दूषित खाद्य पदार्थों, रिसाइकिल किया हुआ खाद्य पदार्थ और डब्बा बंद व बोतलबंद वस्तुओं का उपयोग उस पर लिखी इस्तेमाल की अंतिम तारीख के बाद भी धड़ल्ले से किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, जांच में यह भी पाया गया है कि रेलवे परिसरों और ट्रेनों में साफ-सफाई का बिलकुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसके अलावा, ट्रेन में बिक रहीं चीजों का बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं। सीएजी और रेलवे की जॉइंट टीम ने 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है, पेय पदार्थों को तैयार करने के लिए नल से सीधे अशुद्ध पानी का इस्तेमाल किया जा रहा था। कूड़ेदान ढके नहीं हुए थे और उनकी नियमित अंतराल पर सफाई नहीं हो रही थी। खाने की चीजों को मक्खी, कीड़ों और धूल से बचाने के लिए उन्हें ढककर नहीं रखा जा रहा था। इसके अलावा, ट्रेनों में चूहे, कॉकरोच भी घुमते हुए पाए गए। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेल के पास 70,000 से अधिक पैसेंजर कोच और 11,000 से अधिक इंजन है। 2015-16 के आंकड़े के अनुसार 13, 313 पैसेंजर ट्रेन हर दिन लगभग 7, 000 स्टेशनों के बीच पटरी पर दौड़ती है, जिनमें लगभग 2 करोड़ 20 लाख लोग सफर करते हैं। लेकिन इस रिपोर्ट के बाद हम और आप ट्रेन का खाना खाने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे।
कैग रिपोर्ट में शुक्रवार को एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। कैग की यह रिपोर्ट रेलवे से जुड़ी हुई है। देश के अधिकांश लोग रेल से सफर करते हैं। रेलवे के खाने को लेकर पहले भी कई शिकायतें देखने और सुनने को मिल चुकी है। शुक्रवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से संसद में रखी गई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि ट्रेन में परोसा जाने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि दूषित खाद्य पदार्थों, रिसाइकिल किया हुआ खाद्य पदार्थ और डब्बा बंद व बोतलबंद वस्तुओं का उपयोग उस पर लिखी इस्तेमाल की अंतिम तारीख के बाद भी धड़ल्ले से किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, जांच में यह भी पाया गया है कि रेलवे परिसरों और ट्रेनों में साफ-सफाई का बिलकुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसके अलावा, ट्रेन में बिक रहीं चीजों का बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं। सीएजी और रेलवे की जॉइंट टीम ने 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है, पेय पदार्थों को तैयार करने के लिए नल से सीधे अशुद्ध पानी का इस्तेमाल किया जा रहा था। कूड़ेदान ढके नहीं हुए थे और उनकी नियमित अंतराल पर सफाई नहीं हो रही थी। खाने की चीजों को मक्खी, कीड़ों और धूल से बचाने के लिए उन्हें ढककर नहीं रखा जा रहा था। इसके अलावा, ट्रेनों में चूहे, कॉकरोच भी घुमते हुए पाए गए। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेल के पास 70,000 से अधिक पैसेंजर कोच और 11,000 से अधिक इंजन है। 2015-16 के आंकड़े के अनुसार 13, 313 पैसेंजर ट्रेन हर दिन लगभग 7, 000 स्टेशनों के बीच पटरी पर दौड़ती है, जिनमें लगभग 2 करोड़ 20 लाख लोग सफर करते हैं। लेकिन इस रिपोर्ट के बाद हम और आप ट्रेन का खाना खाने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे।
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