विस्थापित शिविरों में बिजली, पानी, राशन आपूर्ति की समीक्षा की
जम्मू। राजस्व, आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने कहा कि राज्य सरकार ने मौजूदा व्यवस्था को सुचारू बनाकर विस्थापितों के मध्य समय पर विश्र सहायता के वितरण पर विशेष बल दिया है।
मंत्री ने यह बात विभिन्न राहत शिविरों में स्थापित जम्मू तथा कश्मीरी विस्थापितों को उपलब्ध करवाई गई राहत वितरण तथा अन्य सुविधाओं की समीक्षा हेतु आयोजित एक बैठक में कही।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि विस्थापित परिवारों को नकद सहायता एवं राशन उपलब्ध करवाने में कोई देरी नही होनी चाहिए।
विस्थापित कालोनियों को उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं की समीक्षा करते हुए मंत्री ने राहत एवं पुनर्वास आयुक्त को सभी स्थलों में बिजली पानी तथा चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने शिक्षा सुविधाओं को बढ़ाने पर भी बल दिया।
मंत्री को जानकारी दी गई कि विभिन्न विस्थापित शिविरों में 5 चिकित्सा केन्द्रों को क्रियाशील बनाया गया है जबकि जगटी में राहत संस्था द्वारा 40 बिस्तर वाले अस्पताल का निर्माण किया जा चूका है।
इसके अतिरिक्त यह जानकारी दी गई कि नवम्बर 2016 से जम्मू के विस्थापितों को कश्मीरी विस्थापितों की तरह वित्त नकद सहायता उपलब्ध करवाई जा रही हेै। यह भी बताया गया कि यूआईडीएआई के तहत छूटे हुए विस्थापितों के नामांकन के लिए विशेष आधार शिविर लगाये गये है। मंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों को विस्थापित शिविरों में रहने वाले सभी लाभार्थियो की आवासीय स्थिति का प्रामणित डाटा एकत्रित करने के लिए एक सर्वे करने के निर्देश दिये।
मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि कर्मचारियों की सुविधा के लिए में प्रशासनिक ब्लाक के लिए डीपीआर तैयार की जानी चाहिए।
राहत एवं पुनर्वास आयुक्त एम. एल. रैणा, सहायक आयुक्त सुदर्शन कुमार, सम्बंधित एसीआर तथा संस्था के अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
इसके उपंरात मंत्री ने जम्मू में शुरू किये गये कार्यो की प्रगति की समीक्षा हेतु एवेक्यू प्रापटी विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता भी की।
मंत्री ने अधिकारियों को एवेक्यू भूमि तथा सम्पश्रि की सूची तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने गुणवत्ता वाले पेड़ों को लगाकर एवेक्यू भूमि के बागनों के विकास पर बल दिया।
कस्टोडियन जम्मू मुश्ताक अहमद मलिक, कस्टोडियन जम्मू बशीर अहमद मीर, डिप्टी कस्टोडियन, कार्यकारी अभियंता तथा विभाग के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
मंत्री ने यह बात विभिन्न राहत शिविरों में स्थापित जम्मू तथा कश्मीरी विस्थापितों को उपलब्ध करवाई गई राहत वितरण तथा अन्य सुविधाओं की समीक्षा हेतु आयोजित एक बैठक में कही।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि विस्थापित परिवारों को नकद सहायता एवं राशन उपलब्ध करवाने में कोई देरी नही होनी चाहिए।
विस्थापित कालोनियों को उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं की समीक्षा करते हुए मंत्री ने राहत एवं पुनर्वास आयुक्त को सभी स्थलों में बिजली पानी तथा चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने शिक्षा सुविधाओं को बढ़ाने पर भी बल दिया।
मंत्री को जानकारी दी गई कि विभिन्न विस्थापित शिविरों में 5 चिकित्सा केन्द्रों को क्रियाशील बनाया गया है जबकि जगटी में राहत संस्था द्वारा 40 बिस्तर वाले अस्पताल का निर्माण किया जा चूका है।
इसके अतिरिक्त यह जानकारी दी गई कि नवम्बर 2016 से जम्मू के विस्थापितों को कश्मीरी विस्थापितों की तरह वित्त नकद सहायता उपलब्ध करवाई जा रही हेै। यह भी बताया गया कि यूआईडीएआई के तहत छूटे हुए विस्थापितों के नामांकन के लिए विशेष आधार शिविर लगाये गये है। मंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों को विस्थापित शिविरों में रहने वाले सभी लाभार्थियो की आवासीय स्थिति का प्रामणित डाटा एकत्रित करने के लिए एक सर्वे करने के निर्देश दिये।
मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि कर्मचारियों की सुविधा के लिए में प्रशासनिक ब्लाक के लिए डीपीआर तैयार की जानी चाहिए।
राहत एवं पुनर्वास आयुक्त एम. एल. रैणा, सहायक आयुक्त सुदर्शन कुमार, सम्बंधित एसीआर तथा संस्था के अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
इसके उपंरात मंत्री ने जम्मू में शुरू किये गये कार्यो की प्रगति की समीक्षा हेतु एवेक्यू प्रापटी विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता भी की।
मंत्री ने अधिकारियों को एवेक्यू भूमि तथा सम्पश्रि की सूची तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने गुणवत्ता वाले पेड़ों को लगाकर एवेक्यू भूमि के बागनों के विकास पर बल दिया।
कस्टोडियन जम्मू मुश्ताक अहमद मलिक, कस्टोडियन जम्मू बशीर अहमद मीर, डिप्टी कस्टोडियन, कार्यकारी अभियंता तथा विभाग के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
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